पटना: ललित नारायण मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट मुजफ्फरपुर के 50 वर्ष पूरे होने पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 3 साल पूरे होने के अवसर पर पटना के होटल मौर्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया.मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल हुए. राज्यपाल को अंग वस्त्र और बुके देकर के सम्मानित किया गया. राज्यपाल ने दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी की शुरुआत की.
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समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करतीः राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 हमारे समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करती है. यह जमीन से जुड़ी हुई ऐसी शिक्षा नीति है जो हमारी मौजूदा जरूरतों को भी पूरा करती है. यह शिक्षा नीति हमारी औपनिवेशिक सोच को बदलकर युवाओं में नयी ऊर्जा भरती है. राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि पुरानी शिक्षा नीति केवल सेवक पैदा करते हुए बाबूगिरी को बढ़ावा देने वाली थी. इसमें सिर्फ विद्यार्थियों की स्मरण-शक्ति का ही परीक्षण हो पाता था.
दूसरे प्रदेशों के विद्यार्थी भी बिहार पढ़ने आयेंगेः नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को औपनिवेशिक सोच से उबरते हुए एक अच्छे मनुष्य के निर्माण की दिशा में एक सार्थक पहल के रूप में लागू किया गया है. राज्यपाल ने कहा कि एक अच्छा मनुष्य ही एक अच्छा चिकित्सक, शिक्षक, ऑफिसर या अच्छा राजनेता बन सकता है. राज्यपाल ने कहा कि बिहारी अगर परिश्रमी एवं प्रतिभाशाली हैं तो फिर बिहार क्यों किसी से पीछे रहेगा? उन्होंने कहा कि हमें उस दिन की प्रतीक्षा है जब सिर्फ बिहारी विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त करने बाहर नहीं जायेंगे बल्कि दूसरे प्रदेशों के विद्यार्थी भी बिहार पढ़ने आयेंगे.
रोजगार-पैदा कर सके ऐसी ही नई शिक्षा नीति: राज्यपाल ने कहा कि आज हमें ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता है जो हमें रोजगार-याचक नही बल्कि रोजगार-पैदा कर सके. राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी दिशा में एक ठोस पहल है.उन्होंने कहा कि बिहार राज्य में भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गयी है. उन्होंने स्पष्ट किया की नई शिक्षा नीति में भी तीन वर्ष का ही स्नातकीय पाठ्यक्रम निर्धारित है, उच्च और विशिष्ट अध्ययन के लिए चौथे वर्ष में पढ़ाई का प्रावधान है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तत्परतापूर्वक कार्यान्वयन की जरूरत बताते हुए कहा कि हमारी आगामी पीढ़ियां इससे स्वतंत्र और युगान्तकारी परिवर्तन के लिए तैयार हो सकेंगी.