पटना : राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD state president Jagdanand Singh) ने शनिवार को जदयू और बीजेपी पर बारी-बारी से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों में एकता थी ही नहीं. कुर्सी की लालच में दोनों एक साथ हैं. ये दोनों ही दल एक-एक पैर पर हैं. ये लोग किसी तरह से एकजुट होकर चलने का प्रयास करते हैं. न तो जदयू दोनों पैर पर खड़ा हो सकता है और न ही बीजेपी. जेडीयू और बीजेपी में एकता है कहां ?
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पेंडुलम की तरह डोलते रहते हैं नीतीश : जगदानंद सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार (JDU leader Nitish Kumar) की तो कोई राजनीतिक ताकत ही नहीं है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उनको इसका पता चल चुका है. कुछ पौधे ऐसे होते हैं जो बिना किसी सहारे के बढ़ नहीं सकते हैं, न आगे ऊंचा उठ सकते हैं. ठीक उसी तरह नीतीश कुमार को भी सहयोग चाहिए, कभी मोदी का तो कभी लालू प्रसाद का, पेंडुलम की तरह डोलते रहते हैं, इनमें स्थिरता है ही नहीं.
आत्मसम्मान रहता तो नीतीश बीजेपी के साथ नहीं रहते : जगदानंद सिंह ने यहां तक कहा कि अगर आत्मसम्मान रहता तो नीतीश कुमार इतनी बदनामी और बेइज्जती झेलने के बाद सीएम की कुर्सी पर बीजेपी के साथ नहीं रहते. बीजेपी बराबर ठुकरा करके यह साबित करना चाहती है कि नीतीश जी आप हम पर आश्रित हैं, और ये सचमुच साबित करते हैं कि हम आश्रित हैं. इनके मन में सदा डर बना रहता है कि आश्रय से हटा न दिया जाए, जीरो पर न चले जाएं, राजनीति से सदा के लिए विदा न हो जाएं.
उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की राजनीति के सिद्धांतों का विसर्जन हो चुका है. नीतीश कुमार सहयोग की चीज हैं क्या ? ये तो जनता से बिल्कुल ठुकराए जा चुके हैं. एक व्यक्ति के रूप में आएं सदस्य बन कर रहना चाहते हैं तो हम लोगों को ऐतराज नहीं है, लेकिन सीएम की कुर्सी के लिए जनता ने तेजस्वी को तय कर लिया है. नीतीश कुमार ने जनता का मैंडेट लूट लिया. इसका वे प्रायश्चित करें.
जनता ने जो जनादेश दिया था, नीतीश कुमार ने दंगाइयों और उग्रवादियों के कहने पर उस जनादेश पर डकैती डाल दी, नीतीश जी जनता से माफी मांगें. तेजस्वी को उस जगह पर बैठाएं जहां जनता का विश्वास था.हालांकि उनका यह भी कहना था कि नीतीश कुमार समाजवादी बीज हैं. यह अलग बात है कि समय ने उनको वहां पहुंचा दिया. नीतीश कुमार अगर डॉक्टर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों पर चलते हैं ,जो लालू जी के संघर्षों के साथ चले हैं, तो आएं उनका स्वागत है. नीतीश कुमार के स्वागत पर जगदानंद सिंह ने कहा नीतीश जी अब हैं किस काम के जो उनका स्वागत किया जाए ? उनको स्वागत करना है तेजस्वी यादव का, वह कब स्वागत करते हैं और कुर्सी की लालच कब छोड़ेंगे ये उनको तय करना है.