पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार है और भाजपा के सबसे ज्यादा विधायक हैं. मंत्रिमंडल विस्तार से पहले जदयू भी अंकगणित के खेल में मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाना चाहती है. पार्टी की मंशा है कि विधायकों की संख्या 50 से 60 के बीच कर ली जाए. ताकि मंत्रिमंडल विस्तार में बात बराबरी पर हो. जानकारी के मुताबिक 13 कांग्रेसी विधायक एनडीए नेताओं के संपर्क में है और खरमास बाद पाला बदलने का खेल शुरू हो जाएगा.
जदयू के संपर्क में कांग्रेसी विधायक
हाल के दिनों में कांग्रेसी दफ्तर में जितनी बैठकें हुईं उसमें आधे दर्जन विधायक ही मौजूद रहे. 13 विधायक किसी ना किसी बहाने से बैठक से नदारत रहे. बताया जा रहा है कि ज्यादातर विधायक जदयू नेताओं के संपर्क में हैं.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने साफ कर दिया है कि खरमास बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. लेकिन भाजपा की तरफ से अब तक सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. भूपेंद्र यादव जी मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल को टाल गए.
'मंत्रिमंडल विस्तार पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्थिति स्पष्ट कर दी है और खरमास बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा. जहां तक कांग्रेस में टूट का सवाल है, तो मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है'- निहोरा यादव, जदयू प्रवक्ता
'उचित समय पर मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के मुखिया हैं और उन्होंने अगर इच्छा जताई है तो जल्द मेरी पार्टी इस पर पहल करेगी'- नवल किशोर यादव, भाजपा प्रवक्ता
'मंत्रिमंडल विस्तार में देरी जदयू के वजह से भी हो रही है. जदयू खरमास का इंतजार कर रही है और पार्टी चाहेगी कि संख्या बल में बढ़ोतरी कर ली जाए. ताकि भाजपा से जब टेबल पर बात हो तो समझौता बराबरी का हो'- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक