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'प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचने की होड़ में लगे हैं विपक्ष के नेता, वोट बैंक बनाने की हो रही कोशिश'

बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि विपक्ष के नेता खुद को अल्पसंख्यकों को हमदर्द बताने की कोशिश में लगे हैं. वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सीएए का मामला कोर्ट में है.

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Published : Feb 3, 2020, 11:22 PM IST

राजीव रंजन और अजीत चौधरी
राजीव रंजन और अजीत चौधरी

पटना: पूरे देश में सीएए, एनआरपी और एनसीआर को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बीच बिहार में विपक्षी दलों के बीच सीएए और एनआरसी के खिलाफ यात्रा और आंदोलन में शामिल होने को लेकर होड़ मची हुई है. ऐसे में सत्ताधारी दल एनडीए ने इसको लेकर तंज कसना शुरू कर दिया है. जेडीयू और बीजेपी के नेताओं की ओर से इसे जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कहा गया है.

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले ही सीमांचल की यात्रा कर चुके हैं. अब सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने भी चंपारण से बिहार की यात्रा शुरू की है. सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी है. बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि धरना स्थल पर देश विरोधी नारे ही क्यों ना लग रहे हो लेकिन विपक्ष के नेता वहां जरूर जाएंगे.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

बीजेपी ने ली चुटकी
प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि विपक्ष के नेता खुद को अल्पसंख्यकों को हमदर्द बताने की कोशिश में लगे हैं. इसमें विपक्ष का कोई नेता किसी से पीछे नहीं है. वे वोट बैंक बनाने में लगे हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि विपक्ष एकजुट नहीं है. विपक्ष में दरार है. महागठबंधन में कोई किसी को नेता मानने को तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ें: Etv भारत की नजरों से करें पटना के ऐतिहासिक 'घंटाघर' का दीदार, जानिए सचिवालय का इतिहास

'भ्रम फैलाने से विपक्ष को लाभ नहीं मिलेगा'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सीएए का मामला कोर्ट में है. एनपीआर और एनआरसी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टैंड बता दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री ने भी बातचीत की पहल की है. ऐसे में इन मामलों पर अब आंदोलन का कोई मतलब नहीं रह जाता है. विपक्ष की ओर से जनता में जो भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, उसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.

पटना: पूरे देश में सीएए, एनआरपी और एनसीआर को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बीच बिहार में विपक्षी दलों के बीच सीएए और एनआरसी के खिलाफ यात्रा और आंदोलन में शामिल होने को लेकर होड़ मची हुई है. ऐसे में सत्ताधारी दल एनडीए ने इसको लेकर तंज कसना शुरू कर दिया है. जेडीयू और बीजेपी के नेताओं की ओर से इसे जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कहा गया है.

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले ही सीमांचल की यात्रा कर चुके हैं. अब सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने भी चंपारण से बिहार की यात्रा शुरू की है. सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी है. बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि धरना स्थल पर देश विरोधी नारे ही क्यों ना लग रहे हो लेकिन विपक्ष के नेता वहां जरूर जाएंगे.

ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

बीजेपी ने ली चुटकी
प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि विपक्ष के नेता खुद को अल्पसंख्यकों को हमदर्द बताने की कोशिश में लगे हैं. इसमें विपक्ष का कोई नेता किसी से पीछे नहीं है. वे वोट बैंक बनाने में लगे हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि विपक्ष एकजुट नहीं है. विपक्ष में दरार है. महागठबंधन में कोई किसी को नेता मानने को तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ें: Etv भारत की नजरों से करें पटना के ऐतिहासिक 'घंटाघर' का दीदार, जानिए सचिवालय का इतिहास

'भ्रम फैलाने से विपक्ष को लाभ नहीं मिलेगा'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सीएए का मामला कोर्ट में है. एनपीआर और एनआरसी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टैंड बता दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री ने भी बातचीत की पहल की है. ऐसे में इन मामलों पर अब आंदोलन का कोई मतलब नहीं रह जाता है. विपक्ष की ओर से जनता में जो भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, उसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.

Intro:पटना-- बिहार में विपक्षी दलों के बीच सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर यात्रा करने और अलग-अलग हिस्सों में हो रहे आंदोलन में पहुंचने को लेकर होड़ मची है। नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव पहले सीमांचल से यात्रा कर चुके हैं और कन्हैया कुमार चंपारण से यात्रा शुरू कर पूरे बिहार घूम रहे हैं। सत्ताधारी दल जेडीयू और बीजेपी के नेता विपक्ष के इन नेताओं की यात्रा पर निशाना साध रहे हैं और जनता में इसे भ्रम फैलाने की कोशिश बता रहे हैं।
पेश है रिपोर्ट----


Body:आंदोलकारियों के बीच होड़ है---
नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर के साथ एनआरसी को लेकर बिहार में भी कई जगह आंदोलन हो रहे हैं । खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में धरना दिए जा रहे हैं और धरना स्थल पर विपक्ष के नेताओं के बीच पहुंचने की होड़ लगी है। बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी का कहना है चाहे धरना स्थल पर देश विरोधी नारे ही क्यों ना लग रहे हो लेकिन विपक्ष के नेताओं की ओर से अल्पसंख्यकों का अपना हमदर्द बताने की कोशिश हो रही है और इसमें कोई किसी से पीछे नहीं है। बीजेपी का यह भी कहना है विपक्ष में कोई किसी को नेता मानने को तैयार नहीं है।
बाईट-- अजीत चौधरी, बीजेपी प्रवक्ता
भ्रम फैलाने से विपक्ष को लाभ नहीं मिलेगा----
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है सीएए का मामला कोर्ट में है और एनपीआर, एनआरसी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टैंड बता दिया है। प्रधानमंत्री ने भी बातचीत को लेकर पहल की है।ऐसे में इन मामलों पर भी अब आंदोलन का कोई मतलब नहीं रह जाता है। विपक्ष की ओर से जनता में जो भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है तो उसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है।
बाईट--राजीव रंजन, जदयू प्रवक्ता।


Conclusion:विपक्ष का मुस्लिम वोटों पर नजर----
विपक्ष के नेताओं की मुस्लिम वोटों पर नजर है और उस वोट के लिए आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के नेता ही नहीं छोटे-छोटे दलों के नेता जैसे कि हम के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, वी आई पी पार्टी के मुकेश सहनी, जाप जे पप्पू यादव भी सहानुभूति बटोरने की कोशिश में किसी से पीछे नहीं हैं। लेकिन इन विपक्षी नेताओं में सबसे अधिक चर्चा में तेजस्वी यादव और कन्हैया हैं । बिहार में तेजस्वी यादव जहां आरजेडी के चेहरे हैं तो वहीं कन्हैया वामपंथी चेहरा। एक तरफ तेजस्वी यादव के निशाने पर नीतीश कुमार रहते हैं तो वहीं कन्हैया के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह। अब देखना है दोनों युवा चेहरे की यात्रा का लाभ उनकी पार्टियों को कितना मिल पाता है।
अविनाश, पटना।
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