पटना: एक तरफ सरकार लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत हर घर शौचालय (Lohiya Clean Bihar Campaign) बनाकर महिलाओं को खुले में शौच से मुक्त कराने का दावा करती है. जबकि यह योजना आज भी फाइलों में ही पूरी तरह से दबी पड़ी है. मसौढ़ी के 17 पंचायतों के कई ऐसे गांव हैं, जहां पर आज भी शौचालय नहीं बन पाया है. जिस कारण महादलित महिला आज भी खुले में शौच जाने को विवश हैं. वैसे तो सरकार ने पूरे पटना जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया है. जबकि महादलित महिलाएं अभी भी इसके लिए आंदोलन की बात कर रही है.
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शौचालय की मांग के लिए प्रदर्शन: मसौढ़ी के कई ऐसे महादलित इलाके हैं. जहां अभी तक लोहिया स्वच्छता अभियान के जरिए महादलित गांवों में खुले में शौच मुक्त करने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन यह अभियान सिर्फ दिखावे की वस्तु बनकर रह गई है. सरकार ने वैसे तो पूरे पटना जिला को ही ओडीएफ घोषित कर दिया है. फिर भी आज तक मसौढ़ी प्रखंड के दर्जनभर गांव ऐसे हैं, जहां पर महिलाएं खुले में शौच जाने को विवश हैं. जिसके कारण उन्हें कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अधिकारी नहीं सुनते बात: मसौढ़ी अनुमंडल के तुलसीचक महादलित गांव के चेथौल पोखर ,सिकंदरपुर मुसहरी, खराट मुसहरी, बलियारी मुसहरी, हांसाडीह मुसहरी समेत कई ऐसे महादलित गांव हैं. जहां पर महिलाएं खुले में शौच जाने को विवश हैं. इन महिलाओं का कहना है कि प्रखंड कार्यालय जा जाकर थक गए हैं. अभी तक हम सबके घरों में शौचालय नहीं बना है. एक बार एक सर्वे करने के लिए आए थे. उन लोगों ने पैसा की मांग भी की थी. हम गरीबों के पास पैसा नहीं है. कहां से हम शौचालय बनाने के लिए घूस देंगे. इसी मांग के लिए महिलाओं ने प्रदर्शन किया है.
अधिकारी ने कहा बनाए जा रहे शौचालय: बीडीओ अमरेश कुमार सिंह ने कहा "लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत हर गांव में गरीबों के घर में शौचालय बनाने के निर्देश शौचालय कोऑर्डिनेटर को दिया गया है. स्वच्छता ग्राही के द्वारा सर्वे करवाकर शौचालय बनाए जा रहे हैं". कई जगह पर जमीन नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है. फिर भी वैसे जगह को चिन्हित किया जा रहा है, जहां जमीन नहीं है. वहां पर सामुदायिक शौचालय बनाने के लिए आदेश दिए गए हैं.