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अविश्वास प्रस्ताव: खतरे में पटना की डिप्टी मेयर की कुर्सी, 30 जुलाई को अग्निपरीक्षा

पटना नगर निगम की डिप्टी मेयर की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है. नगर निगम के 37 वार्ड पार्षदों ने उप महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का ज्ञापन मेयर सीता साहू को सौंपा है. 30 जुलाई को इसपर चर्चा की जाएगी.

No-confidence motion against Deputy Mayor
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Published : Jul 26, 2021, 5:16 PM IST

पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) में एक बार फिर डिप्टी मेयर की कुर्सी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. मेयर गुट के कुल 37 पार्षदों ने आज उप महापौर मीरा देवी (Deputy Mayor Meera Devi) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लाया है. सभी पार्षदों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव का ज्ञापन मेयर सीता साहू (Mayor Sita Sahu) को सौंपा है. मेयर सीता साहू (Patna Mayor) ने कहा 30 जुलाई को पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी.

यह भी पढ़ें- नहीं बचा सके मुजफ्फरपुर के मेयर अपनी कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित

उप महापौर मीरा देवी के कामों से असंतुष्ट पटना नगर निगम के 37 वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है. निगम मुख्यालय मौर्या लोक मेयर चेंबर में पहुंचकर पार्षदों ने मेयर सीता साहू को ज्ञापन सौंपा.

देखें रिपोर्ट

सभी पार्षदों ने मिलकर उप महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का ज्ञापन हमें सौंपा है. इस प्रस्ताव पर 30 जुलाई को चर्चा की जाएगी. उस दिन ही वोटिंग भी करवाई जाएगी. पार्षद उनके कार्यों से संतुष्ट नहीं थे. यही वजह है कि उनके खिलाफ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है.- सीता साहू, मेयर, पटना नगर निगम

उप महापौर का जो 2 साल का कार्यकाल काफी निराशाजनक रहा है. जिन पार्षदों ने उन्हें अपना मत देकर उप महापौर बनाया था. उनके मुताबिक वह काम नहीं कर सकीं. यही वजह है कि उनके ही समर्थक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं.- इंद्रदीप चंद्रवंशी, वार्ड पार्षद, पटना नगर निगम

बता दें कि 20 जुलाई को डिप्टी मेयर के कार्यकाल का दो साल पूरा हुआ है. साथ ही मेयर या डिप्टी मेयर के खिलाफ अब अविश्वास प्रस्ताव लाने का कोई खास फायदा नहीं है. सात से आठ माह के बाद निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. ऐसे में अगर कोई नए पार्षद मेयर या डिप्टी मेयर बन जाते हैं तो कुछ खास हासिल नहीं होने वाला है.

बिहार नगरपालिका एक्ट 2007 की धारा 25(4) व नगरपालिका एक्ट 2010 की धारा दो के तहत दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद विरोधी वार्ड पार्षद, मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. इसके बाद हर साल लाया जा सकता है. विपक्ष को एक तिहाई पार्षदों के हस्ताक्षर के साथ आवेदन मेयर को देना पड़ता है.

सात दिनों में विशेष बैठक बुलाने की अनुशंसा नगर आयुक्त को करने का प्रावधान है. इसके बाद नगर आयुक्त 15 दिनों में विशेष बैठक में विपक्ष 38 पार्षदों को एकजुट कर लेते है, तो डिप्टी मेयर चुनाव के लिए नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजने का प्रावधान है.

यह भी पढ़ें- मोतिहारी मेयर अंजू देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) में एक बार फिर डिप्टी मेयर की कुर्सी को लेकर राजनीति तेज हो गई है. मेयर गुट के कुल 37 पार्षदों ने आज उप महापौर मीरा देवी (Deputy Mayor Meera Devi) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लाया है. सभी पार्षदों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव का ज्ञापन मेयर सीता साहू (Mayor Sita Sahu) को सौंपा है. मेयर सीता साहू (Patna Mayor) ने कहा 30 जुलाई को पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी.

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उप महापौर मीरा देवी के कामों से असंतुष्ट पटना नगर निगम के 37 वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है. निगम मुख्यालय मौर्या लोक मेयर चेंबर में पहुंचकर पार्षदों ने मेयर सीता साहू को ज्ञापन सौंपा.

देखें रिपोर्ट

सभी पार्षदों ने मिलकर उप महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का ज्ञापन हमें सौंपा है. इस प्रस्ताव पर 30 जुलाई को चर्चा की जाएगी. उस दिन ही वोटिंग भी करवाई जाएगी. पार्षद उनके कार्यों से संतुष्ट नहीं थे. यही वजह है कि उनके खिलाफ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है.- सीता साहू, मेयर, पटना नगर निगम

उप महापौर का जो 2 साल का कार्यकाल काफी निराशाजनक रहा है. जिन पार्षदों ने उन्हें अपना मत देकर उप महापौर बनाया था. उनके मुताबिक वह काम नहीं कर सकीं. यही वजह है कि उनके ही समर्थक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं.- इंद्रदीप चंद्रवंशी, वार्ड पार्षद, पटना नगर निगम

बता दें कि 20 जुलाई को डिप्टी मेयर के कार्यकाल का दो साल पूरा हुआ है. साथ ही मेयर या डिप्टी मेयर के खिलाफ अब अविश्वास प्रस्ताव लाने का कोई खास फायदा नहीं है. सात से आठ माह के बाद निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. ऐसे में अगर कोई नए पार्षद मेयर या डिप्टी मेयर बन जाते हैं तो कुछ खास हासिल नहीं होने वाला है.

बिहार नगरपालिका एक्ट 2007 की धारा 25(4) व नगरपालिका एक्ट 2010 की धारा दो के तहत दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद विरोधी वार्ड पार्षद, मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. इसके बाद हर साल लाया जा सकता है. विपक्ष को एक तिहाई पार्षदों के हस्ताक्षर के साथ आवेदन मेयर को देना पड़ता है.

सात दिनों में विशेष बैठक बुलाने की अनुशंसा नगर आयुक्त को करने का प्रावधान है. इसके बाद नगर आयुक्त 15 दिनों में विशेष बैठक में विपक्ष 38 पार्षदों को एकजुट कर लेते है, तो डिप्टी मेयर चुनाव के लिए नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजने का प्रावधान है.

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