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मानव श्रृंखला में आने की बाध्यता पर बैकफुट पर सरकार, नियोजित शिक्षकों ने बतायी अपनी जीत - Bihar employed teacher

प्रेमचंद्र ने कहा कि 15 जनवरी तक सरकार को नियोजित शिक्षकों का सेवा शर्त जारी करना होगा. सरकार शर्त नहीं मानती है, तो 19 जनवरी को मानव श्रृंखला में कोई भी शिक्षक भाग नहीं लेंगे.

पटना
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Published : Jan 10, 2020, 9:01 PM IST

पटना: जल जीवन हरियाली योजना को लेकर सरकार 19 जनवरी को मानव श्रृंखला के लिए पूरी जोरों से तैयारी कर रही है. सरकार ने बिहार के सभी स्कूलों को 19 जनवरी को खोलने का आदेश दिया था. लेकिन शिक्षकों के विरोध के बाद सरकार अपने फैसले में बदलाव किया है.

शिक्षा विभाग ने पहले पत्र जारी कर बिहार के सभी स्कूलों को 19 जनवरी को खोलने का आदेश दिया था. इसके साथ ही सभी शिक्षकों और छात्रों को भी मानव श्रृंखला में शामिल होने को कहा था. विभाग के इस आदेश के खिलाफ शिक्षक हाई कोर्ट चले गए. इसके बाद शिक्षा विभाग ने नया पत्र जारी कर छात्र और शिक्षकों को मानव श्रृंखला शामिल होने के लिए बाध्यता को खत्म कर दी.

शिक्षक समिति के संयोजक प्रेमचंद्र का बयान

'बिहार सरकार अहंकारी सरकार है'
शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक प्रेमचंद्र ने कहा कि यह सरकार के खिलाफ शिक्षकों की बड़ी जीत है. बिहार सरकार अहंकारी सरकार है. हम लोग के विरोध के वजह से ही सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा. 2018 में पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों को मानव श्रृंखला में शामिल होने को लेकर स्पष्ट आदेश दिया था कि सरकार बाध्य नहीं कर सकती. इस बार भी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा.

ये भी पढ़ें: जगदानंद सिंह के बेबाक बोल- 'भूरा बाल साफ करो' का नारा लालू प्रसाद ने कभी नहीं दिया

'जारी रहेगा संघर्ष'
प्रेमचंद्र ने कहा कि 15 जनवरी तक सरकार को नियोजित शिक्षकों का सेवा शर्त जारी करना होगा. सरकार शर्त नहीं मानती है, तो 19 जनवरी को मानव श्रृंखला में कोई भी शिक्षक भाग नहीं लेंगे. हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी तरह मान नहीं लेती.

पटना: जल जीवन हरियाली योजना को लेकर सरकार 19 जनवरी को मानव श्रृंखला के लिए पूरी जोरों से तैयारी कर रही है. सरकार ने बिहार के सभी स्कूलों को 19 जनवरी को खोलने का आदेश दिया था. लेकिन शिक्षकों के विरोध के बाद सरकार अपने फैसले में बदलाव किया है.

शिक्षा विभाग ने पहले पत्र जारी कर बिहार के सभी स्कूलों को 19 जनवरी को खोलने का आदेश दिया था. इसके साथ ही सभी शिक्षकों और छात्रों को भी मानव श्रृंखला में शामिल होने को कहा था. विभाग के इस आदेश के खिलाफ शिक्षक हाई कोर्ट चले गए. इसके बाद शिक्षा विभाग ने नया पत्र जारी कर छात्र और शिक्षकों को मानव श्रृंखला शामिल होने के लिए बाध्यता को खत्म कर दी.

शिक्षक समिति के संयोजक प्रेमचंद्र का बयान

'बिहार सरकार अहंकारी सरकार है'
शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक प्रेमचंद्र ने कहा कि यह सरकार के खिलाफ शिक्षकों की बड़ी जीत है. बिहार सरकार अहंकारी सरकार है. हम लोग के विरोध के वजह से ही सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा. 2018 में पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों को मानव श्रृंखला में शामिल होने को लेकर स्पष्ट आदेश दिया था कि सरकार बाध्य नहीं कर सकती. इस बार भी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा.

ये भी पढ़ें: जगदानंद सिंह के बेबाक बोल- 'भूरा बाल साफ करो' का नारा लालू प्रसाद ने कभी नहीं दिया

'जारी रहेगा संघर्ष'
प्रेमचंद्र ने कहा कि 15 जनवरी तक सरकार को नियोजित शिक्षकों का सेवा शर्त जारी करना होगा. सरकार शर्त नहीं मानती है, तो 19 जनवरी को मानव श्रृंखला में कोई भी शिक्षक भाग नहीं लेंगे. हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी तरह मान नहीं लेती.

Intro:बिहार में मानव श्रृंखला के आयोजन से पहले सरकार को आखिरकार शिक्षकों के विरोध के आगे झुकना पड़ा। बिहार शिक्षक संघर्ष समिति ने इसे अपनी जीत बताते हुए कहा है कि शिक्षकों का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी सारी मांगे नहीं मान लेती।


Body:दरअसल शिक्षा विभाग ने पहले पत्र जारी करके बिहार के सभी स्कूलों को 19 जनवरी को खोलने का आदेश दिया था और इसके साथ ही सभी शिक्षकों और छात्रों को भी मानव श्रृंखला बनाने को कहा था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों का एक गुट पटना हाईकोर्ट चला गया और वहां जनहित याचिका दायर कर दी गई।
इसके बाद आनन-फानन में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने नया पत्र जारी किया और पुराने आदेश को वापस लेते हुए छात्रों और शिक्षकों को अपनी इच्छा से मानव श्रृंखला में भाग लेने को कहा है। शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है। संघर्ष समिति के संयोजक प्रेमचंद्र ने कहा कि यह सरकार के खिलाफ शिक्षकों की बड़ी जीत है। हमारे विरोध के कारण आखिरकार सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और अपना तानाशाही आदेश वापस लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी तरह मान नहीं लेती।


Conclusion:प्रेमचन्द्र ने कहा कि 15 जनवरी तक सरकार को नियोजित शिक्षकों का सेवा शर्त जारी करना होगा नहीं तो 19 जनवरी को मानव श्रृंखला में कोई भी शिक्षक किसी भी तरह से भाग नहीं लेगा।

प्रेमचंद्र संयोजक, बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति
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