पटना : बिहार की राजनीति में सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है. इसी कड़ी में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि कर्पूरी चर्चा और भीम संवाद जैसे कार्योक्रमों के लिए भीड़ जुटाने में विकास मित्रों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सहायता लेना सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है. नीतीश कुमार अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं.
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"जदयू के भीम संवाद में दलित बस्तियों से भीड़ जुटाने का जिम्मा राज्य सरकार से मानदेय पाने वाले विकास मित्रों को सौंपना सत्ता का दुरुपयोग है. क्या जदयू का कैडर समाप्त हो गया है? उन्होंने यह भी कहा कि कर्पूरी चर्चा कराने में राज्य सरकार अतिपिछड़ा कल्याण विभाग का भी दुरुपयोग कर रही है. जदयू को अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए."- सुशील कुमार मोदी, राज्य सभा सांसद, बीजेपी
'अधिकारियों का काम केवल कमरों में बैठकर समीक्षा करना नहीं है' : वहीं सुशील मोदी ने कहा कि पीएम आवास, आयुष्मान भारत और उज्ज्वला रसोई गैस जैसी गरीब कल्याण योजनाओं को जमीन पर लागू होने की स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को देश के 765 जिलों में भेजने का प्रधानमंत्री मोदी का फैसला नौकरशाही का सदुपयोग है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों का काम केवल एसी कमरों में बैठ कर योजनाओं की समीक्षा करना नहीं, बल्कि भौतिक रूप से मौके पर जाकर यह देखना भी है कि गरीबों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है या नहीं.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि योजनाओं का सम्पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करना क्या लोकसेवक का दायित्व नहीं है? अफसरों को गरीबों के पास भेजने वाली "विकसित भारत संकल्प यात्रा" से मल्लिकार्जुन खड़गे और ललन सिंह को मिर्ची क्यों लग रही है?