पटनाः देश में 19 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया. इसी के साथ सियासी भी तेज हो गई. राजद की ओर से राबड़ी देवी सहित अन्य नेताओं ने आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग की है. इसपर सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार को सलाह दी है. उन्होंने नीतीश कुमार से कहा कि राजद को इस बिल के लिए राजी करें ताकि इसमें कोई अड़ंगा न डाले. सुशील मोदी ने इसके लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी.
विधेयक की कापी फाड़ने वाली पार्टी जीरोः सुशील मोदी ने पुरानी बात याद करते हुए कहा कि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण के लिए 1998 में बिल पेश किया गया था. उस समय अटल सरकार ने बिल पेश करने का काम किया था. उस समय लालू प्रसाद यादव के उकसावे पर उनकी पार्टी के सांसद सुरेंद्र यादव ने तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथ से विधेयक छीन कर सदन में ही फाड़ दी थी.
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25 साल से आरक्षण नहीं मिलाः सुशील मोदी ने दिवगंत शरद यादव और मुलायम सिंह को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि शरद यादव, मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद के दुराग्रह की वजह से भारत की आधी आबादी पिछले 25 साल से विधायिका में आरक्षण पाने से वंचित रही. महिला विधेयक पारित कराने का ऐतिहासिक कार्य भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ही पूरा होगा.