पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बीजेपी के खिलाफ मिशन 2024 के तहत विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं. नीतीश कुमार आज उड़ीसा जा रहे हैं. जहां वो उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से दोपहर 12 बजे मुलाकात करेंगे. वहीं, 11 मई को महाराष्ट्र में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलेंगे. नीतीश कुमार दोनों को बिहार में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के लिए आमंत्रण भी देंगे. इस बात की जानकारी जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दी है.
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3 नेताओं से हो चुकी है बातचीत: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि ऐसे तीनों नेताओं से मुख्यमंत्री ने टेलीफोन से बातचीत कर ली है. अब उनसे मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे. कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में विपक्षी दलों की बैठक हो सकती है. जदयू के मंत्री संजय झा ने भी पिछले दिनों कहा था कि बैठक संभव है और उसके बाद विपक्षी एकता की मुहिम और तेज होगी.
विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने की वकालत की थी: विपक्षी एकता को लेकपर कुछ दिन पहले बिहा के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने की वकालत की थी. दोनों क्षेत्रीय नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुानव के लिए मिलकर तैयारी करने की जरूरत पर जोर दिया था. इस मुलाकात को सीएम नीतीश कुमार ने सकारात्मक बताया था.
विपक्षी एकजुटता की मुहिम होगी तेज: सोमवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि मुहिम विपक्षी एकजुटता की तेज होगी. ओडिशा के मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद नीतीश कुमार सीधे महाराष्ट्र जाएंगे और विपक्षी दलों की होने वाली बैठक के लिए आमंत्रण देंगे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में दो नेता हैं. एक एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं, जिनसे नीतीश कुमार मुलाकात करेंगे.
नवीन पटनायक से मुलाकात के मायने: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हमेशा से केंद्र की मोदी सरकार के फैसलों के साथ रहे हैं. अगर नीतीश कुमार उन्हें साधने में सफल रहते हैं तो ये तीसरे मोर्चे के लिए बड़ी जीत होगी. नवीन पटनायक भारतीय राजनीति का ऐसा फेस रहे हैं, जिन्हें देश में न्यूटल राजनीति करने के लिए जाना जाता रहा है. लेकिन जिस तरह से बीजेपी हाल के वर्षों में ओडिशा में कैप्चर कर रही है, उससे डर है कि बीजेपी जल्द ही ओडिशा में भी काबिज हो जाएगी. इसलिए जानकारों के मुताबिक ये माना जा रहा है कि इसी गैप का फायदा उठाकर नीतीश कुमार ओडिशा में एंट्री लेना चाह रहे हैं. देखना ये है कि इस मुलाकात के बाद क्या नया समीकरण देखने को मिलेगा.