पटना: बिहार में स्थानीय निकाय के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब सभी पार्टियों की नजर बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) पर है. स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि विधान परिषद की 24 सीटों के लिए मतदान करते हैं. 24 सीटों पर होने वाले चुनाव (Voting for 24 seats of Legislative Council in Bihar) को लेकर अभी नोटिफिकेशन तो नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीटों को लेकर घमासान है.
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भाजपा और जदयू अधिक से अधिक विधान परिषद की सीटें अपने खाते में चाहती (Seat Sharing Between BJP And JDU ) है. जनता दल यूनाइटेड की नजर आधी सीटों पर है. पार्टी चाहती है कि कम से कम 12 सीटें जदयू के खाते में आए. एक और फार्मूले के तहत जदयू की मंशा यह है कि 10-10 सीटों पर भाजपा और जदयू लड़े. दो दो सीटें दोनों सहयोगी दलों के लिए छोड़ दिया जाए. आपको बता दें कि जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी ने भी दो सीटों पर दावा ठोक रखा है. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में 13 सीटें थीं, जबकि 7 सीटों पर जदयू का कब्ज़ा था. 4 सीटें विरोधी खेमे में थी.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है. नेता आपस में मिल बैठकर मसला तय कर लेंगे. भाजपा नेता ने कहा कि सबसे बेहतर तो यह होगा कि 60% सीटें भाजपा के खाते में जाए और 40% पर जदयू अपने उम्मीदवार खड़े करें. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय नेतृत्व को करना है.
'हमारी पार्टी हरेक सीट पर तैयारी करती है. हम मजबूत होंगे तो एनडीए मजबूत होगी. जिसको जो सीट मिलेगी उसमें हम एक दूसरे को मदद करेंगे और प्रत्याशियों को जिताने का काम करेंगे. हम चाहते हैं कि जिस फॉर्मूले पर मंत्रिमंडल बंटा उसी फॉर्मूले पर सीटों का भी बंटवारा हो'- अरविंद सिंह, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी
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'सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है, हम लोग मिल बैठकर मसले को हल कर लेंगे. ये उनके लिए परेशानी है जो महागठबंधन वाले है.'- कुमार नीरज, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है, शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर मामले को सुलझा लिया जाएगा. सीटों को लेकर महागठबंधन में भी उठापटक जारी है. कांग्रेस पार्टी याचना की मुद्रा में है. हम पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि हम 2 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, अगर हमें गठबंधन में 2 सीटें मिली तो यह गठबंधन के लिए अच्छा होगा. हमारे पास दो सीटों के लिए उम्मीदवार हैं.
'हमारे नेता जीतन राम मांझी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 24 सीटों में से 2 सीटों पर हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. गया और पूर्णिया की सीट का हम लोगों ने मांग किया है.'- विजय यादव, हम प्रवक्ता
वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि भाजपा की हिस्सेदारी विधान परिषद में अधिक है. लिहाजा पार्टी 13 सीटों से अधिक सीटें चाहेगी. भाजपा के सामने मुश्किल यह है कि सहयोगी दलों को कैसे खुश रखा जाए? यानी साफ है कि बिहार विधान परिषद का सीट बंटवारा NDA के सहयोगी दलों के लिए आसान नहीं होगा. अगर बीजेपी को गठबंधन बचाकर रखना होगा, जेडीयू को सत्ता अपने पास बरकरार रखनी होगी तो वीआईपी और हम को भी खुश करना होगा. इसके लिए 'सीटों की कुर्बानी' भी देनी होगी.
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