पटना: 11 जून, 1975 में भारतीय कंपनी अधिनियम अंतर्गत बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड का गठन किया गया था. इसके गठन को लेकर केवल 5 करोड़ की पूंजी ही लगाई गई थी. अपने बनने के बाद से 2005 तक राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड घाटे में ही रहा. लेकिन जब से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार आई है इस कंपनी के अच्छे दिन आ गए है. नीतीश कुमार के सत्ता संभालने के बाद स्थिति बदलने लगी और 2006-07 में निगम ने 28 करोड़ से अधिक कमाया. उसके बाद हर साल पुल निर्माण निगम का मुनाफा बढ़ते गया. बात 2019- 20 की करें तो पुल निर्माण निगम का मुनाफा अब 201 करोड़ से अधिक का हो चुका है.
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मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है 155 करोड़ की राशि
आप बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अच्छे दिनों का अंदाजा इसी बात से लगा सकते है कि पुल निर्माण निगम ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अब तक 155 करोड़ से अधिक की राशि दान में दी है. इसके अलावा निगम कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत 33.14 करोड़ का व्यय भी किया है. इतना ही नही सुशासन राज में पुल निर्माण निगम के राज्य से बाहर भी काम करने को लेकर परियोजना प्रमंडल का भी गठन किया है. निगम के खुली निविदा में भाग लेने के बाद इसे एनएचएआई से किशनगंज में ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर पर फ्लाईओवर का काम मिला है.
इन परियोंजनाओं पर कर रहा है काम
पुल निर्माण निगम इस साल 60 परियोजनाओं पर काम कर रहा है. इन सभी परियोजनाओं पर 1330 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने वाली है. वहीं पिछले साल की भी कई योजना पर काम तेजी से जारी है. 2019-20 में पुल निर्माण निगम ने 87 पुलो के निर्माण का काम लिया था. जिस पर 1584 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है. इसके आलावा निगम कई और बड़े प्रोजेक्टस पर काम कर रहा है, इनमें —
- पटना में मीठापुर ऊपरी पुल से भिखारी ठाकुर पुल भाया आर ब्लॉक.
- पश्चिम चंपारण के धनहा घाट और रतवाल घाट के बीच गंडक नदी पर उच्च स्तरीय पुल.
- औरंगाबाद और रोहतास अंतर्गत दाउदनगर नासरीगंज के बीच सोन नदी पर चार लेन उत्तरीय पुल.
- किशनगंज में एनएच 31 फ्लाईओवर का निर्माण.
- रेल सह सड़क पुल दीघा पटना के सड़क मार्ग सारण साइड के पहुंच पथ का निर्माण.
- भगवतीपुर और कुसरे के बीच पुनपुन नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण.
- सीतामढ़ी में बागमती नदी के चंदोली घाट पर उच्चस्तरीय पुल का निर्माण.
- गया फतेहपुर गोपी पथ में पुल का निर्माण.
- पुल निर्माण निगम कई रेलवे ओवर ब्रिज का भी निर्माण चल रहा है.
इन याजनाओं को पूरा कर चुका है निगम
ये तो वो योजनाएं हैं जिसपर पुल निर्माण निगम काम कर रहा है. लेकिन 2006-07 से पुल निर्माण निगम ने राज्य में कई बड़ी योजनाओं को मूर्त रुप दिया है. यू कहे सकते हैं कि निगम ने हर साल कई बड़ी परियोजनाओं के काम को पूरा किया है. नीचे के आंकड़ों से ही स्पष्ट हो जाता है कि 2006-07 में केवल 26 परियोजनाओं को पूरा किया था, लेकिन अब हर साल 100 से अधिक योजना पुल निर्माण का काम निगम पूरा कर रहा है.
वर्ष | परियोजनाओं की संख्या | राशि (करोड़ में) |
2006-07 | 07 | 26, 83.42 |
2007-08 | 08 | 77,157.00 |
2008-09 | 09 | 193, 469.83 |
2009 -10 | 10 | 233, 666.19 |
2010 -11 | 11 | 195, 799.25 |
2011--12 | 12 | 283, 902.39 |
2012-13 | 13 | 140, 788.02 |
2013--14 | 14 | 142, 1208.00 |
2014--15 | 15 | 189, 741.28 |
2015-16 | 16 | 271, 2405.54 |
2016-17 | 17 | 143, 1251.95 |
2017-18 | 18 | 136, 699.31 |
2018-19 | 19 | 111, 1668.23 |
2019-20 | 20 | 87, 1584.44 |
2020-21 | 21 | 87, 1584.44 |
2005 के बाद से ही पुल निर्माण निगम लाभ देने लगा था। नीचे के आंकड़ों से साफ पता चलता है कि 2006 से निगम ने हर साल मुनाफा कमाया है.
वर्ष | परियोजनाओं पर व्यय | कुल आय (करोड़ में) |
2006-07 | 95.88 | 28.38 |
2007-07 | 417.48 | 88.25 |
2008-09 | 756.00 | 110.73 |
2009-10 | 853.84 | 111.59 |
2010-11 | 1158.42 | 44.05 |
2011-12. | 1294.36. | 175.62 |
2012--13. | 1273.31. | 141.94 |
2013--14. | 1480.85. | 159.22 |
2014-15. | 1739.32. | 183.22 |
2015-16 | 1698.99 | 150.59 |
2016-17 | 1840.02 | 147.44 |
2017--18 | 1500.99 | 40.22 |
2018-19. | 1503.39 | 47.55 |
2019--20. | 1209.00 | 161.85 |
2020--21. | 1400.00 | 148.00 |
पुल निर्माण निगम को कभी बंद करने की थी तैयारी
2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी और उस समय बिहार में अधिकांश निगम घाटे में चल रहे थे. कई को बंद करने की तैयारी भी थी. लेकिन नीतीश कुमार ने अपने तेज तर्रार अधिकारियों को इसमें लगाया और घाटे में चलने वाला निगम अचानक बिहार के पथ निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा. नदियों पर पुल निर्माण से लेकर शहरों में फ्लाईओवर तक कि कई योजनाओं को पुल निर्माण निगम ने अपने हाथ में लिया और नीतीश कुमार के 6 घंटे में प्रदेश के सुदूर इलाके से राजधानी पहुंचने के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभाई.