पटना: सीएम नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता में आने के बाद प्रदेश को जिन परिस्थितियों से बाहर निकाल सुशासन राज कायम किया. उसने लोगों के दिल और दिमाग में अमिट छाप छोड़ी. यही कारण है कि सीएम नीतीश अपने काम की बदौलत लगातार डेढ़ दशक से बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं. वर्तमान में नीतीश कुमार को चुनौती देने वाला कोई दिखाई नहीं देता. 15 साल बाद भी नीतीश मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार हैं.
नीतीश कुमार ने 2005 में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी. बीच के डेढ़ साल को छोड़कर नीतीश लगातार बिहार के मुख्यमंत्री रहे और उसके बावजूद आज भी उनका जलवा कायम है. इस बाबत बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर कहते हैं कि नीतीश कुमार को जो बिहार मिला था, उसे जंगलराज कहा जाता था. बिहारी बोले जाने पर लोग अपमान समझते थे. लेकिन नीतीश कुमार ने अपने विकास कार्यों के बदौलत आज बिहारी कहना सम्मान बना दिया है.
नीतीश ने खींची है लंबी लकीर- जदयू
वहीं, मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में विकास के हर क्षेत्र में काम किया है. सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कार्यों को भी बढ़-चढ़कर किया है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली में बोले CM नीतीश- बिहार ने कर दिखायी शराबबंदी, अब देश की बारी
'शराबबंदी बड़ी उपलब्धि'
नीतीश कुमार अपने कार्यों के कारण सुशासन बाबू के नाम से भी जाने जाने लगे. सत्ता संभालने के बाद कानून व्यवस्था, पंचायत में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, 6 घंटे में प्रदेश के किसी सुदूर इलाके से राजधानी पहुंचने के लिए सड़कों का जाल, साइकिल योजना, हर घर बिजली, हर घर नल जल और अब जल जीवन हरियाली जैसी योजना चला रहे हैं. बिहार में पूर्ण शराबबंदी का फैसला भी नीतीश कुमार की बड़ी उपलब्धि है. इन फैसलों के कारण ही नीतीश आज जिस गठबंधन के साथ खड़े होते हैं, बिहार में उसी की सरकार बनती है.