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JNU में रैगिंग: 'बिहार का रहने वाला हूं, सुनते ही जमकर पीटने लगा सीनियर'

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Published : Jul 23, 2019, 9:27 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 11:30 PM IST

छात्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार से ताल्लुक रखने की वजह से उस युवक ने उनका बहुत अपमान किया. कान पकड़ने को कहा और नहीं पकड़ा तो पिटाई की.

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नई दिल्ली: जेएनयू में नए सत्र की शुरुआत में ही बड़ा विवाद सामने आया है. बता दें कि जेएनयू में स्कूल ऑफ लैंग्वेज में दाखिला लेने वाले बीए फर्स्ट ईयर के छात्र ने पीएचडी कर रहे एक छात्र पर रैगिंग और मारपीट करने का आरोप लगाया है.

वहीं, इस मामले को लेकर पीड़ित छात्र ने पुलिस और प्रशासन दोनों से शिकायत कर इस मसले से अवगत करवाया है, साथ ही अपनी सुरक्षा की भी मांग की है.

'बिहार का हूं इसलिए किया अपमानित'
रैगिंग का शिकार हुए छात्र ने बताया कि वे नर्मदा हॉस्टल अपने दोस्त से मिलने गया था. जब वह डॉरमेट्री से आगे बढ़ा तो कार के पास खड़े एक युवक ने उसे बुलाया और उसका परिचय पूछा. जब छात्र ने अपना नाम बताया और बताया कि वह बिहार का रहने वाला है, तो उस युवक ने उसे बिहारी कह कर संबोधित करने लगा और गंदी गालियां देने लगा.

पीड़ित छात्र

एन्टी रैगिंग स्क्वॉड से की शिकायत
छात्र ने बताया कि उस युवक ने उसे थप्पड़ भी मारा और कहा कि वे यहां से आगे न जाएं. छात्र ने कहा कि बिहार से ताल्लुक रखने की वजह से उस युवक ने उनका बहुत अपमान किया. कान पकड़ने को कहा और नहीं पकड़ा, तो मार पिटाई की.

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जेएनयू कैंपस

इसके अलावा उनसे उठक बैठक भी करवाई और धमकी देकर कहा कि वह कभी उनके सामने न आए. छात्र ने कहा कि इस तरह की धमकी मिलने के बाद उन्होंने जेएनयू के एन्टी रैगिंग स्क्वॉड से इसकी शिकायत भी कर दी है.

पीएचडी के छात्र पर लगा आरोप
पीड़ित छात्र ने बताया कि धमकी देने वाला छात्र पीएचडी का है. जिसके खिलाफ हिम्मत करके छात्र ने पुलिस और जेएनयू प्रशासन दोनों से शिकायत तो कर दी है, लेकिन उसे अपनी जान भी खतरे में दिखाई दे रही है. यही वजह है कि उसने पुलिस से सुरक्षा की भी मांग की है. साथ ही ये भी कह दिया है कि यदि उसे किसी भी तरह की कोई क्षति पहुंचती है तो उसके लिए पीएचडी का वह छात्र जिम्मेदार होगा.

वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब जेनएयू प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो किसी से संपर्क नहीं हो पाया.

नई दिल्ली: जेएनयू में नए सत्र की शुरुआत में ही बड़ा विवाद सामने आया है. बता दें कि जेएनयू में स्कूल ऑफ लैंग्वेज में दाखिला लेने वाले बीए फर्स्ट ईयर के छात्र ने पीएचडी कर रहे एक छात्र पर रैगिंग और मारपीट करने का आरोप लगाया है.

वहीं, इस मामले को लेकर पीड़ित छात्र ने पुलिस और प्रशासन दोनों से शिकायत कर इस मसले से अवगत करवाया है, साथ ही अपनी सुरक्षा की भी मांग की है.

'बिहार का हूं इसलिए किया अपमानित'
रैगिंग का शिकार हुए छात्र ने बताया कि वे नर्मदा हॉस्टल अपने दोस्त से मिलने गया था. जब वह डॉरमेट्री से आगे बढ़ा तो कार के पास खड़े एक युवक ने उसे बुलाया और उसका परिचय पूछा. जब छात्र ने अपना नाम बताया और बताया कि वह बिहार का रहने वाला है, तो उस युवक ने उसे बिहारी कह कर संबोधित करने लगा और गंदी गालियां देने लगा.

पीड़ित छात्र

एन्टी रैगिंग स्क्वॉड से की शिकायत
छात्र ने बताया कि उस युवक ने उसे थप्पड़ भी मारा और कहा कि वे यहां से आगे न जाएं. छात्र ने कहा कि बिहार से ताल्लुक रखने की वजह से उस युवक ने उनका बहुत अपमान किया. कान पकड़ने को कहा और नहीं पकड़ा, तो मार पिटाई की.

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जेएनयू कैंपस

इसके अलावा उनसे उठक बैठक भी करवाई और धमकी देकर कहा कि वह कभी उनके सामने न आए. छात्र ने कहा कि इस तरह की धमकी मिलने के बाद उन्होंने जेएनयू के एन्टी रैगिंग स्क्वॉड से इसकी शिकायत भी कर दी है.

पीएचडी के छात्र पर लगा आरोप
पीड़ित छात्र ने बताया कि धमकी देने वाला छात्र पीएचडी का है. जिसके खिलाफ हिम्मत करके छात्र ने पुलिस और जेएनयू प्रशासन दोनों से शिकायत तो कर दी है, लेकिन उसे अपनी जान भी खतरे में दिखाई दे रही है. यही वजह है कि उसने पुलिस से सुरक्षा की भी मांग की है. साथ ही ये भी कह दिया है कि यदि उसे किसी भी तरह की कोई क्षति पहुंचती है तो उसके लिए पीएचडी का वह छात्र जिम्मेदार होगा.

वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब जेनएयू प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो किसी से संपर्क नहीं हो पाया.

Intro:नई दिल्ली ।

जेएनयू में रैगिंग का आरोप लगाने वाला छात्र पर 25 मार्च 2019 को जेएनयू परिसर में अवैध रूप से रहने और मारपीट की एक घटना में शामिल होने के कारण प्रशासन द्वारा आउट ऑफ बॉण्ड्स नोटिस जारी किया जा चुका है. जिसका मतलब है कि इस छात्र का परिसर में प्रवेश निषेध किया जाता है. इस विषय में सभी विभागों को सूचित भी किया गया था. इसके अलावा होस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए कहा गया था कि किसी भी छात्र के द्वारा रवि को परिसर के होस्टल में रहने देने पर जेएनयू प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाया जाएगा. बता दें कि रवि ने 18 जुलाई को अपने एक सीनियर पर रैगिंग का आरोप लगाया है.




Body:बता दें कि छात्र रवि जेएनयू में तीन मार्च को परिसर में चल रही एक होस्टल नाईट पार्टी में शरीक होने अपने एक दोस्त के साथ आया था. उस दौरान पार्टी में कुछ लोगों से मारपीट हो गई थी. वहीं बाहरी व्यक्ति होने के कारण जेएनयू प्रशासन ने कार्यवाई करते हुए रवि को आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किया था क्योंकि वह उस समय जेएनयू का छात्र नहीं था. वहीं जब 3 मार्च 2019 को होस्टल नाईट पार्टी के दौरान छात्र रवि के साथ हुई घटना पर प्रतिक्रिया ली गई तो छात्र रवि ने जेएनयू प्रशासन द्वारा उस आउट ऑफ बॉण्ड्स घोषित किए जाने की बात को कबूल ली और बताया कि मुझे आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी नहीं थी. छात्र ने कहा कि जब जुलाई में एडमिशन लेने आया तो इसके बारे में पता चला. जिसके बाद वीसी ऑफ़िस में एक एप्लिकेशन दिया तब जाकर मुझे एडमिशन मिला. ऑउट ऑफ बॉण्ड्स के लिए मेरे खिलाफ किसने शिकायत दी ये जानकारी मुझे नहीं है और न ही मुझे ये मालूम है कि उस घटना के बाद मेरे लिए जारी किए गए ऑउट ऑफ बॉण्ड्स में प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है. वहीं छात्र ने कहा कि मुझे दाखिला मिल चुका है और होस्टल भी अलॉट हो गया है इसके अलावा जेएनयू में मिलने वाली सारी सुविधाओं के लिए भी एक्सेस मिल चुका है.





Conclusion:बता दें कि जेएनयू चीफ प्रॉक्टर द्वारा जारी किया गया आउट ऑफ बॉण्ड्स की जानकारी सभी प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई थी. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर चीफ प्रॉक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उन से संपर्क नहीं हो सका. वहीं एक सवाल यह भी उठता है कि क्या दाखिले के वक्त जेएनयू प्रशासन द्वारा छात्रों का रिकॉर्ड नहीं देखा जाता है. क्योंकि यह संयोग है की उसी छात्र के साथ दाखिला लेने के एक ही हफ्ते के अंदर में रैगिंग का मामला सामने आया है.
Last Updated : Jul 23, 2019, 11:30 PM IST
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