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बिहटा कैंपस के इन्क्यूबेशन सेंटर के छात्रों की नई पहल, 3D तकनीक से बनाया जा रहा फेस शिल्ड

कंपनी के मार्केटिंग ऑफिसर आलोक कुमार ने बताया कि संस्था में उपलब्ध थ्रीडी प्रिंटिंग और लेजर कटिंग तकनीक से इस शील्ड को बनाया जा रहा है. जिसे कोरोना मरीजों की देखभाल में इस्तेमाल किया जाएगा.

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Published : Apr 15, 2020, 7:21 PM IST

Updated : Apr 15, 2020, 7:45 PM IST

3D तकनीक से बनाया जा रहा फेस शिल्ड
3D तकनीक से बनाया जा रहा फेस शिल्ड

पटना: आईआईटी के बिहटा स्थित कैंपस के इन्क्यूबेशन सेंटर की टीम की ओर से कोरोना को लेकर थ्रीडी तकनीक से फेस शिल्ड बनाया जा रहा है. बता दें कि सिबिलिन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड इन्क्यूबेशन सेन्टर आईआईटी पटना ने कोरोना के डॉक्टर और नर्स के लिए फेस शील्ड और डिलीवरी रोबोट्स का अविष्कार किया है.

कोरोना से निपटने के लिए रोबोट्स का निर्माण
फेस शील्ड से डॉक्टर्स और नर्सेज को कोरोना मरीजों से संक्रमण का खतरा बहुत हद तक कम होगा. वहीं, कंपनी ने 25 फेस शील्ड रुबन हॉस्पिटल और नालंदा मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध करवाया है. साथ ही करीब 200 फेस शील्ड बिहार के अन्य अस्पतालों को दान करेगी. इसके अलावा सिबिलिन रोबोटिक्स कोरोना से निपटने के लिए रोबोट्स का भी निर्माण कर रही है. जिसे कोरोना मरीजों की देखभाल में इस्तेमाल किया जाएगा ताकि डॉक्टर एवं नर्स सीधे संक्रमण से सुरक्षित रहें.

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3D तकनीक से बनाया जा रहा फेस शिल्ड

एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी
आईआईटी पटना के इन्क्यूबेशन सेंटर के चीफ तिवारी यांत्रिकी विभाग के अतुल ठाकुर और ऋषि राज के सम्पूर्ण सहयोग से ही ये सम्भव हो पाया है. साथ ही इस कंपनी के अधिकारीगण पंकज कुमार, अमित कुमार सिंह और रितेश सिंह लगातार कोरोना से निपटने के लिए अलग-अलग शोध करके नए-नए रोबोट्स, ड्रोन्स और नर्स रोबोट्स का निर्माण कर रहे हैं. जसे जल्द बनाकर तैयार कर लिया जाएगा. टीम में शामिल सदस्यों की माने तो अगर संसाधन मिले तो एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी हम लोग कर सकते हैं.

पेश है एक रिपोर्ट

3D प्रिंटिंग से बनाई गई फेस शील्ड
इनक्यूबेशन सेंटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर फेस शील्ड का विकास किया गया है. मेकैनिकल इंजीनियर विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ अतुल ठाकुर, डॉ. ऋषि राज और इक्यूबेशन सेंटर के प्रभारी प्रमोद कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में यह फेस शील्ड बनाया गया है. कंपनी के मार्केटिंग ऑफिसर आलोक कुमार ने बताया कि संस्था में उपलब्ध थ्रीडी प्रिंटिंग और लेजर कटिंग तकनीक से इस शील्ड को बनाया जा रहा है.

एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी
आईआईटी पटना के इन्क्यूबेशन सेंटर के चीफ तिवारी यांत्रिकी विभाग के अतुल ठाकुर और ऋषि राज के सम्पूर्ण सहयोग से ही ये सम्भव हो पाया है. साथ ही इस कंपनी के अधिकारीगण पंकज कुमार, अमित कुमार सिंह और रितेश सिंह लगातार कोरोना से निपटने के लिए अलग-अलग शोध करके नए-नए रोबोट्स, ड्रोन्स और नर्स रोबोट्स का निर्माण कर रहे हैं. जसे जल्द बनाकर तैयार कर लिया जाएगा. टीम में शामिल सदस्यों की माने तो अगर संसाधन मिले तो एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी हम लोग कर सकते हैं.

3D प्रिंटिंग से बनाई गई फेस शील्ड
इनक्यूबेशन सेंटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर फेस शील्ड का विकास किया गया है. मेकैनिकल इंजीनियर विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ अतुल ठाकुर, डॉ. ऋषि राज और इक्यूबेशन सेंटर के प्रभारी प्रमोद कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में यह फेस शील्ड बनाया गया है. कंपनी के मार्केटिंग ऑफिसर आलोक कुमार ने बताया कि संस्था में उपलब्ध थ्रीडी प्रिंटिंग और लेजर कटिंग तकनीक से इस शील्ड को बनाया जा रहा है.

पटना: आईआईटी के बिहटा स्थित कैंपस के इन्क्यूबेशन सेंटर की टीम की ओर से कोरोना को लेकर थ्रीडी तकनीक से फेस शिल्ड बनाया जा रहा है. बता दें कि सिबिलिन रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड इन्क्यूबेशन सेन्टर आईआईटी पटना ने कोरोना के डॉक्टर और नर्स के लिए फेस शील्ड और डिलीवरी रोबोट्स का अविष्कार किया है.

कोरोना से निपटने के लिए रोबोट्स का निर्माण
फेस शील्ड से डॉक्टर्स और नर्सेज को कोरोना मरीजों से संक्रमण का खतरा बहुत हद तक कम होगा. वहीं, कंपनी ने 25 फेस शील्ड रुबन हॉस्पिटल और नालंदा मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध करवाया है. साथ ही करीब 200 फेस शील्ड बिहार के अन्य अस्पतालों को दान करेगी. इसके अलावा सिबिलिन रोबोटिक्स कोरोना से निपटने के लिए रोबोट्स का भी निर्माण कर रही है. जिसे कोरोना मरीजों की देखभाल में इस्तेमाल किया जाएगा ताकि डॉक्टर एवं नर्स सीधे संक्रमण से सुरक्षित रहें.

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3D तकनीक से बनाया जा रहा फेस शिल्ड

एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी
आईआईटी पटना के इन्क्यूबेशन सेंटर के चीफ तिवारी यांत्रिकी विभाग के अतुल ठाकुर और ऋषि राज के सम्पूर्ण सहयोग से ही ये सम्भव हो पाया है. साथ ही इस कंपनी के अधिकारीगण पंकज कुमार, अमित कुमार सिंह और रितेश सिंह लगातार कोरोना से निपटने के लिए अलग-अलग शोध करके नए-नए रोबोट्स, ड्रोन्स और नर्स रोबोट्स का निर्माण कर रहे हैं. जसे जल्द बनाकर तैयार कर लिया जाएगा. टीम में शामिल सदस्यों की माने तो अगर संसाधन मिले तो एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी हम लोग कर सकते हैं.

पेश है एक रिपोर्ट

3D प्रिंटिंग से बनाई गई फेस शील्ड
इनक्यूबेशन सेंटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर फेस शील्ड का विकास किया गया है. मेकैनिकल इंजीनियर विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ अतुल ठाकुर, डॉ. ऋषि राज और इक्यूबेशन सेंटर के प्रभारी प्रमोद कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में यह फेस शील्ड बनाया गया है. कंपनी के मार्केटिंग ऑफिसर आलोक कुमार ने बताया कि संस्था में उपलब्ध थ्रीडी प्रिंटिंग और लेजर कटिंग तकनीक से इस शील्ड को बनाया जा रहा है.

एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी
आईआईटी पटना के इन्क्यूबेशन सेंटर के चीफ तिवारी यांत्रिकी विभाग के अतुल ठाकुर और ऋषि राज के सम्पूर्ण सहयोग से ही ये सम्भव हो पाया है. साथ ही इस कंपनी के अधिकारीगण पंकज कुमार, अमित कुमार सिंह और रितेश सिंह लगातार कोरोना से निपटने के लिए अलग-अलग शोध करके नए-नए रोबोट्स, ड्रोन्स और नर्स रोबोट्स का निर्माण कर रहे हैं. जसे जल्द बनाकर तैयार कर लिया जाएगा. टीम में शामिल सदस्यों की माने तो अगर संसाधन मिले तो एक दिन में 1 हजार प्रोडक्ट की कैपसिटी हम लोग कर सकते हैं.

3D प्रिंटिंग से बनाई गई फेस शील्ड
इनक्यूबेशन सेंटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर फेस शील्ड का विकास किया गया है. मेकैनिकल इंजीनियर विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ अतुल ठाकुर, डॉ. ऋषि राज और इक्यूबेशन सेंटर के प्रभारी प्रमोद कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में यह फेस शील्ड बनाया गया है. कंपनी के मार्केटिंग ऑफिसर आलोक कुमार ने बताया कि संस्था में उपलब्ध थ्रीडी प्रिंटिंग और लेजर कटिंग तकनीक से इस शील्ड को बनाया जा रहा है.

Last Updated : Apr 15, 2020, 7:45 PM IST
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