पटना: सूरत के एक कोंचिग सेंटर में हुए हादसा ने सभी के दिलों को दहला दिया है. लेकिन प्रशासन के लापरवाही से राजधानी में स्थित कोंचिग सेंटर ऐसे किसी बड़ी हादसा का निमंत्रण दे रहा है. यहां के कोंचिग सेंटर किसी भी तरह से सुरक्षा के मानकों पर खरा नहीं है.
पूरे प्रदेश से छात्र राजधानी में पढ़ने आते हैं. यहां हजारों कोंचिग सेंटर होंगे. लेकिन इन कोंचिग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर खिलवाड़ किया जा रहा है. कई कोचिंग संस्थानों में किसी प्रकार का अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था तक नहीं है. ऐसे कोचिंग संस्थान शहर के संक्रीण गलियां में स्थित है.
प्रशासन इसको लेकर सुस्त
इसके साथ ही ऐसी बिल्डिगों से निकलने के रास्ते भी पतली हैं. ऐसे में संस्थानों में आग लगने पर दमकल की गाड़ियां भी नहीं पहुंच सकती. वहीं, शिक्षा विभाग ने पटना में स्थित कोचिंग संस्थानों के लिए फायर सेफ्टी से जुड़ी मानक भी बनाया था. लेकिन अधिकतर कोचिंग संस्थान इन मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. प्रशासन इसको लेकर आंख बंद किया है.
कोचिंगों में सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं
कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि उनके भी संस्थान में किसी प्रकार का अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है. इससे उन्हें भी गुजरात मे हुए हादसे के बाद से डर लगने लगा है. गुजरात की घटना को देख कर अपने भी संस्थान से भी सुरक्षा के व्यवस्था को सुदृढ़ करने का आग्रह किया. लेकिन संस्थान इन बातों पर ध्यान नहीं देते.