पटना: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा है कि कांग्रेस में किसी भी नेता को यह नैतिक अधिकार नहीं है कि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी का विरोध करे. जनवरी में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के संबंध में मदन मोहन ने कहा कि पार्टी में शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ कोई विरोध नहीं है.
वोटिंग से पहले समाप्त हो जाएंगे गतिरोध
बिहार चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं. पिछले कई दशक से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मतदान नहीं हुआ. राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन निर्विरोध किया गया. इस बार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन निर्विरोध होगा या कोई अन्य नेता भी उम्मीदवार बनेंगे. इस सवाल पर मदन मोहन ने कहा कि पार्टी के अंदर विरोध नहीं है. इतनी बड़ी पार्टी है. नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं. कुछ लोगों ने अपनी बात रखी है. वोटिंग की स्थिति से पहले ही तमाम गतिरोध समाप्त हो जाएंगे और एक बार फिर राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया जाएगा.
"अभी तक किसी बड़े या वरिष्ठ नेता ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल खड़ा नहीं किया है. जहां तक हार की जिम्मेदारी का सवाल है तो पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने इसे अपने ऊपर लिया है. किसी भी चुनाव में जीत और हार की जिम्मेदारी पूरी टीम की होती है. मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं, इसलिए मेरी जवाबदेही सबसे ज्यादा है."-डॉ. मदन मोहन झा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
जल्द होगा आत्ममंथन
बिहार चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस जल्द ही आत्ममंथन कर रिपोर्ट आलाकमान को सौंपेगी. मदन मोहन ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद विधानसभा का सत्र शुरू हो गया. इसलिए अभी तक मंथन नहीं किया जा सका है. शक्ति सिंह गोहिल की तबीयत जैसे ही ठीक होगी वैसे ही बिहार प्रदेश कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता अपने अपने क्षेत्रों का आकलन कर रिपोर्ट देंगे. पार्टी की परफॉर्मेंस पर जिलों के नेताओं को रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जा चुका है. जल्द ही बिहार के 70 सीटों पर कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर रिपोर्ट आलाकमान को भेज दी जाएगी.