पटनाः राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पटना की सड़कों पर दौड़ने वाली डीजल चालित वाहनों पर बैन लगा दिया गया है. इसको लेकर बिहार कैबिनेट ने बुधवार को फैसले को मंजूरी दे दी है. इसके तहत स्वच्छ इंधन योजना लागू होगी.
जानकारी के मुताबिक डीजल चालित और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को सीएनजी किट लगाकर प्रदूषण मुक्त किया जायेगा. इसके लिए सरकार अनुदान भी देगी. परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि 31 जनवरी 2021 के बाद पटना में डीजल चालित ऑटो पर प्रतिबंध लग जाएगा. वहीं 31 मार्च 2021 के बाद फुलवारी शरीफ और दानापुर में भी डीजल चालित वाहन नहीं चलेंगे.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सलाह पर लगा बैन
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पटना में चलने वाले ऑटो में किरोसिन मिलाने के कारण बहुत सारी समस्याएं हो रही है. प्रदूषण में इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में सलाह दी थी जिस पर सरकार ने डीजल चालित वाहन को बैन करने का फैसला लिया है. परिवहन सचिव ने बताया कि फिलहाल पटना नगर निगम में इस पर 1 फरवरी 2021 से बैन रहेगा. जबकि फुलवारी शरीफ और दानापुर में इसके बाद बैन लगाया जायेगा.
स्वच्छ इंधन योजना से मिलेगी सहायता राशि
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि इसके पहले सभी तरह की गाड़ियों को स्वच्छ इंधन योजना के तहत सीएनजी किट लगाकर चलाया जा सकेगा. इसके लिए सरकार अनुदान भी देगी.
- सेवेन सीटर तिपहिया वाहन खरीदने पर सरकार 40 हजार रुपये तक मदद करेगी.
- पेट्रोल चालित वाहन को सीएनजी किट रिप्लेस कराने पर 20 रुपए की अनुदान राशि.
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर 25 हजार की अनुदान राशि.
- मोटर कैब को सीएनजी किट लगाने पर 20 हजार का अनुदान.
30 करोड़ रुपए तक अनुदान देगी सरकार
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छ इंधन योजना के तहत राज्य सरकार लगभग 30 करोड़ रुपए का अनुदान राशि देगी. ताकि इसका प्रतिकूल असर वाहन मालिक पर ना पड़े. इस राशि से रेट्रोफिटिंग कर सीएनजी लगा सकते हैं या वाहन बेचकर दूसरा इलेक्ट्रीक वाहन खरीद सकते हैं.