नई दिल्ली/पटना: राजनेता से लेकर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी तक साइबर अपराध से नहीं बच पा रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि पब्लिक साइबर अपराध से कहां तक सुरक्षित है. साइबर अपराध का जीता जागता उदाहरण तब देखने को मिला, जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई. नोएडा के साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36 की पुलिस ने आरोपी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है, जो पहले भी जेल जा चुका है.
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बता दें कि दसवीं पास नूर अली अंतरराज्यीय गिरोह का सदस्य है, जो बिहार के भागलपुर का रहने वाला है. पूछताछ में उसने बताया कि फर्जी ट्रेजरी ऑफिसर बनकर वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता था. उनकी पेंशन और फंड के रुपये ऑनलाइन अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता था. अलग-अलग बैंकों में उसके करीब 80 अकाउंट थे, जिसे पुलिस ने फ्रीज करा दिया है. इन खातों में करीब डेढ़ करोड़ रुपये था. आरोपी नूर अली का भाई अफसर अली जामताड़ा जेल में बंद है.
साइबर क्राइम के एसपी डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि इस गिरोह ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और सासंद परनीत कौर से 23 लाख रुपये की ठगी की थी. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मेरे भाई अफसर अली, सहयोगी सफरूद्दीन अंसारी, कलीम अंसारी, अहमद अंसारी, अंकित कुमार और छोटन मंडल जो झारखंड के रहने वाले हैं, लोगों को डाटा अपडेट करने के नाम पर फोन करते थे. उसके बाद बैंक खाते से संबंधित जानकारी हासिल कर ओटीपी के जरिए योनो एप और पीएनबी वन एप पर नेट बैंकिंग एक्टिव कर लेते थे. पैसे खाते में ट्रांसफर करने के बाद बिजली बिल और अमेजॉन कूपन खरीद कर पैसे को कैश करवाते थे, उसके बाद कमीशन बांटते थे.
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एसीपी क्राइम ने बताया कि अब तक ये बात जानकारी में आई है कि इस धोखाधड़ी में करीब 120 बैंक खाते और वॉलेट का इस्तेमाल किया गया है. सभी आरोपियों के खाते में पैसा एटीएम मशीन के जरिए डिपोजिट किया जाता था. इस गैंग ने अब तक करीब 4 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. इस गिरोह के पास से 800 सिम कार्ड, 200 बैंक खाते और 18 लाख रुपये बरामद किए गए थे.