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पटना मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, पक्ष-विपक्ष के पार्षदों में गुटबाजी हुई तेज

एक बार फिर से पटना की मेयर सीता साहू की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. उनके खिलाफ साल भर के बाद फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.

पटना
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Published : Jul 20, 2020, 9:58 PM IST

पटना: राजधानी पटना की मेयर के खिलाफ तीन सालों में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव आते ही वार्ड पार्षदों में गुटबाजी तेज हो गई है. विपक्षी वार्ड पार्षदों ने अब मेयर पर जमकर निशाना साधना शुरू कर दिया है. विपक्षी वार्ड पार्षदों की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस बार इनकी हार होगी.

वहीं मेयर खेमे के पार्षदों का कहना है कि पिछले बार की तरह इस बार भी उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी. इस बार हम लोग फिर से फ्लोर टेस्ट आसानी से पास कर जाएंगे.

मेयर की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा
समय भले ही केरोना काल का चल रहा है, लेकिन बिहार की सियासत के साथ पटना नगर निगम की राजनीति गर्म हो गई है. दरअसल, एक बार फिर से पटना की मेयर सीता साहू की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. उनके खिलाफ साल भर के बाद फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. विपक्षी खेमे के वार्ड पार्षद अब मेयर पर निशाना साधते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'तीन सालों में कुछ नहीं हुआ'
वार्ड नंबर-21 के वार्ड पार्षद पिंकी देवी ने कहा कि पटना के विकास को लेकर देखा जाए, तो इनके तीन सालों के कार्यकाल में कुछ नहीं हुआ है. वो अपने दायित्व पर खरा नहीं उतर पा रही है. उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर देखा जाए, तो पटना में जलजमाव के मुद्दे पर नगर निगम फिसड्डी ही साबित हो रहा है. जलजमाव के निजात के लिए निगम में जो भी योजना बनती है. इसका पैसा आता है, उसका बंदर बाट किया जाता है और पार्षदों को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है.

मेयर सिर्फ अपने चहेते पार्षदों पर ही ध्यान देती है. वहीं, उन्होंने कहा कि पटना में जहां पर जलजमाव की समस्य नहीं होती है. वहां के वार्डों के लिए मेयर की ओर से पैसे की मंजूरी दे दी जाती है. पटना में जो विकास होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है. पटना में सिर्फ वही विकास हो रहा है, जो मुख्यमंत्री गली नाली योजना की जो कार्य हैं, वही कार्य हो रहे हैं. इसके अलावा निगम के तरफ से कोई भी योजना नहीं चलाई जा रही हैं.

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पिंकी देवी, वार्ड पार्षद

'इनका कार्यकाल हो गया है पूरा'
विरोधी गुट के वार्ड पार्षदों ने कहा कि इनका 3 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है. लेकिन इनके जरिए लाई गई एक भी योजना सही तरीके से पूरा नहीं हो पाया है, जो भी योजना इनके द्वारा लाई गई है. वह सभी योजना अभी भी अधर में लटका हुआ है. इसलिए इस बार इनको हटना ही होगा 41 वार्ड पार्षद हम लोग एक साथ हैं और आने वाले समय में और पार्षद की संख्या बढ़ेगी.

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इंद्रदीप चंद्रवसी, वार्ड पार्षद

'इस बार खानी पड़ेगी मुंह की'
इस बार मेयर विरोधी गुट ने अपनी ताकत का प्रदर्शन अविश्वास प्रस्ताव में ही कर दिया है. इसके बाद भी मेयर समर्थक गुट का कहना है कि भले ही कुछ पार्षद अभी विरोधी सुर निकाल रहे हैं. लेकिन वोटिंग के दौरान वह किसी भी परिस्थिति में उनका विरोध नहीं करेंगे. सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि इससे पहले भी विपक्षी वार्ड पार्षदों के तरफ से अविश्वास प्रस्ताव आया था. लेकिन उन्हें हार की मुंह की खानी पड़ी थी. इस बार भी वही होगा.

12 पार्षदों ने डाला था वोट
गौरतलब है कि साल 2019 में भी पटना मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी. जहां 44 पार्षद शामिल हुए थे. जिसमें 12 पार्षदों ने वोट डाल था. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में दो और विरोध में 10 पार्षदों ने मत दिया था.

पटना: राजधानी पटना की मेयर के खिलाफ तीन सालों में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव आते ही वार्ड पार्षदों में गुटबाजी तेज हो गई है. विपक्षी वार्ड पार्षदों ने अब मेयर पर जमकर निशाना साधना शुरू कर दिया है. विपक्षी वार्ड पार्षदों की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस बार इनकी हार होगी.

वहीं मेयर खेमे के पार्षदों का कहना है कि पिछले बार की तरह इस बार भी उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी. इस बार हम लोग फिर से फ्लोर टेस्ट आसानी से पास कर जाएंगे.

मेयर की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा
समय भले ही केरोना काल का चल रहा है, लेकिन बिहार की सियासत के साथ पटना नगर निगम की राजनीति गर्म हो गई है. दरअसल, एक बार फिर से पटना की मेयर सीता साहू की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. उनके खिलाफ साल भर के बाद फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. विपक्षी खेमे के वार्ड पार्षद अब मेयर पर निशाना साधते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'तीन सालों में कुछ नहीं हुआ'
वार्ड नंबर-21 के वार्ड पार्षद पिंकी देवी ने कहा कि पटना के विकास को लेकर देखा जाए, तो इनके तीन सालों के कार्यकाल में कुछ नहीं हुआ है. वो अपने दायित्व पर खरा नहीं उतर पा रही है. उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर देखा जाए, तो पटना में जलजमाव के मुद्दे पर नगर निगम फिसड्डी ही साबित हो रहा है. जलजमाव के निजात के लिए निगम में जो भी योजना बनती है. इसका पैसा आता है, उसका बंदर बाट किया जाता है और पार्षदों को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है.

मेयर सिर्फ अपने चहेते पार्षदों पर ही ध्यान देती है. वहीं, उन्होंने कहा कि पटना में जहां पर जलजमाव की समस्य नहीं होती है. वहां के वार्डों के लिए मेयर की ओर से पैसे की मंजूरी दे दी जाती है. पटना में जो विकास होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है. पटना में सिर्फ वही विकास हो रहा है, जो मुख्यमंत्री गली नाली योजना की जो कार्य हैं, वही कार्य हो रहे हैं. इसके अलावा निगम के तरफ से कोई भी योजना नहीं चलाई जा रही हैं.

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पिंकी देवी, वार्ड पार्षद

'इनका कार्यकाल हो गया है पूरा'
विरोधी गुट के वार्ड पार्षदों ने कहा कि इनका 3 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है. लेकिन इनके जरिए लाई गई एक भी योजना सही तरीके से पूरा नहीं हो पाया है, जो भी योजना इनके द्वारा लाई गई है. वह सभी योजना अभी भी अधर में लटका हुआ है. इसलिए इस बार इनको हटना ही होगा 41 वार्ड पार्षद हम लोग एक साथ हैं और आने वाले समय में और पार्षद की संख्या बढ़ेगी.

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इंद्रदीप चंद्रवसी, वार्ड पार्षद

'इस बार खानी पड़ेगी मुंह की'
इस बार मेयर विरोधी गुट ने अपनी ताकत का प्रदर्शन अविश्वास प्रस्ताव में ही कर दिया है. इसके बाद भी मेयर समर्थक गुट का कहना है कि भले ही कुछ पार्षद अभी विरोधी सुर निकाल रहे हैं. लेकिन वोटिंग के दौरान वह किसी भी परिस्थिति में उनका विरोध नहीं करेंगे. सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि इससे पहले भी विपक्षी वार्ड पार्षदों के तरफ से अविश्वास प्रस्ताव आया था. लेकिन उन्हें हार की मुंह की खानी पड़ी थी. इस बार भी वही होगा.

12 पार्षदों ने डाला था वोट
गौरतलब है कि साल 2019 में भी पटना मेयर सीता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी. जहां 44 पार्षद शामिल हुए थे. जिसमें 12 पार्षदों ने वोट डाल था. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में दो और विरोध में 10 पार्षदों ने मत दिया था.

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