ETV Bharat / state

इलाज के लिए कैंसर मरीजों की बढ़ी संख्या, लॉकडाउन के दौरान भी चलती रहीं ये सेवा - aiims patna

कैंसर मरीजों को लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी. परिवहन की सुविधा बंद होने के साथ-साथ कई अस्पतालों में ताला लटका रहा.

बिहार में कैंसर का इलाज
बिहार में कैंसर का इलाज
author img

By

Published : Jun 17, 2020, 10:06 PM IST

पटना: लॉकडाउन के दौरान बिहार में कैंसर मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं, पटना के आईजीआईएमएस और महावीर कैंसर संस्थान में भर्ती मरीजों का इलाज चलता रहा. यहां कीमोथेरेपी और रेडिएशन भी किया जाता रहा. ईटीवी भारत ने इस बाबत अस्पतालों का रुख करते हुए लॉकडाउन के हालात और अब के हालातों का जायजा लिया.

लॉकडाउन के दौरान जहां मरीजों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी. वहीं, उनके सैंपल को जांच के लिए बाहर भी नहीं भेजा जा रहा था. कुरियर सेवा पूरी तरह बंद होने के चलते यह मुसीबत खड़ी हुई. आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 30 से 40 मरीजों का इलाज संस्थान में किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि हमारा अस्पताल सरकारी है. ऐसे में आशा की किरण सिर्फ आईजीआईएमएस था. प्राइवेट अस्पताल सभी बंद थे. हमने कैंसर को लेकर ओपीडी शुरू की. सस्ते दर पर मरीजों का इलाज किया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बढ़ी मरीजों की संख्या
मनीष मंडल ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक-1 में मरीजों की संख्या बढ़ी है. अब रोजाना तकरीबन 150 मरीज अस्पताल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रख रहे हैं.

कैंसर रोगियों के लिए घातक है कोरोना
कैंसर के विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा कैंसर रोगी में होता है. कैंसर मरीजों की इम्यूनिटी पावर कम होती है. उन्होंने कहा कि यह इम्यूनिटी बार-बार रेडिएशन या कीमोथेरेपी होने के कारण और कम हो जाती है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन-5 शुरू होते ही मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि सभी का इलाज समय से हो. उन्होंने कहा कि कैंसर इलाज के दौरान मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. उनमें चिढ़चिढ़ापन आ जाता है भूख नहीं लगती है.

आईजीआईएमएस
आईजीआईएमएस

बंद रही सर्जरी
कैंसर मरीजों के इलाज के लिए ऑन्कोलॉजी सर्जरी की जाती है. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इसपर रोक लगा दी गई थी क्योंकि सर्जरी से मरीजों की इम्यूनिटी पावर कम हो जाती है.

एम्स में बंद रही सर्जरी

  • लॉकडाउन के दौरान एम्स पटना के कैंसर विभाग में लॉकडाउन के बाद से ही सर्जरी पूरी तरह से बंद रही.
  • यहां रेडिएशन मशीन पिछले छह महीने से खराब थीं. यहां रेडिएशन तो पहले से ही बंद था.
  • बता दें कि बिहार में कोरोना से पहली मौत कैंसर ग्रसित शख्स की हुई थी.
    खुल गया सर्जरी सेंटर
    खुल गया सर्जरी सेंटर

बहरहाल, अनलॉक-1 के बाद पटना के सभी कैंसर अस्पताल खुल गए हैं. मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों का दावा है कि कैंसर मरीजों को एहतियात के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जाएंगी.

महावीर कैंसर संस्थान
महावीर कैंसर संस्थान

कोरोना से बचाव और कैंसर का इलाज

  • हॉस्पिटल में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
  • मास्क बिना मरीजों और उनके परिजनों को एंट्री नहीं दी जा रही है.
  • हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रिनिंग की जा रही है.
  • पीपीई किट का इस्तेमाल कर डॉक्टर इलाज कर रहे हैं.
  • मरीजों के साथ एक परिजन को अनुमति दी जा रही है.
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

पटना: लॉकडाउन के दौरान बिहार में कैंसर मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं, पटना के आईजीआईएमएस और महावीर कैंसर संस्थान में भर्ती मरीजों का इलाज चलता रहा. यहां कीमोथेरेपी और रेडिएशन भी किया जाता रहा. ईटीवी भारत ने इस बाबत अस्पतालों का रुख करते हुए लॉकडाउन के हालात और अब के हालातों का जायजा लिया.

लॉकडाउन के दौरान जहां मरीजों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी. वहीं, उनके सैंपल को जांच के लिए बाहर भी नहीं भेजा जा रहा था. कुरियर सेवा पूरी तरह बंद होने के चलते यह मुसीबत खड़ी हुई. आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 30 से 40 मरीजों का इलाज संस्थान में किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि हमारा अस्पताल सरकारी है. ऐसे में आशा की किरण सिर्फ आईजीआईएमएस था. प्राइवेट अस्पताल सभी बंद थे. हमने कैंसर को लेकर ओपीडी शुरू की. सस्ते दर पर मरीजों का इलाज किया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बढ़ी मरीजों की संख्या
मनीष मंडल ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक-1 में मरीजों की संख्या बढ़ी है. अब रोजाना तकरीबन 150 मरीज अस्पताल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रख रहे हैं.

कैंसर रोगियों के लिए घातक है कोरोना
कैंसर के विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा कैंसर रोगी में होता है. कैंसर मरीजों की इम्यूनिटी पावर कम होती है. उन्होंने कहा कि यह इम्यूनिटी बार-बार रेडिएशन या कीमोथेरेपी होने के कारण और कम हो जाती है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन-5 शुरू होते ही मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि सभी का इलाज समय से हो. उन्होंने कहा कि कैंसर इलाज के दौरान मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. उनमें चिढ़चिढ़ापन आ जाता है भूख नहीं लगती है.

आईजीआईएमएस
आईजीआईएमएस

बंद रही सर्जरी
कैंसर मरीजों के इलाज के लिए ऑन्कोलॉजी सर्जरी की जाती है. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इसपर रोक लगा दी गई थी क्योंकि सर्जरी से मरीजों की इम्यूनिटी पावर कम हो जाती है.

एम्स में बंद रही सर्जरी

  • लॉकडाउन के दौरान एम्स पटना के कैंसर विभाग में लॉकडाउन के बाद से ही सर्जरी पूरी तरह से बंद रही.
  • यहां रेडिएशन मशीन पिछले छह महीने से खराब थीं. यहां रेडिएशन तो पहले से ही बंद था.
  • बता दें कि बिहार में कोरोना से पहली मौत कैंसर ग्रसित शख्स की हुई थी.
    खुल गया सर्जरी सेंटर
    खुल गया सर्जरी सेंटर

बहरहाल, अनलॉक-1 के बाद पटना के सभी कैंसर अस्पताल खुल गए हैं. मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों का दावा है कि कैंसर मरीजों को एहतियात के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जाएंगी.

महावीर कैंसर संस्थान
महावीर कैंसर संस्थान

कोरोना से बचाव और कैंसर का इलाज

  • हॉस्पिटल में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
  • मास्क बिना मरीजों और उनके परिजनों को एंट्री नहीं दी जा रही है.
  • हैंड सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रिनिंग की जा रही है.
  • पीपीई किट का इस्तेमाल कर डॉक्टर इलाज कर रहे हैं.
  • मरीजों के साथ एक परिजन को अनुमति दी जा रही है.
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.