पटना: उम्मीद की जा रही थी कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में एक के बाद एक अलग-अलग तरह के केस के कारण नियोजन लगातार लटकता जा रहा है.
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शिक्षक नियोजन का मामला लटका
छठे चरण के नियोजन के तहत बिहार में करीब 90,000 प्राथमिक और करीब 30,000 माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया वर्ष 2019 में शुरू हुई थी. दोनों तरह के पद के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया भी काफी पहले खत्म हो चुकी है. लेकिन विभिन्न मामलों में पटना हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश और कई बार नियोजन प्रक्रिया पर स्टे के कारण ना तो काउंसलिंग की डेट जारी हो पाई है और ना ही शिक्षक अभ्यर्थियों को नियोजन के भविष्य का ही पता चल पा रहा है.
अगर सरकार चाहती तो पटना हाई कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत तरीके से रख सकती थी. लेकिन हर बार किसी न किसी जूनियर वकील को भेज दिया जाता है. जिसके कारण मामला लंबा खींच जाता है. शिक्षा विभाग के अधिकारी भी नियोजन के मामले में गंभीर नहीं दिखते.- पप्पू कुमार , अभ्यर्थी
'शिक्षक अभ्यर्थियों की आपसी प्रतिस्पर्धा की वजह से पिछले कुछ महीनों में एक के बाद एक कई याचिकाएं शिक्षक नियोजन से जुड़ी हुई पटना हाईकोर्ट में दायर की गई हैं. इन मामलों में कोर्ट के आदेश की वजह से छठे चरण का नियोजन वक्त वक्त पर प्रभावित होता रहा है.'- प्रिंस कुमार मिश्र, एडवोकेट,पटना हाईकोर्ट
एनआइओएस डीएलएड अभ्यर्थियों का मामला |
प्राथमिक कक्षाओं के लिए D.El.Ed को प्राथमिकता देने का मामला |
दिसंबर सीटीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों का मामला |
नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन के द्वारा आरक्षण को लेकर दर्ज मामला |
सीटेट की वैधता को चैलेंज करने का मामला |
क्या है नया मामला
नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन की याचिका के मामले में बिहार सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह नियमों के मुताबिक आरक्षण देगी. लेकिन अब नया मामला बिहार सरकार के लिए और विशेष रूप से सीटेट पास अभ्यर्थियों के भविष्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण है. बिहार से टीईटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की है. जिसमें बिहार के शिक्षक बहाली सिर्फ बिहार में आयोजित टेट परीक्षा को ही वैध करने की मांग की गई है.
कब होगी बहाली?
एक तरफ शिक्षक अभ्यर्थी बिहार सरकार और शिक्षा विभाग की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं. दूसरी तरफ विभिन्न मामलों को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी ही पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं. जिसके कारण छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया पर लगा ग्रहण खत्म होता नहीं दिख रहा. अब देखना है कि बिहार सरकार पटना हाईकोर्ट में दायर मामलों में कितनी तेजी से अपना जवाब दाखिल करती है और कब तक छठे चरण के 90000 शिक्षकों के नियोजन का मामला अपनी मंजिल तक पहुंचता है.