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JDU नेता उपेंद्र कुशवाहा पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, कोर्ट ने जारी किया वारंट

जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU leader Upendra Kushwaha) के खिलाफ नन बेलेबल वारंट जारी हुआ है. एमपी एमएलए कोर्ट ने ये वारंट जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर.

जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा
जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Sep 29, 2022, 7:06 PM IST

पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (warrant issued against Upendra Kushwaha) की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पटना के MP-MLA सह ACJM-1 कोर्ट ने जदयू नेता के खिलाफ नन बेलेबल वारंट जारी किया है. यह वारंट IPC की धारा 353 यानि सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में जारी किया गया है.

ये भी पढ़ें- 'सत्ता से बेदखल होने के बाद बौखला गए हैं BJP के नेता', उपेंद्र कुशवाहा का बयान

जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ वारंट जारी: जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ कोर्ट ने यह वारंट 29 अगस्त को ही जारी किया था. लेकिन इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं दी गई थी. इस मामले में MP-MLA कोर्ट ने 15 अक्टूबर को जारी किए गए वारंट मामले में उपेंद्र पर ननबेलवल वारंट का तामिला रिपोर्ट भी मांगा है.

एक महिना पहले जारी हुआ वारंट: दरअसल वैशाली जिले का जावज गांव महनार थाना के तहत आता है. इसी गांव में पूर्व केंद्रीय मंत्री का पुश्तैनी घर है. कोर्ट से जारी ननबेलवल वारंट को महनार थाना भेजा गया है. बड़ी बात यह है कि उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुए आज ठीक एक महीना हो गया लेकिन इस मामले में पुलिस की तरफ से आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

फरवरी 2019 के केस में नामजद हैं उपेंद्र कुशवाहा: पूरा मामला राजधानी के कोतवाली थाना में दर्ज मामले से जुड़ा है और उस समय उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. 2 फरवरी 2019 को इन्होंने अपनी पार्टी के तरफ से एक प्रदर्शन मार्च निकाला था और इस मार्च के दौरण पटना के डाकबंगला चौराहा को जाम कर दिया गया था. उस दौरान इनपर तोड़फोड़, रोड जाम और सरकारी काम में बाधा डालने का गंभीर आरोप लगा था.

एफआईआर में उपेंद्र कुशवाहा को किया गया था नामजद: मामला दर्ज होने के बाद उस दिन के मजिस्ट्रेट व शोध एवं प्रशिक्षण के सहायक अभियंता राम भजन साह के बयान पर कोतवाली थाना में FIR दर्ज किया गया था. इस केस को IPC की धारा 147, 148, 149, 188, 352, 341, 342, 323, 332, 353, 506 और 427 सहित IPC की कुल 12 धाराओें में दर्ज किया गया था. इस केस में उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के सदस्य अरविंद कुमार को नामजद किया गया था. जबकि, 250 से 300 लोग अज्ञात के रूप में शामिल किए गए थे.

ये भी पढ़ें- अमित शाह के दौरे पर बोले कुशवाहा-'समाज में तनाव पैदा कर राजनीतिक रोटी सेकना इनका मकसद'

पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (warrant issued against Upendra Kushwaha) की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पटना के MP-MLA सह ACJM-1 कोर्ट ने जदयू नेता के खिलाफ नन बेलेबल वारंट जारी किया है. यह वारंट IPC की धारा 353 यानि सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में जारी किया गया है.

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जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ वारंट जारी: जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ कोर्ट ने यह वारंट 29 अगस्त को ही जारी किया था. लेकिन इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं दी गई थी. इस मामले में MP-MLA कोर्ट ने 15 अक्टूबर को जारी किए गए वारंट मामले में उपेंद्र पर ननबेलवल वारंट का तामिला रिपोर्ट भी मांगा है.

एक महिना पहले जारी हुआ वारंट: दरअसल वैशाली जिले का जावज गांव महनार थाना के तहत आता है. इसी गांव में पूर्व केंद्रीय मंत्री का पुश्तैनी घर है. कोर्ट से जारी ननबेलवल वारंट को महनार थाना भेजा गया है. बड़ी बात यह है कि उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुए आज ठीक एक महीना हो गया लेकिन इस मामले में पुलिस की तरफ से आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

फरवरी 2019 के केस में नामजद हैं उपेंद्र कुशवाहा: पूरा मामला राजधानी के कोतवाली थाना में दर्ज मामले से जुड़ा है और उस समय उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. 2 फरवरी 2019 को इन्होंने अपनी पार्टी के तरफ से एक प्रदर्शन मार्च निकाला था और इस मार्च के दौरण पटना के डाकबंगला चौराहा को जाम कर दिया गया था. उस दौरान इनपर तोड़फोड़, रोड जाम और सरकारी काम में बाधा डालने का गंभीर आरोप लगा था.

एफआईआर में उपेंद्र कुशवाहा को किया गया था नामजद: मामला दर्ज होने के बाद उस दिन के मजिस्ट्रेट व शोध एवं प्रशिक्षण के सहायक अभियंता राम भजन साह के बयान पर कोतवाली थाना में FIR दर्ज किया गया था. इस केस को IPC की धारा 147, 148, 149, 188, 352, 341, 342, 323, 332, 353, 506 और 427 सहित IPC की कुल 12 धाराओें में दर्ज किया गया था. इस केस में उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के सदस्य अरविंद कुमार को नामजद किया गया था. जबकि, 250 से 300 लोग अज्ञात के रूप में शामिल किए गए थे.

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