पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान कानून-व्यवस्था से लेकर स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर विपक्ष लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है. विधानसभा में विपक्ष का दबदबा इस बार सरकार पर भारी दिख रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हावी होते नजर आ रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिफेंसिव मोड में दिख रहे हैं. विपक्ष का संख्या बल और नेता प्रतिपक्ष का आक्रमक अंदाज मुख्यमंत्री समेत पूरे सरकार पर भारी पड़ता नजर आ रहा है.
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राजद विधायक ऋषि कुमार ने कहा "नीतीश सरकार के मुखिया हैं. जितनी भी गड़बड़ी और असफलता है सब उनके माथे पर ही है. यही वजह है कि वह लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं. मुख्यमंत्री के लिए सम्मान अपनी जगह है, लेकिन सरकार का मुखिया होने के नाते विपक्ष के गंभीर सवालों से वे बच नहीं सकते."
"बिहार में अगर अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है तो मुख्यमंत्री और गृह मंत्री होने के नाते पूरी जिम्मेदारी उनकी ही है. सरकार की योजनाओं में अगर भ्रष्टाचार है तो इसकी जिम्मेदारी उन्हें लेनी पड़ेगी. यही वजह है कि विपक्ष के नेता लगातार उनपर हमला बोल रहे हैं."- ऋषि कुमार, राजद विधायक
इधर नीतीश सरकार में कई बार मंत्री रह चुके बीजेपी के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार ने कहा कि डिफेंसिव होने जैसी कोई बात नहीं है. क्योंकि हमारी सरकार ने लगातार अच्छा काम किया है.
"एक बार फिर बिहार में बजट के जरिए हमने यह साबित किया है कि हमारा विजन कितना अच्छा है. बिहार के विकास के लिए हम लगातार प्रयासरत हैं. लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने की आजादी है. सरकार बहुत बेहतर काम कर रही है. सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है."- प्रेम कुमार, भाजपा नेता
संख्या बल का दिख रहा असर
महत्वपूर्ण बात यह कि तेजस्वी यादव के जबरदस्त अटैक के बावजूद मुख्यमंत्री यही कहते सुने गए है कि मैंने आपको गोद में खिलाया है. यहां एक और बात महत्वपूर्ण है कि पिछले 15 साल से ज्यादा वक्त से बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे नीतीश कुमार को अब तक इतना मजबूत विपक्ष नहीं मिला. विधानसभा चुनाव में 75 सीटें जीतकर राजद सबसे बड़ा दल बना. यह संख्या बल अब विधानसभा में कहीं न कहीं नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर भारी पड़ता दिख रहा है.
तेजस्वी के तीखे हमले
- मुख्यमंत्री बार-बार एक ही बात कहते हैं कि हम 3-C (क्राइम, करप्शन, कम्युनलिज्म) से समझौता नहीं करते. असलियत ये है कि 3-C से ही समझौता करके वो C ग्रेड की पार्टी बन गए हैं.
- सीएम को बताना चाहिए कि आरजेडी के साथ काम करने कैसा अनुभव हुआ था और बीजेपी के साथ काम करके कैसा लग रहा है? जब हमारी सरकार थी तो बजट की पूरी राशि खर्च होती थी. आज स्थिति यह है कि बजट की राशि सरेंडर करनी पड़ रही है.
- बिहार में 65 घोटाले हुए हैं. इन घोटालों के जरिए 40 हजार करोड़ रुपए की लूट हुई है. जिन्होंने घोटाले किए उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई. नल जल और जल-जीवन-हरियाली योजना फेल है. 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की जल जीवन हरियाली योजना की शुरूआत की गई, उसका क्या हुआ?
- नीतीश सरकार तालाबों के जीर्णोद्धार में लगी है फिर भी तालाबों की संख्या बढ़ने की जगह घट रही है. बिहार में कभी 2 लाख 95 हजार तालाब हुआ करते थे. आज 95 हजार तालाब ही बचे हैं.
- शराबबंदी का हाल क्या है उसका प्रमाण सीतामढ़ी में दारोगा की हत्या है. पहले अपराधियों का एनकाउंटर होता था अब दारोगा की हत्या हो रही है. अपराधी अत्याधुनिक हथियार AK-47 लेकर चलते हैं और बिहार पुलिस की जीप स्टार्ट तक नहीं हो रही है.