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नूपुर को छत पर सब्जी-फल उगाने का शौक, बाजार से नहीं खरीदतीं सब्जियां - पटना में छत पर गार्डनिंग

राजधानी पटना (Patna) की रहने वाली समाजसेवी नूपुर प्रसाद (Nupur Prasad) को गार्डनिंग (Gardening) का काफी शौक है. पिछले 6-7 सालों से वह अपने छत पर ही साग-सब्जियों के साथ-साथ कई तरह के फल और फूल की खेती कर रही हैं.

पटना
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Published : Jul 1, 2021, 6:34 PM IST

पटना: आजकल लोगों में छत पर गार्डनिंग (Gardening) का शौक काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. हम बात कर रहे हैं पटना की रहने वाली नूपुर प्रसाद (Nupur Prasad) की, जिन्होंने अपने छत को ही बगीचे में तब्दील कर दिया है. एक ऐसा छत जहां साग, सब्जी, फल-फूल और जड़ी बूटी के साथ-साथ कई तरह के पौधे लगे हैं. अपने छत पर ही गार्डनिंग कर वह अपने घर की शोभा बढ़ा रही हैं, साथ ही लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी करतीं हैं. बता दें कि नूपुर प्रसाद एक समाज सेवी हैं जो कई गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं और डांस भी सिखाती हैं. इसके साथ-साथ पेंटिंग उन्हे पेंटिंग का भी शौक है.

ये भी पढ़ें- पटना में घर की छतों पर उगाई जा रहीं सब्जियां, कृषि विभाग की मुहिम लाई रंग

छत पर ही की है गार्डनिंग
नूपुर जल जीवन हरियाली को लेकर भी लोगों को प्रेरित कर रही हैं. लगभग 6-7 सालों से वह अपने छत पर ही बागवानी कर रही हैं. नूपुर का कहना है कि जब वह किराए के मकान में रहती थी. उसी समय से उनका शौक था कि बागवानी करें. लेकिन मकान मालिक से हमेशा कहासुनी होने के कारण वह कम ही कर पातीं थीं. इसके बाद वह ढ़ाई साल पहले अपने घर आयीं और तब से अपने छत को ही बगीचे में तब्दील कर दिया है. उन्होंने अपने छत पर केला, नारियल, आम, लीची, कई तरह के फूल और सीजनल सब्जियां लगाई हैं.

Patna
छत पर गार्डन

साग-सब्जियां खरीदने की नहीं पड़ती जरूरत
नूपुर का कहना है कि मुझे साग-सब्जियां खरीदने की जरूरत नहीं होती है. सबसे अहम बात यह है कि जो भी साग सब्जियां नूपुर उगाती हैं, वह अपने द्वारा बनाए गमले में ही उगाती हैं. वह अनुपयोगी प्लास्टिक के समान जैसे पानी के बोतल और प्लास्टिक की बाल्टी को मिलाकर गमला तैयार कर लेती हैं. इसके बाद उसे सीमेंटेड कर उसी में सारी सब्जियां उगाती हैं. यहां तक कि लकड़ी का स्टैंड भी खुद से बनाकर फूलों को नया लुक देती हैं. वहीं, पौधों को मजबूती देने के लिए वह खुद के हाथों से गाय का गोबर और फल-फूल के छिलकों से बनायी हुई खाद का इस्तेमाल करतीं हैं.

Patna
सब्जियों को दिखाती नूपुर प्रसाद

ये भी पढ़ें- विदेश की नौकरी छोड़ टेरिस गार्डनिंग में जागी रुचि, देखें वीडियो...

बागवानी में ऑक्सीजन प्लांट भी हैं मौजूद
नूपुर ने बताया कि कोरोना काल में लोगों को ऑक्सीजन की समस्या हुई तो उसको देखते हुए हमने बागवानी में ऑक्सीजन प्लांट लगाना शुरू कर दिया. जिसके बाद रोजाना गार्डन में तीन से चार घंटा मेहनत करती हैं. उन्होंने कहा कि इन दिनों राजधानी पटना में प्रदूषण काफी बढ़ गया है और दिन प्रतिदिन पेड़ पौधे कम होते जा रहे हैं. ऐसे में लोग अपने छत पर या बालकनी में गार्डनिंग कर ताजी हवा भी ले सकते हैं. बागवानी लगाने से शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

बता दें कि नूपुर प्रसाद ने कोरोना काल में कई लोगों की मदद की है. इसके साथ ही उन्होंने कई लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर देकर उनकी जान भी बचाई है.

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पटना: आजकल लोगों में छत पर गार्डनिंग (Gardening) का शौक काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. हम बात कर रहे हैं पटना की रहने वाली नूपुर प्रसाद (Nupur Prasad) की, जिन्होंने अपने छत को ही बगीचे में तब्दील कर दिया है. एक ऐसा छत जहां साग, सब्जी, फल-फूल और जड़ी बूटी के साथ-साथ कई तरह के पौधे लगे हैं. अपने छत पर ही गार्डनिंग कर वह अपने घर की शोभा बढ़ा रही हैं, साथ ही लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी करतीं हैं. बता दें कि नूपुर प्रसाद एक समाज सेवी हैं जो कई गरीब बच्चों को पढ़ाती हैं और डांस भी सिखाती हैं. इसके साथ-साथ पेंटिंग उन्हे पेंटिंग का भी शौक है.

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छत पर ही की है गार्डनिंग
नूपुर जल जीवन हरियाली को लेकर भी लोगों को प्रेरित कर रही हैं. लगभग 6-7 सालों से वह अपने छत पर ही बागवानी कर रही हैं. नूपुर का कहना है कि जब वह किराए के मकान में रहती थी. उसी समय से उनका शौक था कि बागवानी करें. लेकिन मकान मालिक से हमेशा कहासुनी होने के कारण वह कम ही कर पातीं थीं. इसके बाद वह ढ़ाई साल पहले अपने घर आयीं और तब से अपने छत को ही बगीचे में तब्दील कर दिया है. उन्होंने अपने छत पर केला, नारियल, आम, लीची, कई तरह के फूल और सीजनल सब्जियां लगाई हैं.

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छत पर गार्डन

साग-सब्जियां खरीदने की नहीं पड़ती जरूरत
नूपुर का कहना है कि मुझे साग-सब्जियां खरीदने की जरूरत नहीं होती है. सबसे अहम बात यह है कि जो भी साग सब्जियां नूपुर उगाती हैं, वह अपने द्वारा बनाए गमले में ही उगाती हैं. वह अनुपयोगी प्लास्टिक के समान जैसे पानी के बोतल और प्लास्टिक की बाल्टी को मिलाकर गमला तैयार कर लेती हैं. इसके बाद उसे सीमेंटेड कर उसी में सारी सब्जियां उगाती हैं. यहां तक कि लकड़ी का स्टैंड भी खुद से बनाकर फूलों को नया लुक देती हैं. वहीं, पौधों को मजबूती देने के लिए वह खुद के हाथों से गाय का गोबर और फल-फूल के छिलकों से बनायी हुई खाद का इस्तेमाल करतीं हैं.

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सब्जियों को दिखाती नूपुर प्रसाद

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बागवानी में ऑक्सीजन प्लांट भी हैं मौजूद
नूपुर ने बताया कि कोरोना काल में लोगों को ऑक्सीजन की समस्या हुई तो उसको देखते हुए हमने बागवानी में ऑक्सीजन प्लांट लगाना शुरू कर दिया. जिसके बाद रोजाना गार्डन में तीन से चार घंटा मेहनत करती हैं. उन्होंने कहा कि इन दिनों राजधानी पटना में प्रदूषण काफी बढ़ गया है और दिन प्रतिदिन पेड़ पौधे कम होते जा रहे हैं. ऐसे में लोग अपने छत पर या बालकनी में गार्डनिंग कर ताजी हवा भी ले सकते हैं. बागवानी लगाने से शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

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बता दें कि नूपुर प्रसाद ने कोरोना काल में कई लोगों की मदद की है. इसके साथ ही उन्होंने कई लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर देकर उनकी जान भी बचाई है.

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