पटना: सिखों के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर जी का 345वां शहीदी पर्व तख्त श्री हरमन्दिर जी पटना साहिब में मनाया जा रहा है. यह दिन शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. तेग बहादुर जी ने हंसते-हंसते धर्म और मानवता की रक्षा के लिए कुर्बानी दी. इस अवसर पर सामूहिक अरदास और भजन-कीर्तन किये जाएंगे. दरवार हॉल में अरदास, भजन-कीर्तन और सामूहिक लंगर की व्यवस्था की गई है. प्रवन्धक कमिटी की ओर से विश्व के दूसरे तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारा को रंग-बिरंगी रौशनी से सराबोर किया गया है.
नौवें गुरु थे तेग बहादुर जी
श्री गुरु तेग बहादुर, सिख धर्म के दस गुरुओं में से नौवें गुरु थे. उन्होंने पूरा उत्तर भारत और पूर्वी भारत का भ्रमण कर धर्म का प्रचार किया. श्री गुरु तेग बहादुर ने मुगल साम्राज्य के अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. उन्होंने अपने अनुयायियों के विश्वास और धार्मिक स्वतंत्रता व अधिकारों की रक्षा की खातिर अपने प्राणों का बलिदान दिया था. इस कारण सम्मान के साथ उन्हें हिंद दी चादर भी कहा जाता है.
हर जगह सामुदायिक रसोई और कुएं की स्थापना की
श्री गुरु तेग बहादुर जी का यही संदेश था कि किसी के साथ अन्याय मत करो और किसी को मत डराओ. दूसरों की जिंदगी बचाने की खातिर उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था. वह जहां भी गए वहां उन्होंने सामुदायिक रसोई और कुएं की स्थापना की. वह 17वीं शताब्दी (1621 से 1675) के दौरान रहे और उन्होंने सिख धर्म का प्रचार किया. वे दसवें गुरु, गोविंद सिंह के पिता भी थे. गुरु के रुप में उनका कार्यकाल 1665 से 1675 तक रहा.