पटना: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. 28 अक्टूबर से 7 नवंबर तक तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे. लेकिन अब तक मुख्य रूप से दो प्रतिद्वंदी गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है. विपक्षी दलों के आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन में प्रमुख घटक दल रालोसपा ने तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर ही सवाल उठा दिए हैं, तो एनडीए में भी जेडीयू और लोजपा कई मुद्दों को लेकर आमने-सामने हैं.
पिछले चुनाव से इस चुनाव में परिस्थितियां बदली हुई हैं. कई दलों के गठबंधन बदलने से उसके 'निजाम' बदल गए हैं. महागठबंधन में शामिल रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी के नेतृत्वकर्ता और अध्यक्ष लालू प्रसाद के उतराधिकारी तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर ही प्रश्न खड़ा कर दिया है.
तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार नहीं : कुशवाहा
उपेन्द्र कुशवाहा दो टूक कह चुके हैं कि उन्हें तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार नहीं है. उनके पास सारे विकल्प खुले हैं. दूसरी तरफ, आरजेडी 243 में से 160 सीटों पर खुद लड़ना चाहती है. ऐसे में कांग्रेस और दूसरे दलों का नाराज होना लाजिमी है. बता दें कि कुशवाहा पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए छोड़कर महागठबंधन में आए थे. इधर, चु्नाव के ऐलान के बाद अब सीट बंटवारे को लेकर भी अभी तक अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है.
नीतीश कुमार को रोक पाना आसान नहीं : रालोसपा
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने बैठक में तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रोक पाना आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी जो चेहरा है वह नीतीश कुमार के सामने कहीं नहीं टिकता.
कांग्रेस को तेजस्वी के 'चेहरे' पर आपत्ति नहीं
महागठबंधन में चेहरे को लेकर बिहार के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल पहले ही कह चुके है कि पार्टी को तेजस्वी 'चेहरे' पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन गठबंधन में रहते हुए, हमें दूसरे दलों से भी बात करनी होगी.
महागठबंधन में सभी को उचित सीट : कांग्रेस
कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह के मुताबिक ‘एनडीए में भी हालात ठीक नहीं हैं. चिराग पासवान के बयान के बाद स्थिति पता चल रही है. आने वाले दिनों सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए के अंदर खींचतान बढ़ेगी.' वो कहने से नहीं चूके की ‘महागठबंधन के अंदर सभी को उचित सीट दी जाएगी.'
सीट बंटवारे को लेकर वीआईपी नाराज
इधर, महागठबंधन में सीट बंटवारा नहीं होने के कारण विकासशील इंसान पार्टी नाराज बताई जा रही है. वैसे, महागठबंधन में वामपंथी दलों के शामिल होने के प्रयास चल रहे हैं.
सीट बंटवारे पर RJD नेताओं की चुप्पी
इधर, उपेंद्र कुशवाहा द्वारा तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने पर आरजेडी का कोई नेता कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहा. हालांकि आरजेडी के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि किसी को कहीं जाना होगा, तो उसे रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुल मिलाकर यह विवाद सीटों की हिस्सेदारी को लेकर है.
NDA में सीटों को लेकर असमंजस
इधर, एनडीए में भी अभी बंटवारे को लेकर मामला अधर में लटका है. एनडीए के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और जेडीयूके बीच काफी दिनों से मनमुटाव चल रहा है. लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कायरे पर सार्वजनिक रूप से प्रश्न उठा रहे हैं, जिससे जेडीयूके नेता भी गाहे-बगाहे लोजपा पर निशाना साधती रही है.
143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी लोजपा?
इस बीच लोजपा ने 143 सीटों पर तैयारी करने की बात कहकर एनडीए से दूरी बना ली. एनडीए सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को बीजेपी ने लोजपा को 25 सीट देने के संदेश दिए हैं. बता दें कि लोजपा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उनका गठबंधन बीजेपी से है.
NDA में सीटों को लेकर 'ऑल इज वेल': जेडीयू
इधर, जेडीयूके नेता और बिहार के मंत्री जय कुमार सिंह कहते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में ऑल इज वेल है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दो से तीन दिनों के अंदर सीट बंटवारा हो जाएगा. साथ ही, गठबंधन को लेकर कोई भ्रम नहीं है. गठबंधन अटूट है.
'जहां हम नहीं, वहां BJP घटक दलों को जिताएंगे'
इधर, बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं कि बीजेपी कार्यकर्ता वाली पार्टी है. बीजेपी चुनाव आयोग के सभी आदेशों का पालन करेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता बीजेपी के उम्मीदवार को जीताने का काम करेंगे ही, जहां बीजेपी के प्रत्याशी नहीं होंगे वहां घटक दल के प्रत्याशी को जीताने का कार्य करेंगे.
2015 विधानसभा चुनाव
बता दें कि 2015 में जो विधानसभा चुनाव हुए थे उसमें एनडीए में बीजेपी, लोजपा, रालोसपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल थे, वहीं महागठबंधन में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस शामिल थी.
पिछले चुनाव में बीजेपी को 53, लोजपा को 2, रालोसपा को 2 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 1 सीटें मिली थी. महागठबंधन में जेडीयूके 71 प्रत्याशी विजयी हुए थे जबकि आरजेडी 80 और कांग्रेस 27 सीटें जीती थी.