पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू 43 सीटें जीतकर तीसरे नंबर की पार्टी बनी. हालांकि जदयू के तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बावजूद मुख्यमंत्री बनने में नीतीश कुमार कामयाब रहे. चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के संगठन में बड़ा बदलाव किया. एक ओर जहां पूर्व आईएएस अधिकारी और राज्यसभा सांसद आरसीपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया तो वहीं युवा नेता उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. पिछले दिनों नीतीश मंत्रिमंडल में जदयू के कई पुराने चेहरों को दरकिनार कर नये चेहरों को शामिल किया गया.
सरकार में ब्यूरोक्रेट रहते थे हावी
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने किचन कैबिनेट के आला अफसरों बदलेंगे. गौरतलब है कि 2005 के विधानसभा चुनाव में बहुमत के साथ नीतीश कुमार सरकार में आए थे. तब से ही उनके और ब्यूरोक्रेसी के अच्छे संबंध की चर्चा हमेशा से होती रही. जबकि सरकार में मौजूद मंत्री विधायक की एक नहीं चलती थी. हमेशा सरकार में ब्यूरोक्रेसी ही हावी रही. कई बार इस संबंध में विपक्ष के सांसद-विधायक के साथ-साथ सत्ता पक्ष के भी सांसद-विधायक और मंत्री भी आरोप लगाते थे.
ये भी पढ़ें- बजट का आकार बढ़ाना बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती
अफसरों ने सही से नहीं दिया काम को अंजाम
नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी और राजनीतिक चिंतक प्रेम कुमार मणि बताते हैं कि नीतीश कुमार को ब्यूरोक्रेसी का उपयोग करने में महारत हासिल है. वह अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई अच्छे काम अफसरों से कराए भी हैं. लेकिन शायद पिछले कई वर्षों से उनके अफसर सही से कामों को अंजाम नहीं दे पाए. जिसके कारण सत्ताधारी दल जदयू को तीसरे नंबर की पार्टी जनता ने बना दिया. नीतीश कुमार अपने बारे में हमेशा से कहते रहे कि मैं पुड़िया बांधने में एक्सपर्ट हूं. अब समय आ गया है कि वह अपने इर्द-गिर्द के वैसे अधिकारी जो राज्य के लिए हितकर नहीं है, उनका पुड़िया बांध कर अपने से दूर कर दें.
इन अफसरों का हो सकता है फेरबदल
चंचल कुमार 1992 बैच के आईएएस अधिकारी नीतीश कुमार के साथ लगातार बने हैं. वर्तमान में वह प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं. लंबे समय से भवन निर्माण विभाग की भी जिम्मेदारी चंचल कुमार के पास ही थी. नई सरकार बनने के बाद इनसे भवन निर्माण विभाग की जिम्मेदारी ले ली गई. लेकिन अब उनके पास सामान्य प्रशासन विभाग और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का पद है.
मनीष वर्मा उड़ीसा कैडर के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. यह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पिछले 7 सालों से बिहार में तैनात है. वर्तमान में मुख्यमंत्री के सचिव के तौर पर तैनात हैं. इनका सेवा विस्तार करने के लिए राज्य सरकार ने अनुशंसा की है.
आमिर सुबहानी 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. राज्य के गृह सचिव के पद पर पिछले 12 वर्षों से काबिज हैं. इनके पास सामान्य प्रशासन विभाग काफी जिम्मेदारी पिछले 6 सालों से थी. जिसकी जिम्मेदारी अब इनसे ले ली गई है. गृह विभाग में दो अन्य आईएएस अधिकारियों की भी पोस्टिंग की गई है. खबर है कि इन्हें बिहार सरकार के मुख्य सचिव बनाने की तैयारी की जा रही है.
अमृतलाल मीणा 1989 बैच के आईएएस अफसर है. यह लालू राबड़ी शासन में भी बड़े विभागों में जिम्मेदारी निभाते रहे हैं. वर्तमान में इनके पास पथ निर्माण विभाग और पंचायती राज विभाग है. मीना केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में हैं. बिहार सरकार ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी दे दिया है. खबर यह है कि कैबिनेट सेक्रेटरी नहीं बनाए जाने पर वे अब बिहार छोड़कर नहीं जाएंगे.
प्रत्यय अमृत 1991 बैच के आईएएस अफसर है. नीतीश सरकार में इन्होंने पथ निर्माण और ऊर्जा विभाग में लंबे समय तक काम किया है. वर्तमान में स्वास्थ्य और आपदा विभाग में प्रधान सचिव के पद पर काबिज हैं. पिछले दिनों कोरोना टेस्ट घोटाले की खबर आने के बाद से ही यह विभाग बदलवाने की कोशिश में जुटे हैं.
ब्रजेश मेहरोत्रा 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. नगर विकास, स्वास्थ्य विभाग और कृषि विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. वर्तमान में उद्योग विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर हैं. खबर यह है कि नीतीश कुमार इन्हें विकास आयुक्त के पद पर नियुक्त करने वाले हैं.