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Bihar Teacher Protest : पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का हंगामा, शिक्षक नेता हिरासत में... गुस्से में आंदोलनकारी - Bihar Teacher Protest

बिहार के नियोजित शिक्षक सरकार से आर-पार के मूड में हैं. आज हजाराें की तादाद में अलग-अलग जिलों से शिक्षक पटना पहुंचे हैं. यहां नियोजित शिक्षकों का विधानसभा घेराव का कार्यक्रम है. इस बीच, शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए पटना पुलिस एक्शन में आ गयी है. शिक्षक नेताओं को हिरासत में लिया गया है. दूसरी तरफ शिक्षक अभ्यर्थियों का गुस्सा भी देखने को मिल रहा है. पढ़ें पूरी खबर

पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का हंगामा
पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का हंगामा
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Published : Jul 11, 2023, 10:33 AM IST

Updated : Jul 11, 2023, 1:43 PM IST

शिक्षकों का पटना में प्रदर्शन

पटना : बिहार की राजधानी पटना में शिक्षकों को घुसने नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों को बाइपास में ही रोक दिया गया है. वहीं करीब दो दर्जन गाड़ियों को दीघा में पुलिस ने रोक दिया है. माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रदेश के दर्जनों शिक्षक संघ के बैनर तले हजारों नियोजित शिक्षक पटना के गर्दनीबाग घटनास्थल पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे. इसको लेकर पुलिस भी अलर्ट मोड पर है.

ये भी पढ़ें : Bihar Teacher Recruitment : इस बार मानसून सत्र होगा हंगामेदार! शिक्षकों के समर्थन में आवाज उठाएंगे वामदल

शिक्षक नेता हिरासत में, गुस्से में आंदोलनकारी : इस बीच, शिक्षकों के धरना प्रदर्शन से पहले पटना पुलिस ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. राजधानी के चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात है. संयुक्त शिक्षक मोर्चा के नेता आनंद कौशल को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस की इस कार्रवाई से राज्यभर से पटना पहुंचे शिक्षक आक्रोशित है.

धरनास्थल पर पहुंच रहे शिक्षक
धरनास्थल पर पहुंच रहे शिक्षक

बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग : शिक्षकों की मांग है कि वह वर्षों से विद्यालय में पढ़ा रहे हैं सरकार ने उनकी दक्षता परीक्षा भी ले ली है ऐसे में बिना किसी शर्त उन्हें नियोजित से राज्य कर्मी बनाया जाए और सम्मानजनक वेतनमान दिया जाए. दरभंगा से आए शिक्षक गोरीन चौधरी ने कहा कि "राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए वह आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए पहुंचे हुए हैं और उनकी मांग है कि बिना किसी शर्त सरकार उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दें".

धरना पर बैठे नियोजित शिक्षक
धरना पर बैठे नियोजित शिक्षक

"शिक्षकों के हितों के संरक्षण के लिए उन लोगों ने इस धरना प्रदर्शन का कॉल दिया. इसमें तमाम शिक्षक संघ सम्मिलित हो रहे हैं. प्रदेशभर से हजारों की तादाद में नियोजित शिक्षक पहुंचे हुए हैं और शिक्षकों की मांग है कि महागठबंधन सरकार के वादे के अनुरूप नियोजित शिक्षकों को बिना किसी शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा दे. सरकार को शिक्षकों की बातों को सुननी होगी." - शत्रुघ्न प्रसाद, महासचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

'नियोजित शिक्षकों की गुणवत्ता पर सवाल उठाना गलत' : नियोजित शिक्षक रवि कुमार ने कहा कि उनकी मांग बस इतनी है कि सरकार उन्हें सीधे राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करे. क्योंकि वर्षों से तमाम सरकारें नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की बाते कहते रहे हैं. सभी शिक्षक टीईटी और एसटीईटी क्वालीफाई करके शिक्षक बने हैं और शिक्षक बनने के बाद सभी ने दक्षता परीक्षा दी है. आज सरकार भी मान रही है कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है. ऐसे में नियोजित शिक्षकों की गुणवत्ता पर सवाल उठाना गलत है.

"सरकार हठधर्मिता पर है और शिक्षकों के प्रतिनिधियों से बात नहीं कर रही है जिसके कारण आज यह विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा के लिए परीक्षा के लिए बाध्य करना शिक्षकों के साथ सरकार का अपमानजनक रवैया है." - समरेंद्र बहादुर सिंह , राज्य सचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

'विधायकों का आवास भी घेरेंगे' :नियोजित शिक्षक जितेंद्र कुमार ने कहा कि आज सरकार वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ बीपीएससी परीक्षा में बैठने को कह रही है. यह पूरी तरह से नियोजित शिक्षकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है और यह अपमान शिक्षक बर्दाश्त नहीं करेंगे. सरकार को हठधर्मिता छोड़कर शिक्षकों की मांगों को पूरा करना होगा. बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देना होगा नहीं तो विधानसभा का घेराव करेंगे और फिर शाम से विधायकों के आवास पर घेरा डालेंगे.

क्या है मामला : नई शिक्षक नियमावली के अनुसार अब शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के माध्यम से की जा रही है. साथ ही इससे डोमिसाइल को भी खत्म कर दिया गया है. वहीं नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा पास करनी होगी. ऐसे में नियोजित शिक्षक और एसईटीटी पास अभ्यर्थी इस नई नियमावली का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया गया है.

शिक्षकों का पटना में प्रदर्शन

पटना : बिहार की राजधानी पटना में शिक्षकों को घुसने नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों को बाइपास में ही रोक दिया गया है. वहीं करीब दो दर्जन गाड़ियों को दीघा में पुलिस ने रोक दिया है. माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रदेश के दर्जनों शिक्षक संघ के बैनर तले हजारों नियोजित शिक्षक पटना के गर्दनीबाग घटनास्थल पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे. इसको लेकर पुलिस भी अलर्ट मोड पर है.

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शिक्षक नेता हिरासत में, गुस्से में आंदोलनकारी : इस बीच, शिक्षकों के धरना प्रदर्शन से पहले पटना पुलिस ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. राजधानी के चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात है. संयुक्त शिक्षक मोर्चा के नेता आनंद कौशल को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस की इस कार्रवाई से राज्यभर से पटना पहुंचे शिक्षक आक्रोशित है.

धरनास्थल पर पहुंच रहे शिक्षक
धरनास्थल पर पहुंच रहे शिक्षक

बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग : शिक्षकों की मांग है कि वह वर्षों से विद्यालय में पढ़ा रहे हैं सरकार ने उनकी दक्षता परीक्षा भी ले ली है ऐसे में बिना किसी शर्त उन्हें नियोजित से राज्य कर्मी बनाया जाए और सम्मानजनक वेतनमान दिया जाए. दरभंगा से आए शिक्षक गोरीन चौधरी ने कहा कि "राज्य कर्मी का दर्जा पाने के लिए वह आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए पहुंचे हुए हैं और उनकी मांग है कि बिना किसी शर्त सरकार उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दें".

धरना पर बैठे नियोजित शिक्षक
धरना पर बैठे नियोजित शिक्षक

"शिक्षकों के हितों के संरक्षण के लिए उन लोगों ने इस धरना प्रदर्शन का कॉल दिया. इसमें तमाम शिक्षक संघ सम्मिलित हो रहे हैं. प्रदेशभर से हजारों की तादाद में नियोजित शिक्षक पहुंचे हुए हैं और शिक्षकों की मांग है कि महागठबंधन सरकार के वादे के अनुरूप नियोजित शिक्षकों को बिना किसी शर्त के राज्य कर्मी का दर्जा दे. सरकार को शिक्षकों की बातों को सुननी होगी." - शत्रुघ्न प्रसाद, महासचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

'नियोजित शिक्षकों की गुणवत्ता पर सवाल उठाना गलत' : नियोजित शिक्षक रवि कुमार ने कहा कि उनकी मांग बस इतनी है कि सरकार उन्हें सीधे राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करे. क्योंकि वर्षों से तमाम सरकारें नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की बाते कहते रहे हैं. सभी शिक्षक टीईटी और एसटीईटी क्वालीफाई करके शिक्षक बने हैं और शिक्षक बनने के बाद सभी ने दक्षता परीक्षा दी है. आज सरकार भी मान रही है कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है. ऐसे में नियोजित शिक्षकों की गुणवत्ता पर सवाल उठाना गलत है.

"सरकार हठधर्मिता पर है और शिक्षकों के प्रतिनिधियों से बात नहीं कर रही है जिसके कारण आज यह विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है. नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा के लिए परीक्षा के लिए बाध्य करना शिक्षकों के साथ सरकार का अपमानजनक रवैया है." - समरेंद्र बहादुर सिंह , राज्य सचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ

'विधायकों का आवास भी घेरेंगे' :नियोजित शिक्षक जितेंद्र कुमार ने कहा कि आज सरकार वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ बीपीएससी परीक्षा में बैठने को कह रही है. यह पूरी तरह से नियोजित शिक्षकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है और यह अपमान शिक्षक बर्दाश्त नहीं करेंगे. सरकार को हठधर्मिता छोड़कर शिक्षकों की मांगों को पूरा करना होगा. बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देना होगा नहीं तो विधानसभा का घेराव करेंगे और फिर शाम से विधायकों के आवास पर घेरा डालेंगे.

क्या है मामला : नई शिक्षक नियमावली के अनुसार अब शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के माध्यम से की जा रही है. साथ ही इससे डोमिसाइल को भी खत्म कर दिया गया है. वहीं नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा पास करनी होगी. ऐसे में नियोजित शिक्षक और एसईटीटी पास अभ्यर्थी इस नई नियमावली का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया गया है.

Last Updated : Jul 11, 2023, 1:43 PM IST
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