पटना: एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल) कोरोना के भर्ती मरीजों को इलाज के लिए अब डॉक्टर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लिखेंगे. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह लिखित आदेश जारी करते हुए बताया कि अनुसंधान में साबित हुआ है कि कोविड 19 मरीजों के उपचार में रेमडेसिविर नामक दवा की कोई उपयोगिता नही है.
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क्या है NMCH अधीक्षक का आदेश
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद सिंह ने लिखित पत्र जारी करते हुए बताया है कि जांच में साबित हुआ है कि कोरोना से संक्रमित मरिजों के इलाज में रेमडेसिविर दवा की कोई उपयोगिता नहीं है.
''डब्ल्यूएचओ ने भी इस इंजेक्शन के इस्तेमाल को नकार दिया है. ऐसे में सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया जाता है कि कोरोना मरीजों के लिए अब से कोई डॉक्टर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लिखेंगे, क्योंकि WHO ने इसकी उपयोगिता से नकार दिया है. वहीं, इसकी पुष्टि जांच में भी हो चुका है कि यह इंजेक्शन कोरोना के इलाज में कारगर नहीं है.'' - डॉ विनोद सिंह, अधीक्षक, एनएमसीएच
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दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर लगातार राज्य में भी मारामारी हुई है. कोरोना मरीजों के लिए चिकित्सक अधिक मात्रा में लिख रहे हैं. वहीं देश भर में इस रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है. लोगों को 15 से 25 हजार रुपये में एक भाईल खरीद पा रहे हैं. वहीं, इस पत्र के जारी होने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार स्वास्थ्य विभाग भी जल्द इसको लेकर कोई आदेश जारी कर सकता है.