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रेरा ने पटना के 25 बिल्डरों को जारी किया नोटिस, जल्द ऑडिट रिपोर्ट जमा करने का दिया निर्देश - बिहार रियल एस्टेट के द्वारा कार्रवाई न्यूज

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के सदस्य आरबी सिन्हा ने कहा कि बिहार में रेरा के नियम-7 के अनुसार सभी बिल्डर कंपनी को ऑडिट रिपोर्ट सालाना देना है. लेकिन अभी तक वर्ष 2017-2018 की रिपोर्ट कई बिल्डर कंपनी ने नहीं जमा किया है. इसलिए नोटिस जारी कर इनको रिपोर्ट देने को कहा गया है.

बिहार रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी
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Published : Aug 5, 2019, 11:56 PM IST

पटना: बिहार रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने बिल्डर्स कंपनी के ग्राहकों से लेनदेन और खर्च के मामले का जांच किया तो पाया गया कि बिल्डर्सों ने अभी तक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं किया है. इस पर कार्रवाई करते हुए रेरा ने राज्य के 25 बिल्डरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बिल्डरों से कहा गया है कि 2017- 18 से बन रहे आवासीय फ्लैट के लिए उन्होंने ग्राहकों से जो राशि ली थी उसका ऑडिट रिपोर्ट जल्द जमा करें और ऑल बुक प्रोजेक्ट के निर्माण में किस तरह और कितना खर्च किया गया है इसकी भी जानकारी दें.

जानकारी देते आरबी सिन्हा, सदस्य रेरा

रेरा ने 25 बिल्डरों को नोटिस देकर मांगा जवाब

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के सदस्य आरबी सिन्हा ने कहा कि बिहार में रेरा के नियम 7 के अनुसार सभी बिल्डर कंपनी को ऑडिट रिपोर्ट सालाना देना है. लेकिन अभी तक वर्ष 2017-2018 का रिपोर्ट कई बिल्डर कंपनी ने नहीं जमा किया है. कई ऐसे बिल्डर कंपनी हैं जिन्होंने पैसे लेनदेन के लिए अलग-अलग अकाउंट खोल रखा है. ग्राहकों से पैसा लेने की उनका अलग अकाउंट है और खर्च करने के अलग अकाउंट . इन सब मामले की जानकारी मिली तो रेरा ने मामले की जांच करने के बाद 25 बिल्डरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है.

patna news
रेरा

रेरा का गठन 2016 में किया गया था

साथ ही रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अग्रणी होम्स रियल स्टेट कंपनी को ग्राहक से लिए गए पैसे और खर्च किए गए पैसे के हिसाब में गड़बड़ी के लिए भी शो कॉज नोटिस जारी किया है. इस कंपनी से 1 हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है. आपको बता दें कि बिहार में ग्राहक आवासीय फ्लैट खरीद के नाम पर बिल्डर द्वारा ठगे जाते थे. जसकी शिकायत पर रेगुलेटरी एक्ट के द्वारा बिल्डरों पर शिकंजा कसा जा रहा है. गौरतलब है कि बिहार सरकार ने रेरा का गठन 2016 में एक अधिनियम बनाया था. रेरा के सेक्शन 60 एक्ट के अनुसार ही बिल्डरों पर कार्रवाई की जाती है.

पटना: बिहार रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने बिल्डर्स कंपनी के ग्राहकों से लेनदेन और खर्च के मामले का जांच किया तो पाया गया कि बिल्डर्सों ने अभी तक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं किया है. इस पर कार्रवाई करते हुए रेरा ने राज्य के 25 बिल्डरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बिल्डरों से कहा गया है कि 2017- 18 से बन रहे आवासीय फ्लैट के लिए उन्होंने ग्राहकों से जो राशि ली थी उसका ऑडिट रिपोर्ट जल्द जमा करें और ऑल बुक प्रोजेक्ट के निर्माण में किस तरह और कितना खर्च किया गया है इसकी भी जानकारी दें.

जानकारी देते आरबी सिन्हा, सदस्य रेरा

रेरा ने 25 बिल्डरों को नोटिस देकर मांगा जवाब

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के सदस्य आरबी सिन्हा ने कहा कि बिहार में रेरा के नियम 7 के अनुसार सभी बिल्डर कंपनी को ऑडिट रिपोर्ट सालाना देना है. लेकिन अभी तक वर्ष 2017-2018 का रिपोर्ट कई बिल्डर कंपनी ने नहीं जमा किया है. कई ऐसे बिल्डर कंपनी हैं जिन्होंने पैसे लेनदेन के लिए अलग-अलग अकाउंट खोल रखा है. ग्राहकों से पैसा लेने की उनका अलग अकाउंट है और खर्च करने के अलग अकाउंट . इन सब मामले की जानकारी मिली तो रेरा ने मामले की जांच करने के बाद 25 बिल्डरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है.

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रेरा

रेरा का गठन 2016 में किया गया था

साथ ही रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अग्रणी होम्स रियल स्टेट कंपनी को ग्राहक से लिए गए पैसे और खर्च किए गए पैसे के हिसाब में गड़बड़ी के लिए भी शो कॉज नोटिस जारी किया है. इस कंपनी से 1 हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है. आपको बता दें कि बिहार में ग्राहक आवासीय फ्लैट खरीद के नाम पर बिल्डर द्वारा ठगे जाते थे. जसकी शिकायत पर रेगुलेटरी एक्ट के द्वारा बिल्डरों पर शिकंजा कसा जा रहा है. गौरतलब है कि बिहार सरकार ने रेरा का गठन 2016 में एक अधिनियम बनाया था. रेरा के सेक्शन 60 एक्ट के अनुसार ही बिल्डरों पर कार्रवाई की जाती है.

Intro:एंकर बिहार रियल एस्टेट रेगुलेटर रेगुलेटरी अथॉरिटी ने बिहार के 25 बड़े बिल्डरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है कि 2017- 18 से बन रहे आवासीय फ्लैट के लिए उन्होंने ग्राहकों से जो राशि ली थी उसका ऑडिट रिपोर्ट अभी तक क्यों नहीं जमा किया गया है ऑल बुक प्रोजेक्ट के निर्माण में किस तरह और कितना खर्च किया गया है आपको बता दें कि रेरा ने बिल्डर्स कंपनी के ग्राहकों से लेनदेन और खर्च के मामले का जांच किया और इसके पश्चात 25 बिल्डरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है


Body:रेरा के सदस्य आरबी सिन्हा ने कहा है कि बिहार में रेरा के नियम 7 के अनुसार सभी बिल्डर कंपनी को ऑडिट रिपोर्ट सालाना देना है लेकिन अभी तक वर्ष 2017-2018 का रिपोर्ट कई बिल्डर कंपनी ने नहीं जमा किया है और कई ऐसे बिल्डर कंपनी हैं जिन जिन्होंने अलग-अलग अकाउंट खोल रखा है ग्राहकों से पैसा लेने की अलग अकाउंट है और खर्च करने के अलग अकाउंट है इन सब मामले की जानकारी रेरा को मिली रेरा ने इसका जांच किया और जांच करने के बाद 25 बिल्डरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है


Conclusion:साथ ही रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अग्रणी होम्स रियल एस्टेट कंपनी को ग्राहक से लिए गए पैसे और खर्च किए गए पैसे के हिसाब में गड़बड़ी के लिए भी शो कॉज नोटिस जारी किया है और उनसे 1 हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा गया है आपको बता दें कि बिहार में लगातार रेगुलेटरी एक्ट के द्वारा बिल्डरों पर शिकंजा कसा जा रहा है क्योंकि आए दिन जिस तरह से ग्राहक आवासीय फ्लैट खरीद के नाम पर बिल्डर द्वारा ठगे जाते थे उसकी काफी शिकायत मिली थी और उसके बाद बिहार सरकार ने रेरा का गठन 2016 में करके एक अधिनियम बना डाला था रेरा के सेक्शन 60 एक्ट के अनुसार ही बिल्डरों पर कार्रवाई की जाती है
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