पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बड़ा बयान दिया है. शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य में अभी शिक्षा में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. कई तरह की दिक्कतें हैं. लिहाजा इन सभी को देखते हुए अभी वर्तमान में नई शिक्षा नीति को लागू करना संभव नहीं है. उन्होंने यह बातें शनिवार को राजधानी के दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में कही.
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'हमारे पास आधारभूत संरचनाओं की कमी':आयोजन के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि हमारे पास अभी आधारभूत संरचनाओं की जो स्थिति है, शिक्षकों, कर्मचारियों के अभाव की जो स्थिति है, विलंबित सत्र की जो स्थिति है. इस सब को ध्यान में रखते हुए अभी तत्काल इस तरह की राष्ट्रीय नीति को बिहार लागू करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. इसलिए आने वाले वर्ष में इस तरह की नीति पर बिहार सरकार विचार करेगी.
"यह स्पष्ट है कि हमारे पास अभी आधारभूत संरचनाओं की जो स्थिति है, शिक्षकों, कर्मचारियों के अभाव की जो स्थिति है, विलंबित सत्र की जो स्थिति है. इस सब को ध्यान में रखते हुए अभी तत्काल इस तरह की राष्ट्रीय नीति को बिहार लागू करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. इसलिए आने वाले वर्ष में इस तरह की नीति पर बिहार सरकार विचार करेगी" - चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार
'जबरदस्ती लागू करना उचित नहीं' : शिक्षा नीति पर चंद्रशेखर का कहना था कि इस मसले पर मेरा कहना है कि समय का अभाव है. 1968, 1986 में शिक्षा नीति आई. नई शिक्षा नीति को लागू करने में क्या क्या आवश्यकता आई, सबने बताया. नई शिक्षा नीति को जबरदस्ती लागू करना, मैं उचित नहीं समझता. बिहार का नेतृत्व शिक्षा को लेकर चिंतित है. अभी कई तरह के अभाव हैं. ऐसे में नई शिक्षा नीति को लागू कराने में दिक्कत हो सकती है.
'बेहतर देने से होगा सर्वांगीण विकास': चंद्रशेखर ने कहा कि अगर दुनिया में भारत की पहचान है तो बिहार का भी योगदान है. दुनिया में अहिंसा की केंद्र, ज्ञान की भूमि का केंद्र बिहार है. हमारी विरासत बेहतरीन है. अगर शिक्षा पर बात हो तो यह चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि आप सब से अपील है कि अपने जीवन का बेहतर दें तो सर्वांगीण विकास होगा. सरकार आपकी समस्या को स्वीकार करती है. इनपर विचार होगा. बस यह बात है कि यह न माने कि आज कहे और कल काम होगा. सरकार टोल फ्री नंबर जारी करने जा रही है.
सभी विश्वविद्यालयों के वीसी, रजिस्टार व प्राचार्य हुए शामिल: कार्यक्रम का आयोजन राज्य के तमाम विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार और अंगीभूत कॉलेजों के प्राचार्य और अन्य अधिकारियों के लिए किया गया था. आयोजन में शिक्षा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. बता दें कि इस आयोजन में कई मुद्दों पर विचार किया गया. इनमें विश्वविद्यालयों में सभी लंबित परीक्षा, परीक्षाफल की स्थिति, संबद्ध डिग्री कॉलेजों में परीक्षाफल आधारित अनुदान वितरण की अद्यतन स्थिति, चतुर्थ चरण के महाविद्यालयों में एसबी सिन्हा आयोग के प्रतिवेदन के संदर्भ में शिक्षकों की प्रोन्नति की अद्यतन स्थिति आदि पर चर्चा की गई.
सभी वीसी और रजिस्ट्रार ने रखी अपनी बात: इस मौके पर तमाम विश्वविद्यालयों के कुलपति और रजिस्ट्रार ने एक-एक करके अपनी बातों को शिक्षा मंत्री के सामने रखा. इन पर शिक्षा मंत्री ने अपने वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ बातचीत की और उन्हें बातों को नोट भी किया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन सभी समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द किया जाएगा, ताकि राज्य में शिक्षा की हालत में सुधार किया जा सके. वहीं प्रोफेसर चंद्र शेखर ने कहा कि कई समस्या आई. कई लोगों ने विचार रखे. कई एजेंडों पर बहस हुई. कहीं तो कमी है.