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कुढ़नी उपचुनाव में महागठबंधन और भाजपा के बीच VIP की इंट्री, नीलाभ हो सकते हैं उम्मीदवार

वीआईपी ने कुढ़नी विधानसभा सीट पर दावेदारी की जा रही थी. इसी बीच खबर आ रही है कि वीआईपी की तरफ से निलाभ कुमार उम्मीदवार हो सकते हैं. इस सिलसिले में निलाभ कुमार ने वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देवज्योति से मंगलवार को मुलाकात की है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Nov 15, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 9:00 PM IST

पटना: बिहार की कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव की घोषणा (By Election In Kurhani Assembly) हो चुकी है. कुढ़नी विधानसभा की इस हॉट सीट पर जदयू ने जहां मनोज कुशवाहा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. वहीं बीजेपी ने पूर्व विधायक रहे केदार गुप्ता को मैदान में उतारा है. इसी बीच वीआईपी की ओर से इस सीट पर दावेदारी के बीच पार्टी की ओर से निलाभ कुमार को उम्मीदवार बनाए (Nilabh Kumar May Be VIP candidate From Kurhani ) जाने की खबरें आ रही है. टिकट के सिलसिले में निलाभ कुमार ने वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देवज्योति से मंगलवार को मुलाकात भी की है. वहीं उम्मीदवार के बारे में पार्टी की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें-VIP ने कुढ़नी सीट पर ठोका दावा, कहा- हम रखते हैं BJP को हराने की क्षमता

कौन हैं निलाभ कुमारः वीआईपी से टिकट की रेस में निलाभ कुमार कुढ़नी विधानसभा सीट पर कई बार विधायक रहे साधु शरण शाही के पोते हैं. वे 2018 से भूमिहार ब्राहमण एकता मंच के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं. निलाभ के दादा साधु शरण शाही 1969, 1972 और 1977 में इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. उनकी पहचान क्षेत्र में एक कद्दावर नेता के रूप में रह चुकी है. अब देखना है कि वीआईपी से कुढ़नी में निलाभ कुमार होंगे उम्मीदवार या कोई और. अब सब की निगाहें वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (VIP chief Mukesh Sahni) पर टिकी है.

कुढ़नी के उम्मीदवारों का गणितः इस सीट पर जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा उम्मीदवार हैं वहीं बीजेपी की ओर से केदार गुप्ता को एक बार फिर से मौका दिया है. दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. मनोज कुशवाहा कुढ़नी से पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. वहीं केदार गुप्ता बीजेपी की तरफ से 2015 में चुनाव जीते थे. उस समय भी नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. 2020 में भी केदार गुप्ता को ही बीजेपी ने टिकट दिया था. लेकिन, आरजेडी के अनिल सहनी से चुनाव हार गए. अब अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद यहां उप चुनाव हो रहा है. आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल सहनी पर 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने केस किया था. कोर्ट ने सजा सुनाई उसके बाद यह सीट खाली हुई है.महागठबंधन के साथ 7 दलों की एकजुटता है. वहीं भाजपा को एनडीए के घटन दलों के साथ चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर का भी समर्थन है. इसी बीच अगर वीआईपी से टिकट की रेस में निलाभ कुमार अगर कुढ़नी से मैदान में आते हैं तो यहां का मुकाबला दिलचस्प होगा.

ये भी पढ़ें-जदयू मंत्री लेसी सिंह का दावा- 'कुढ़नी उपचुनाव में महागठबंधन के सामने विपक्ष टिक नहीं पाएगा'

पटना: बिहार की कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव की घोषणा (By Election In Kurhani Assembly) हो चुकी है. कुढ़नी विधानसभा की इस हॉट सीट पर जदयू ने जहां मनोज कुशवाहा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. वहीं बीजेपी ने पूर्व विधायक रहे केदार गुप्ता को मैदान में उतारा है. इसी बीच वीआईपी की ओर से इस सीट पर दावेदारी के बीच पार्टी की ओर से निलाभ कुमार को उम्मीदवार बनाए (Nilabh Kumar May Be VIP candidate From Kurhani ) जाने की खबरें आ रही है. टिकट के सिलसिले में निलाभ कुमार ने वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देवज्योति से मंगलवार को मुलाकात भी की है. वहीं उम्मीदवार के बारे में पार्टी की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

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कौन हैं निलाभ कुमारः वीआईपी से टिकट की रेस में निलाभ कुमार कुढ़नी विधानसभा सीट पर कई बार विधायक रहे साधु शरण शाही के पोते हैं. वे 2018 से भूमिहार ब्राहमण एकता मंच के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं. निलाभ के दादा साधु शरण शाही 1969, 1972 और 1977 में इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. उनकी पहचान क्षेत्र में एक कद्दावर नेता के रूप में रह चुकी है. अब देखना है कि वीआईपी से कुढ़नी में निलाभ कुमार होंगे उम्मीदवार या कोई और. अब सब की निगाहें वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (VIP chief Mukesh Sahni) पर टिकी है.

कुढ़नी के उम्मीदवारों का गणितः इस सीट पर जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा उम्मीदवार हैं वहीं बीजेपी की ओर से केदार गुप्ता को एक बार फिर से मौका दिया है. दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. मनोज कुशवाहा कुढ़नी से पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. वहीं केदार गुप्ता बीजेपी की तरफ से 2015 में चुनाव जीते थे. उस समय भी नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. 2020 में भी केदार गुप्ता को ही बीजेपी ने टिकट दिया था. लेकिन, आरजेडी के अनिल सहनी से चुनाव हार गए. अब अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद यहां उप चुनाव हो रहा है. आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल सहनी पर 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने केस किया था. कोर्ट ने सजा सुनाई उसके बाद यह सीट खाली हुई है.महागठबंधन के साथ 7 दलों की एकजुटता है. वहीं भाजपा को एनडीए के घटन दलों के साथ चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर का भी समर्थन है. इसी बीच अगर वीआईपी से टिकट की रेस में निलाभ कुमार अगर कुढ़नी से मैदान में आते हैं तो यहां का मुकाबला दिलचस्प होगा.

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Last Updated : Nov 15, 2022, 9:00 PM IST
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