पटना : राजधानी के पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत दुल्हिन बाजार प्रखंड के थाना परिसर में हर शनिवार को विवादित जमीन का निपटारा मुख्यमंत्री के निर्देश पर किया जाता है. पीड़ित लोग थाना परिसर में निर्धारित समय से पहुंच कर सीओ साहब का इंतजार करते रहते हैं. लेकिन सीओ साहब निर्धारित समय से घंटों लेट पहुंचते हैं. सीओ साहब पहुंचकर जैसे-तैसे खानापूर्ति कर पीड़ित लोगों को अगले शनिवार को आने का निर्देश दे देते हैं.
जमीन विवाद निपटारा कैम्प में उपस्थित लोगों ने बताया की कई महीनों से रास्ता का विवाद के निपटारे को लेकर थाना कैम्प का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अभी तक विवाद का निपटारा करने का थाना या अंचल कार्यालय से प्रयास नहीं किया गया है. लोगों का अधिकारियों के काम काज पर सवाल उठाना लाजमी है. लोगों का कहना है कि काम धंधा छोड़ कर विवाद का निपटारा कराने के लिए सरकारी कार्यालय का चक्कर लगाकर थक गए. लेकिन सीओ राजीव कुमार के आश्वासन पर प्रत्येक शनिवार को थाना कैम्प पर हाजरी लगा रहे हैं.
नहीं हुई कर्रवाई
जमीन विवाद से परेशान फरियादी गुलालचक गांव निवासी उदय नारायण यादव ने कैम्प में बताया कि लगभग दो माह से शनिवार को सीओ और थानाध्यक्ष से मिलकर अपने जमीन सम्बंधित कागजात को दिखा कर दबंगो से जमीन को मुक्त कराने का गुहार लगा रहा हूं. लेकिन अभी तक किसी तरह की दोनों पक्षों पर कर्रवाई नहीं हुई. वहीं नबीनगर गांव निवासी आफाक अहमद ने बताया की महज रास्ता की विवाद समाधान को लेकर 4 माह से जमीन विवाद निपटारा कैम्प में हाजरी लगते लगते हार गए. लेकिन सीओ राजीव कुमार और थाना के अधिकारी ने विवाद के निपटारे के लिए कोई कानूनी कार्रवाई या समझौता नहीं किया.
दबंग के कब्जे से जमीन मुक्त कराने का किया आग्रह
दबंगो के द्वारा जबरन जमीन को कब्जा करने से परेशान कूकरी विघा गांव निवासी दिनेश शर्मा ने तो सीओ के फैसले का इंतजार करते करते पालीगंज डीसीएलआर न्यालय में शिकायत किया. जिसके बाद डीसीएलआर साहब ने दोनों पक्षों को जमीन मापी कराने का निर्देश दिया था. दोनों पक्षों के सहमति से सरकारी अमीन ने जमीन की मापी कर विवाद को सुलझा दिया. लेकिन दूसरे पक्ष ने दबंग होने के कारण मापी की गई जमीन को पुनः फिर कब्जा कर लिया. पीड़ित दिनेश शर्मा ने भूमि विवाद निपटारा कैम्प में शिकायत कर जमीन को दबंग के कब्जे से मुक्त कराने का आग्रह किया.
सीओ का क्या है कहना
सीओ राजीव कुमार ने बताया कि विवादित जमीन के निपटारे करने में सीमांकन तथा एक साथ दोनों पक्षों को उपस्थित नहीं होने के कारण विवाद का निपटारा नहीं हो सका है. जो विवादित जमीन के दोनों पक्षों के लोग उपस्थित हुए है, उनका कम समय मे विवाद को सुलझा दिया गया है.