पटना: राजधानी पटना में गुरुवार की दोपहर शास्त्री नगर थाना के समीप झोपड़पट्टी में आग लग गयी थी. बताया जाता है कि करीब 200 झोपड़ियां जल गईं थी. हालांकि प्रशासन ने 85 झोपड़ी जलने की बात बतायी. आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड को मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन, इस दरम्यान कई लोगों के सपने जल गये. शुक्रवार की सुबह आग ठंडी पड़ने पर लोग मलबे में अपना सामान ढूंढते नजर आए.
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प्रशासन से मदद की आसः ईटीवी भारत की टीम आज शुक्रवार की सुबह घटनास्थल पर पहुंची. वहां महिलाएं-बच्चे मिलकर अपने आशियाने को जो राख में तब्दील हो गयी थी देख रहे थे. घर में रखे तमाम सामान, कागज, कपड़े बाइक आदि जल गई थी. उन्हें प्रशासन से मदद की आस है. जीरा देवी ने बताया कि 2 मई को बेटी की शादी होने वाली है. शादी के लिए डेढ़ लाख रुपए जमा की थी. उसे घर में रखी थी. जब आग लगी तो पैसा, गहना, आधार कार्ड तमाम चीजें जलकर राख हो गईं.
राख के ढेर में किताब ढूंढ रही बच्चीः वह जले रुपये दिखाते हुए रोने लगी. कहा कि अभी तक जहां पर बेटी की शादी तय हुई है वहां नहीं बताया है. लेकिन, अब शादी कैसे होगी इसकी चिंता सता रही है. जीरा देवी ने बताया कि वह दूसरे घरों में पोछा बर्तन का काम करती है. उसे डर है कि पैसे की कमी के कारण कहीं बेटी की शादी न टूट जाए. एक छोटी बच्ची राख के ढेर में अपनी किताब खोजती नजर आई. पूछने पर उसने अपना नाम रागिनी बताया. उसकी उम्र लगभग 5 वर्ष रही होगी.
सरकार से मदद की आसः रागिनी ने कहा कि सब कुछ जल गया है. किताब खोज रहे हैं, लेकिन मिल नहीं रही है. स्कूल जाना है. उसने कहा कि हम पढ़ाई करते हैं. सरकार मदद करे. कॉपी किताब दे. लोगों ने बताया कि उनकी पूरी संपत्ति स्वाहा हो गई. कुछ भी नहीं बचा है. दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं. स्थानीय लोग कपड़े व अन्य सामान देकर मदद कर रहे हैं. जिला प्रशासन की तरफ से लोगों के खाने पीने की व्यवस्था की गई है. कई लोगों का यह भी कहना है कि कुल मिलाकर 40 लाख से ज्यादा का सामान जलकर खाक हो गया है.
'सब कुछ जल गया है. किताब खोज रहे हैं, लेकिन मिल नहीं रही है. स्कूल जाना है. हम पढ़ाई करते हैं. सरकार मदद करे. कॉपी किताब दे. ताकि हम स्कूल जा सकें- रागिनी, अग्निकांड की पीड़िता