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Patna News: पटना में CS रिटायर, दिव्यांग प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर के लिए रो रहे परीक्षार्थी

पटना जिला सिविल सर्जन के रिटायरमेंट के बाद कार्यालय में काम ठप पड़ (Office work stalled after CS retirement in Patna ) गया है. कोई भी रूटीन काम नहीं हो पा रहा है. गुरु गोविंद सिंह हाॅस्टपिटल के अधीक्षक को आपात प्रभार दिया गया है. रुटीन काम नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. खासकर दिव्यांग सार्टिफिकेट बनवाने वाले और उसपर हस्ताक्षर के लिए लोग परेशान हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Mar 1, 2023, 5:35 PM IST

पटना के सीएस की सेवानिवृति के बाद ठप पड़ा काम

पटना: बिहार की राजधानी पटना में स्वास्थ्य विभाग (Health Department Patna ) अधिकारियों के शिथिल रवैया की भेंट चढ़ गया है. पटना जिला सिविल सर्जन डॉ केके राय मंगलवार 28 फरवरी को रिटायर्ड हो गए. स्वास्थ्य विभाग ने उनकी जगह किसी को प्रभार नहीं दिया. ऐसे में सिविल सर्जन डॉ केके राय ने देर रात 9:00 बजे अपना पदभार छोड़ा और सबसे वरिष्ठ चिकित्सक के रूप में मौजूद गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के अधीक्षक आरआर चौधरी को पदभार सौंपा.

ये भी पढ़ेंः पटना सिविल सर्जन ने 5 बार लगवाया कोरोना का टीका, पूछे जाने पर दिया ये जवाब..

दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए रो रहा था अभ्यर्थीः दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने दिव्यांग अभ्यर्थी सोमनाथ कुमार फूट फूट कर रो रहे थे कि अब उनका क्या होगा क्योंकि दिव्यांग होने की वजह से वह टाइपिंग टेस्ट में शरीक नहीं हो सकते हैं. इस टेस्ट में शरीक होने के लिए जो सर्टिफिकेट चाहिए उस पर सिविल सर्जन का हस्ताक्षर अनिवार्य है. फिजियोथैरेपिस्ट प्रिंस कुमार ने बताया कि वह अपने भतीजे का दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं. लेकिन यहां बताया गया कि सिविल सर्जन नहीं है और अभी यह सर्टिफिकेट नहीं बन पाएगा. उन्होंने बताया कि दिव्यांगता सर्टिफिकेट के लिए सिविल सर्जन का हस्ताक्षर बेहद जरूरी है.

3 मार्च को है परीक्षाः सोमनाथ ने बताया कि 3 मार्च को वाराणसी में उनका एसएससी सीजीएल की परीक्षा है. उन्हें टाइपिंग टेस्ट देना है. वह दोनों हाथ से टाइपिंग नहीं कर सकते हैं और उस स्पीड को मैच नहीं कर पाएंगे. उन लोगों के लिए एक अलग व्यवस्था रहती है, लेकिन उसके लिए उस व्यवस्था में शरीक होने के लिए जरूरी है कि उनके दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर और एडमिट कार्ड पर सिविल सर्जन का हस्ताक्षर किया हुआ हो.

28 फरवरी को नहीं बन पाया था सर्टिफिकेटः सोमनाथ ने बताया कि 27 फरवरी को एसएससी ने वेबसाइट पर एडमिट कार्ड अपलोड किया है और इसके बाद वह कल 28 को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे, यहां उन्हें कर्मियों ने यह कह कर भगा दिया कि आज सिविल सर्जन रिटायर हो रहे हैं. कल आओ काम हो जाएगा. जब आज वह यहां पहुंचे हैं तो कोई उसे ठीक से बात नहीं कर रहा और सभी कह रहे हैं कि तुम्हारा काम नहीं हो पाएगा. अब उन्हें लग रहा है कि वह परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे क्योंकि कल उन्हें बनारस का ट्रेन पकड़ना है परीक्षा बनारस में पड़ा है. वह काफी परेशान है और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें.

"27 फरवरी को एसएससी ने वेबसाइट पर एडमिट कार्ड अपलोड किया है और इसके बाद वह कल 28 को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे, यहां उन्हें कर्मियों ने यह कह कर भगा दिया कि आज सिविल सर्जन रिटायर हो रहे हैं. कल आओ काम हो जाएगा. जब आज वह यहां पहुंचे हैं तो कोई उसे ठीक से बात नहीं कर रहा और सभी कह रहे हैं कि तुम्हारा काम नहीं हो पाएगा. 3 मार्च को वाराणसी में परीक्षा है" -सोमनाथ कुमार, छात्र

नहीं मिला है वित्तीय प्रभारः सीएस कार्यालय के कर्मियों ने बताया कि जिला सिविल सर्जन कल रिटायर कर गए हैं. इसके अलावा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का पद 8 महीनों से रिक्त पड़ा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग ने किसी को प्रभार नहीं दिया है. सिविल सर्जन ने रिटायर होते वक्त गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के अधीक्षक को प्रभार दिया है और इस प्रभार का मतलब होता है कि आपातकालीन स्थिति में आवश्यक कार्य कर पाएंगे. उन्हें कोई भी वित्तीय प्रभार नहीं दिया गया है.

नहीं हो पा रहा कोई कामः फिजियोथैरेपिस्ट रोहित कुमार ने बताया कि वह ड्यूटी आईडी का कार्ड लेने के लिए और उसके बारे में पता लगाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं और उन्हें सिविल सर्जन से मिलना लेकिन यहां के कर्मचारियों ने बताया कि अभी सिविल सर्जन नहीं है ना ही यहां कोई अधिकारी मौजूद है ऐसे में चार-पांच दिन बाद आइए. वह अपनी ड्यूटी आईडी का पता लगाने के लिए सब काम छोड़कर काफी दूर से यहां पहुंचे हुए थे और यहां काम जब नहीं हुआ तो निराशा हाथ लगी है.

"ड्यूटी आईडी का कार्ड लेने के लिए और उसके बारे में पता लगाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं और सिविल सर्जन से मिलना है, लेकिन यहां के कर्मचारियों ने बताया कि अभी सिविल सर्जन नहीं है ना ही यहां कोई अधिकारी मौजूद है ऐसे में चार-पांच दिन बाद आइए" - रोहित कुमार, फिजियोथैरेपिस्ट

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का पद भी खालीः इससे पहले पटना जिले में महीनों से अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का पद भी खाली है. इसका नतीजा यह हुआ है कि सिविल सर्जन कार्यालय के सभी रूटीन कार्य ठप पड़ गए हैं. सिविल सर्जन कार्यालय के रूटीन कार्य ठप पड़ने का सबसे बड़ा खामियाजा उन दिव्यांग छात्रों को हो रहा है. जिनकी 3 मार्च को एसएससी सीजीएल की परीक्षा है. सिविल सर्जन कार्यालय में सिविल सर्जन के बिना सन्नाटा पसरा हुआ है और दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जो अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं, वह निराश होकर लौट रहे हैं.

पटना के सीएस की सेवानिवृति के बाद ठप पड़ा काम

पटना: बिहार की राजधानी पटना में स्वास्थ्य विभाग (Health Department Patna ) अधिकारियों के शिथिल रवैया की भेंट चढ़ गया है. पटना जिला सिविल सर्जन डॉ केके राय मंगलवार 28 फरवरी को रिटायर्ड हो गए. स्वास्थ्य विभाग ने उनकी जगह किसी को प्रभार नहीं दिया. ऐसे में सिविल सर्जन डॉ केके राय ने देर रात 9:00 बजे अपना पदभार छोड़ा और सबसे वरिष्ठ चिकित्सक के रूप में मौजूद गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल के अधीक्षक आरआर चौधरी को पदभार सौंपा.

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दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए रो रहा था अभ्यर्थीः दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने दिव्यांग अभ्यर्थी सोमनाथ कुमार फूट फूट कर रो रहे थे कि अब उनका क्या होगा क्योंकि दिव्यांग होने की वजह से वह टाइपिंग टेस्ट में शरीक नहीं हो सकते हैं. इस टेस्ट में शरीक होने के लिए जो सर्टिफिकेट चाहिए उस पर सिविल सर्जन का हस्ताक्षर अनिवार्य है. फिजियोथैरेपिस्ट प्रिंस कुमार ने बताया कि वह अपने भतीजे का दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं. लेकिन यहां बताया गया कि सिविल सर्जन नहीं है और अभी यह सर्टिफिकेट नहीं बन पाएगा. उन्होंने बताया कि दिव्यांगता सर्टिफिकेट के लिए सिविल सर्जन का हस्ताक्षर बेहद जरूरी है.

3 मार्च को है परीक्षाः सोमनाथ ने बताया कि 3 मार्च को वाराणसी में उनका एसएससी सीजीएल की परीक्षा है. उन्हें टाइपिंग टेस्ट देना है. वह दोनों हाथ से टाइपिंग नहीं कर सकते हैं और उस स्पीड को मैच नहीं कर पाएंगे. उन लोगों के लिए एक अलग व्यवस्था रहती है, लेकिन उसके लिए उस व्यवस्था में शरीक होने के लिए जरूरी है कि उनके दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर और एडमिट कार्ड पर सिविल सर्जन का हस्ताक्षर किया हुआ हो.

28 फरवरी को नहीं बन पाया था सर्टिफिकेटः सोमनाथ ने बताया कि 27 फरवरी को एसएससी ने वेबसाइट पर एडमिट कार्ड अपलोड किया है और इसके बाद वह कल 28 को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे, यहां उन्हें कर्मियों ने यह कह कर भगा दिया कि आज सिविल सर्जन रिटायर हो रहे हैं. कल आओ काम हो जाएगा. जब आज वह यहां पहुंचे हैं तो कोई उसे ठीक से बात नहीं कर रहा और सभी कह रहे हैं कि तुम्हारा काम नहीं हो पाएगा. अब उन्हें लग रहा है कि वह परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे क्योंकि कल उन्हें बनारस का ट्रेन पकड़ना है परीक्षा बनारस में पड़ा है. वह काफी परेशान है और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें.

"27 फरवरी को एसएससी ने वेबसाइट पर एडमिट कार्ड अपलोड किया है और इसके बाद वह कल 28 को एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे, यहां उन्हें कर्मियों ने यह कह कर भगा दिया कि आज सिविल सर्जन रिटायर हो रहे हैं. कल आओ काम हो जाएगा. जब आज वह यहां पहुंचे हैं तो कोई उसे ठीक से बात नहीं कर रहा और सभी कह रहे हैं कि तुम्हारा काम नहीं हो पाएगा. 3 मार्च को वाराणसी में परीक्षा है" -सोमनाथ कुमार, छात्र

नहीं मिला है वित्तीय प्रभारः सीएस कार्यालय के कर्मियों ने बताया कि जिला सिविल सर्जन कल रिटायर कर गए हैं. इसके अलावा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का पद 8 महीनों से रिक्त पड़ा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग ने किसी को प्रभार नहीं दिया है. सिविल सर्जन ने रिटायर होते वक्त गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के अधीक्षक को प्रभार दिया है और इस प्रभार का मतलब होता है कि आपातकालीन स्थिति में आवश्यक कार्य कर पाएंगे. उन्हें कोई भी वित्तीय प्रभार नहीं दिया गया है.

नहीं हो पा रहा कोई कामः फिजियोथैरेपिस्ट रोहित कुमार ने बताया कि वह ड्यूटी आईडी का कार्ड लेने के लिए और उसके बारे में पता लगाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं और उन्हें सिविल सर्जन से मिलना लेकिन यहां के कर्मचारियों ने बताया कि अभी सिविल सर्जन नहीं है ना ही यहां कोई अधिकारी मौजूद है ऐसे में चार-पांच दिन बाद आइए. वह अपनी ड्यूटी आईडी का पता लगाने के लिए सब काम छोड़कर काफी दूर से यहां पहुंचे हुए थे और यहां काम जब नहीं हुआ तो निराशा हाथ लगी है.

"ड्यूटी आईडी का कार्ड लेने के लिए और उसके बारे में पता लगाने के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे हुए हैं और सिविल सर्जन से मिलना है, लेकिन यहां के कर्मचारियों ने बताया कि अभी सिविल सर्जन नहीं है ना ही यहां कोई अधिकारी मौजूद है ऐसे में चार-पांच दिन बाद आइए" - रोहित कुमार, फिजियोथैरेपिस्ट

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का पद भी खालीः इससे पहले पटना जिले में महीनों से अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का पद भी खाली है. इसका नतीजा यह हुआ है कि सिविल सर्जन कार्यालय के सभी रूटीन कार्य ठप पड़ गए हैं. सिविल सर्जन कार्यालय के रूटीन कार्य ठप पड़ने का सबसे बड़ा खामियाजा उन दिव्यांग छात्रों को हो रहा है. जिनकी 3 मार्च को एसएससी सीजीएल की परीक्षा है. सिविल सर्जन कार्यालय में सिविल सर्जन के बिना सन्नाटा पसरा हुआ है और दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जो अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं, वह निराश होकर लौट रहे हैं.

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