पटना: कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये सरकार काफी प्रयास कर रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के कुप्रबंधन और लोगों की नासमझ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं. पटना के दुल्हिन बाजार स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक शाखा में लोग सोशल डिस्टेंसिंग नहीं मान रहे. वहीं खाता से पैसा निकालने आई बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि 4 से 5 घंटे से वे लाइन में हैं लेकिन पैसा नहीं मिला.
वृद्धा पेंशन, लक्ष्मी बाई पेंशन के लिये बैंक शाखा के नीचे काफी संख्या में बुजुर्ग महिलायें घंटों तक कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करती रहीं. सरकुना निवासी बुजुर्ग महिला अल्पी देवी ने बताया कि 4 घंटे से लाइन में पैसे के लिए खड़ी हूं, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है. वहीं विकलांग बुजुर्ग महिला मालती देवी जो सेल्होरी गांव की निवासी हैं, उन्होंने भी बताया की मैं विकलांग हूं, कई घंटों से लाइन में बैठी हूं लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिल पाया है.
इस समस्या के लिये कौन जिम्मेदार?
ऐसे में सवाल उठता है कि इस समस्या के लिये कौन जिम्मेदार है? एकतरफ बुजुर्ग बेबस महिलायें हैं जो अपने खाते से सरकार द्वारा दिया गया पेंशन निकालने पहुंची हैं तो दूसरी तरफ स्थानीय बैंक प्रशासन हैं जिसके कर्माचरियों के सुस्त काम के कारण इन बुजुर्ग महिलाओं को घंटों तक इंतजार करना पड़ा रहा है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का टूटना लाजिमि है.