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पटना: खत्म हो रहे बगान, कैसे मिलेगा दीघा का मालदा आम

दीघा इलाके में 5000 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में यह आम का बगीचा फैला हुआ था. लेकिन, आबादी बढ़ने के साथ ही यह आम का बगीचा अब मात्र 5 एकड़ में सिमट कर रह गया है.

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Published : Jun 25, 2019, 9:18 PM IST

पटना: राजधानी के दीघा बगीचे का मालदह आम अपने स्वाद के लिए काफी प्रसिद्ध है. लेकिन, लोग अब इसके स्वाद से दूर हो रहे हैं. यहां आम के बगीचे अब इमारतों में तब्दील हो चुके हैं.

पटना से कुंदन कुमार की रिपोर्ट

इतने एकड़ में सिमट गया बगीचा
दीघा इलाके में 5000 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में यह आम का बगीचा फैला हुआ था. लेकिन, आबादी बढ़ने के साथ ही यह आम का बगीचा अब मात्र 5 एकड़ में सिमट कर रह गया है. किसान के आर्थिक हालत खराब होने के कारण वे अपनी जमीन बेचने को मजबूर हैं. धीरे-धीरे यह बगीचा एक कॉलोनी में परिवर्तित हो गया है.

राजा-महराजा थे आम के शौकीन
स्थानीय नागरिक का कहना है कि यह बगीचा पहले 10000 एकड़ से ज्यादा भूमि में था. लेकिन, अब महज 5 एकड़ में सिमट गया है. यहां का आम काफी स्वादिष्ट है. पूरे देश में प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि आम के शौकीन पुराने जमाने के राजा-महाराजा खानदान के लोग हुआ करते थे. उनका कहना है कि जमीन का रेट ज्यादा हो जाने के बाद किसान जमीन को बेचने लगे. जिससे आम का बगीचा समाप्त हो गया.

पटना: राजधानी के दीघा बगीचे का मालदह आम अपने स्वाद के लिए काफी प्रसिद्ध है. लेकिन, लोग अब इसके स्वाद से दूर हो रहे हैं. यहां आम के बगीचे अब इमारतों में तब्दील हो चुके हैं.

पटना से कुंदन कुमार की रिपोर्ट

इतने एकड़ में सिमट गया बगीचा
दीघा इलाके में 5000 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में यह आम का बगीचा फैला हुआ था. लेकिन, आबादी बढ़ने के साथ ही यह आम का बगीचा अब मात्र 5 एकड़ में सिमट कर रह गया है. किसान के आर्थिक हालत खराब होने के कारण वे अपनी जमीन बेचने को मजबूर हैं. धीरे-धीरे यह बगीचा एक कॉलोनी में परिवर्तित हो गया है.

राजा-महराजा थे आम के शौकीन
स्थानीय नागरिक का कहना है कि यह बगीचा पहले 10000 एकड़ से ज्यादा भूमि में था. लेकिन, अब महज 5 एकड़ में सिमट गया है. यहां का आम काफी स्वादिष्ट है. पूरे देश में प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि आम के शौकीन पुराने जमाने के राजा-महाराजा खानदान के लोग हुआ करते थे. उनका कहना है कि जमीन का रेट ज्यादा हो जाने के बाद किसान जमीन को बेचने लगे. जिससे आम का बगीचा समाप्त हो गया.

Intro:एंकर राजधानी पटना के दीघा मोहल्ले के आम के बगीचे का मालदह आम अपने स्वाद के लिए विश्व प्रसिद्ध है पहले दीघा मोहल्ला में 5000 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में यह आम का बगीचा फैला हुआ था लेकिन आबादी बढ़ने के साथ ही यह आम का बगीचा अब मात्र 5 एकड़ में सिमट कर रह गया है किसान के माली हालत खराब होने के कारण धीरे-धीरे किसान अपनी जमीन को बेचने लगे और और यह दीघा बगीचा का एरिया एक कॉलोनी के रूप में परिवर्तित हो गया है जहां पहले आम का बगीचा हुआ करता था वहां बड़े बड़े मकान और अट्टालिका खड़े हो गए अब आलम यह है कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां यह भी निशानियां नहीं है कि यहां पहले आम के बगीचे हुआ करते थे


Body:स्थानीय नागरिक का कहना है कि यह बगीचा पहले 10000 एकड़ से ज्यादा भूमि पर था और आम का स्वाद इतना अच्छा होता है कि इसके शौकीन पुराने जमाने के राजा महाराजा खानदान के लोग हुआ करते थे उनका कहना है कि जमीन का रेट ज्यादा हो जाने के बाद किसान जमीन को बेचने लगे और धीरे-धीरे आम का बगीचा समाप्त हो गया अब आलम यह है कि या बगीचा सिमटकर 5 एकड़ में हो गया जहां पर बमुश्किल 100 ही. दीघा मालदा आम के पेड़ बचे हुए हैं. बाइट स्थानीय नागरिक


Conclusion:अपने स्वाद के लिए मशहूर दीघा मालदा तो अब बहुत कम ही मात्रा में उपलब्ध हो पाता है लेकिन पटना में जो स्थानीय दुकानदार मालदा आम बेचते हैं उन्हें दीघा मालदा ही कह कर बेचा जाता है आपको बता दें कि दीघा मालदा का छिलका बहुत पतला होता है और आम काफी स्वादिष्ट होता है उसके अंदर के बीच भी बहुत पतले पतले होते हैं निश्चित तौर पर जिस तरह से अब आम के बगीचे नहीं रहे तो पटना से दीघा मालदा विलुप्त होने पर ही है और वह दिन दूर नहीं कि सिर्फ नाम के ही लोग इसे याद रख पाएंगे और इसका स्वाद लेना लोगों के लिए दूभर होगा पीटीसी कुंदन कुमार ईटीवी भारत पटना
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