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पटना: पुस्तक मेला के जरिए साहित्यकारों को किया जा रहा प्रमोट, फ्लैक्स पर लगाई गई पुरानी तस्वीरें

पुस्तक मेला के प्रशासनिक भवन के ठीक सामने, पुस्तक प्रेमियों के लिए एक सेल्फी-प्वाइंट बनाई गई है. यहां पटनावासी खूब सेल्फी क्लिक करते नजर आ रहे हैं. मेला टीम की ओर से बेस्ट सेल्फी अवार्ड के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं.

पुस्तक मेला के जरिेए साहित्यकारों को किया जा रहा प्रमोट
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Published : Nov 17, 2019, 9:41 AM IST

पटना: पुस्तक मेला ने अपनी यादों को सहेजने के लिए इस वर्ष गांधी मैदान के मेला परिसर में एक अनूठा प्रयास किया है. मेला टीम की ओर से एंट्री गेट से लेकर परिसर के अंदर स्थित प्रत्येक पोल पर एक-एक फ्लैक्स टांगी हुई है. इसमें 1985 से लेकर अब तक के लगे मेले के बारे में विभिन्न रोचक जानकारियां है. इसमें भी अधिकतर न्यूज आर्टिकल और मेला में घूमने आए फेमस पर्सनालिटी की विजिटर बुक में लिखी गई बातों का ही जिक्र है.

बच्चों के लिए बनाया गया फन जोन
इसके अलावा मेला परिसर में नन्हे बच्चों के लिए फन जोन भी बनाया गया है. इस जोन में बच्चे खूब मस्ती करते दिखे. साथ ही उनके पेरेंट्स अपने बच्चे-बच्चियों का खासा ख्याल करते दिखे. वहीं, पुस्तक मेला के प्रशासनिक भवन के ठीक सामने, पुस्तक प्रेमियों के लिए एक सेल्फी-प्वाइंट बनाई गई है. यहां पटनावासी खूब सेल्फी क्लिक करते नजर आ रहे हैं. मेला टीम की ओर से बेस्ट सेल्फी अवार्ड के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं.

patna book fair
बच्चों के लिए बनाया गया फन जोन

इसके लिए सबसे पहले आपको मेले से एक पुस्तक खरीदनी पड़ेगी. फिर उस पुस्तक के साथ सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी लेकर #टैग सेल्फी विद पुस्तक को पुस्तक मेला के वेबसाइट पर अपलोड करना है. इसमें जिसका भी सेल्फी बेस्ट रहेगा, उसे मेले के अंतिम दिन पुरस्कृत किया जाएगा.

कन्वीनर अमित झा का बयान

साहित्यकारों को किया जा रहा प्रमोट
पटना पुस्तक मेला के कन्वीनर अमित झा ने बताया कि इस मेले के जरिए यहां के स्थानीय साहित्यकारों को प्रमोट किया जा रहा है. इससे उन्हें पहचान भी मिल रही है. वे कहते हैं, पटना पुस्तक मेला 1985 से लेकर अब से पहले 2017 तक लगातार गांधी मैदान में लगा. इस बीच जितने भी पुस्तक प्रेमी यहां आए, उनकी कहीं ना कहीं तस्वीर पोल पर लगे फ्लेक्स के न्यूज आर्टिकल में नजर आ रहा है. यह एक तरीके से अपनी यादों को ताजा करने का एक बेहतर जरिया भी है.

पटना: पुस्तक मेला ने अपनी यादों को सहेजने के लिए इस वर्ष गांधी मैदान के मेला परिसर में एक अनूठा प्रयास किया है. मेला टीम की ओर से एंट्री गेट से लेकर परिसर के अंदर स्थित प्रत्येक पोल पर एक-एक फ्लैक्स टांगी हुई है. इसमें 1985 से लेकर अब तक के लगे मेले के बारे में विभिन्न रोचक जानकारियां है. इसमें भी अधिकतर न्यूज आर्टिकल और मेला में घूमने आए फेमस पर्सनालिटी की विजिटर बुक में लिखी गई बातों का ही जिक्र है.

बच्चों के लिए बनाया गया फन जोन
इसके अलावा मेला परिसर में नन्हे बच्चों के लिए फन जोन भी बनाया गया है. इस जोन में बच्चे खूब मस्ती करते दिखे. साथ ही उनके पेरेंट्स अपने बच्चे-बच्चियों का खासा ख्याल करते दिखे. वहीं, पुस्तक मेला के प्रशासनिक भवन के ठीक सामने, पुस्तक प्रेमियों के लिए एक सेल्फी-प्वाइंट बनाई गई है. यहां पटनावासी खूब सेल्फी क्लिक करते नजर आ रहे हैं. मेला टीम की ओर से बेस्ट सेल्फी अवार्ड के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं.

patna book fair
बच्चों के लिए बनाया गया फन जोन

इसके लिए सबसे पहले आपको मेले से एक पुस्तक खरीदनी पड़ेगी. फिर उस पुस्तक के साथ सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी लेकर #टैग सेल्फी विद पुस्तक को पुस्तक मेला के वेबसाइट पर अपलोड करना है. इसमें जिसका भी सेल्फी बेस्ट रहेगा, उसे मेले के अंतिम दिन पुरस्कृत किया जाएगा.

कन्वीनर अमित झा का बयान

साहित्यकारों को किया जा रहा प्रमोट
पटना पुस्तक मेला के कन्वीनर अमित झा ने बताया कि इस मेले के जरिए यहां के स्थानीय साहित्यकारों को प्रमोट किया जा रहा है. इससे उन्हें पहचान भी मिल रही है. वे कहते हैं, पटना पुस्तक मेला 1985 से लेकर अब से पहले 2017 तक लगातार गांधी मैदान में लगा. इस बीच जितने भी पुस्तक प्रेमी यहां आए, उनकी कहीं ना कहीं तस्वीर पोल पर लगे फ्लेक्स के न्यूज आर्टिकल में नजर आ रहा है. यह एक तरीके से अपनी यादों को ताजा करने का एक बेहतर जरिया भी है.

Intro:पटना पुस्तक मेला ने अपनी यादों को सहेजने के लिए इस वर्ष गांधी मैदान स्थित मेला परिसर में एक अनूठा प्रयास किया है. मेला टीम की ओर से एंट्री गेट से लेकर परिसर के अंदर स्थित प्रत्येक पोल पर एक-एक फ्लैक्स टांगी हुई है. इसमें 1985 से लेकर अब तक के लगे मेले के बारे में विभिन्न रोचक जानकारियां है. इसमें भी अधिकतर न्यूज़ आर्टिकल और मेला में घूमने आए फेमस पर्सनालिटी की विजिटर बुक में लिखी गई बातों का ही जिक्र है.


Body:इसके अलावा मेला परिसर में नन्हे बच्चों के लिए फन जोन भी बनाया गया है. इस जोन में बच्चे खूब मस्ती करते दिखे. साथ ही उनके पेरेंट्स अपने बच्चे-बच्चियों का खासा ख्याल करते दिखे. वहीं, पुस्तक मेला के प्रशासनिक भवन के ठीक सामने, पुस्तक प्रेमियों के लिए एक सेल्फी-प्वाइंट बनाई गई है. यहां पटनावासी खूब सेल्फी क्लिक करते नजर आ रहे हैं. मेला टीम की ओर से बेस्ट सेल्फी अवार्ड के लिए कुछ शर्ते रखी गई है. इसके लिए सबसे पहले आपको मेले से एक पुस्तक खरीदनी पड़ेगी. फिर उस पुस्तक के साथ सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी लेकर #टैग सेल्फी विद पुस्तक को पुस्तक मेला के वेबसाइट पर अपलोड करना है. इसमें जिसका भी सेल्फी बेस्ट रहेगा, उसे मेले के अंतिम दिन पुरस्कृत किया जाएगा.


Conclusion:पटना पुस्तक मेला के कन्वीनर अमित झा बताते हैं कि इस मेले के जरिए यहां के स्थानीय साहित्यकारों को प्रमोट किया जा रहा है. इससे उन्हें पहचान भी मिल रही है. वे कहते हैं, पटना पुस्तक मेला 1985 से लेकर अब से पहले 2017 तक लगातार गांधी मैदान में लगा. इस बीच जितने भी पुस्तक प्रेमी यहां आए, उनकी कहीं ना कहीं तस्वीर पोल पर लगे फ्लेक्स के न्यूज़ आर्टिकल में नजर आ रहा है. यह एक तरीके से अपनी यादों को ताजा करने का एक बेहतर जरिया भी है.
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