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यूपी में योगी Vs नीतीश : जेडीयू-बीजेपी में नहीं बनी बात, अब योगी के खिलाफ प्रचार करेंगे CM नीतीश - यूपी विधानसभा चुनाव 2022

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी, जिसके लिए पार्टी ने 26 सीटों की पहली सूची जारी कर दी है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश यूपी में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव प्रचार (Nitish kumar campaign against yogi adityanath) करेंगे. पढ़ें पूरी खबर

यूपी विधानसभा चुनाव 2022
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
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Published : Jan 22, 2022, 1:13 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 3:24 PM IST

नई दिल्ली/पटना: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में बीजेपी से झटका मिलने के बाद जेडीयू अकेले दम ही चुनाव मैदान में उतर रही है. जेडीयू ने यूपी चुनाव के लिए 26 सीटों की पहली सूची (JDU released 26 Seats for UP election) जारी कर दी है. यूपी में अकेले चुनाव लड़ने पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) ने कहा कि आरसीपी सिंह के कारण सूची जारी करने में देरी हुई. इससे साफ है कि यूपी में नीतीश कुमार योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे.

ये भी पढ़ें- UP Election 2022 : JDU ने जारी की 26 सीटों की सूची, पढ़ें किसे कहां से मिला टिकट

''भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कल शाम तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. बीजेपी के अध्यक्ष नड्डा जी ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यूपी में उनके दो सहयोगी हैं संजय सहनी की पार्टी और अपना दल. इसके बाद भी हमने कहा कि बीजेपी अगर हमसे समझौता करना चाहती है तो उनको कम से कम ये तो कहना पड़ेगा कि हमारी जेडीयू से बातचीत हो रही है, लेकिन उसका भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. आरसीपी सिंह के कहने पर भी हमने दो तीन दिन इंतजार किया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. जिसके बाद जनता दल यूनाइटेड ने 26 विधानसभा सीटों की पहली सूची जारी कर दी है.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

बिहार में भारतीय जनता पार्टी के साथ जनता दल यूनाइटेड की साझा सरकार चल रही है. ऐसे में 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू का पूरा मन था कि भाजपा के साथ मैदान में उतरे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई बार मुलाकात और सीटों को लेकर बातचीत के बावजूद दोनों पार्टियां एक नहीं हो पाईं. आखिरकार अब जनता दल यूनाइटेड ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड को उम्मीद है कि पार्टी के प्रत्याशी बेहतर प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि यूपी में बीजेपी से गठबंधन के लिए जेडीयू की तरफ से 27 सीटें मांगी जा रही थी, वहीं जेडीयू की एक शर्त ये भी थी कि अनुप्रिया पटेल की अपना दल से भले एक सीट भारतीय जनता पार्टी जेडीयू को ज्यादा दे तभी गठबंधन होगा, लेकिन आखिर में सीटों पर बात नहीं बनी और यूपी में दोनों की राहें अलग हो गई.

ये भी पढ़ें- UP विधानसभा चुनाव को लेकर आरसीपी-ललन के 'मनभेद', खेमेबाजी बनी पार्टी की मुसीबत

दरअसल, 2017 में भी जेडीयू ने चुनाव लड़ने की तैयारी की थी, लेकिन बाद में फैसला बदल दिया. अभी बंगाल चुनाव में भी पार्टी ने किस्मत अजमाई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि नीतीश कुमार शराबबंदी, महिला आरक्षण, सात निश्चय योजना और सुशासन की छवि को लेकर यूपी में जाएंगे, लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा कार्ड भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उत्तर प्रदेश में नीतीश कुमार की कुर्मी वोट बैंक वाली सीटों पर भी नजर है. यूपी की 16 जिलों में कुर्मी और पटेल वोट बैंक 6 से 12 फीसदी तक है. इसमें इलाहाबाद, सीतापुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, प्रतापगढ़, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और बस्ती जिले प्रमुख हैं.

ये भी पढ़ें- UP Assembly Election 2022 : बिहार में गठबंधन लेकिन अन्य राज्यों में बीजेपी को सहयोगियों से परहेज क्यों?

बिहार से सटे पूर्वांचल पर नीतीश कुमार की खास नजर है ऐसे यूपी में कुर्मी वोट बैंक की बात करें तो 9 से 10 फीसदी के आसपास है. वहां अपना दल इन वोटों पर दावा करता रहा है और एक समय नीतीश कुमार ने अपना दल के साथ समझौता भी किया था, लेकिन उसका कुछ लाभ मिला नहीं. यूपी में जातीय गणित की बात करें तो कुर्मी और पटेल 9 फीसदी, अन्य पिछड़ी जातियां 7 प्रतिशत, यादव 12, सवर्ण 18, एससी-एसटी 20, विश्वकर्मा 2, मल्लाह 4, जाट 5 और मुस्लिम 18 फीसदी के आसपास है. बिहार में कुर्मी वोट बैंक पर नीतीश कुमार की पकड़ है. जेडीयू की नजर बिहार से सटे उत्तर प्रदेश की सीटों पर थी. उत्तर प्रदेश के बिहार से सटे विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी भी कर रहा था.

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नई दिल्ली/पटना: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में बीजेपी से झटका मिलने के बाद जेडीयू अकेले दम ही चुनाव मैदान में उतर रही है. जेडीयू ने यूपी चुनाव के लिए 26 सीटों की पहली सूची (JDU released 26 Seats for UP election) जारी कर दी है. यूपी में अकेले चुनाव लड़ने पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) ने कहा कि आरसीपी सिंह के कारण सूची जारी करने में देरी हुई. इससे साफ है कि यूपी में नीतीश कुमार योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे.

ये भी पढ़ें- UP Election 2022 : JDU ने जारी की 26 सीटों की सूची, पढ़ें किसे कहां से मिला टिकट

''भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कल शाम तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. बीजेपी के अध्यक्ष नड्डा जी ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यूपी में उनके दो सहयोगी हैं संजय सहनी की पार्टी और अपना दल. इसके बाद भी हमने कहा कि बीजेपी अगर हमसे समझौता करना चाहती है तो उनको कम से कम ये तो कहना पड़ेगा कि हमारी जेडीयू से बातचीत हो रही है, लेकिन उसका भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. आरसीपी सिंह के कहने पर भी हमने दो तीन दिन इंतजार किया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया. जिसके बाद जनता दल यूनाइटेड ने 26 विधानसभा सीटों की पहली सूची जारी कर दी है.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

बिहार में भारतीय जनता पार्टी के साथ जनता दल यूनाइटेड की साझा सरकार चल रही है. ऐसे में 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू का पूरा मन था कि भाजपा के साथ मैदान में उतरे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई बार मुलाकात और सीटों को लेकर बातचीत के बावजूद दोनों पार्टियां एक नहीं हो पाईं. आखिरकार अब जनता दल यूनाइटेड ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड को उम्मीद है कि पार्टी के प्रत्याशी बेहतर प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि यूपी में बीजेपी से गठबंधन के लिए जेडीयू की तरफ से 27 सीटें मांगी जा रही थी, वहीं जेडीयू की एक शर्त ये भी थी कि अनुप्रिया पटेल की अपना दल से भले एक सीट भारतीय जनता पार्टी जेडीयू को ज्यादा दे तभी गठबंधन होगा, लेकिन आखिर में सीटों पर बात नहीं बनी और यूपी में दोनों की राहें अलग हो गई.

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दरअसल, 2017 में भी जेडीयू ने चुनाव लड़ने की तैयारी की थी, लेकिन बाद में फैसला बदल दिया. अभी बंगाल चुनाव में भी पार्टी ने किस्मत अजमाई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि नीतीश कुमार शराबबंदी, महिला आरक्षण, सात निश्चय योजना और सुशासन की छवि को लेकर यूपी में जाएंगे, लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा कार्ड भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उत्तर प्रदेश में नीतीश कुमार की कुर्मी वोट बैंक वाली सीटों पर भी नजर है. यूपी की 16 जिलों में कुर्मी और पटेल वोट बैंक 6 से 12 फीसदी तक है. इसमें इलाहाबाद, सीतापुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, प्रतापगढ़, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और बस्ती जिले प्रमुख हैं.

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बिहार से सटे पूर्वांचल पर नीतीश कुमार की खास नजर है ऐसे यूपी में कुर्मी वोट बैंक की बात करें तो 9 से 10 फीसदी के आसपास है. वहां अपना दल इन वोटों पर दावा करता रहा है और एक समय नीतीश कुमार ने अपना दल के साथ समझौता भी किया था, लेकिन उसका कुछ लाभ मिला नहीं. यूपी में जातीय गणित की बात करें तो कुर्मी और पटेल 9 फीसदी, अन्य पिछड़ी जातियां 7 प्रतिशत, यादव 12, सवर्ण 18, एससी-एसटी 20, विश्वकर्मा 2, मल्लाह 4, जाट 5 और मुस्लिम 18 फीसदी के आसपास है. बिहार में कुर्मी वोट बैंक पर नीतीश कुमार की पकड़ है. जेडीयू की नजर बिहार से सटे उत्तर प्रदेश की सीटों पर थी. उत्तर प्रदेश के बिहार से सटे विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी भी कर रहा था.

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Last Updated : Jan 22, 2022, 3:24 PM IST
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