पटना: पूरे देश में सीएए, एनआरपी और एनसीआर को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बीच बिहार में विपक्षी दलों के बीच सीएए और एनआरसी के खिलाफ यात्रा और आंदोलन में शामिल होने को लेकर होड़ मची हुई है. ऐसे में सत्ताधारी दल एनडीए ने इसको लेकर तंज कसना शुरू कर दिया है. जेडीयू और बीजेपी के नेताओं की ओर से इसे जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कहा गया है.
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले ही सीमांचल की यात्रा कर चुके हैं. अब सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने भी चंपारण से बिहार की यात्रा शुरू की है. सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी है. बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि धरना स्थल पर देश विरोधी नारे ही क्यों ना लग रहे हो लेकिन विपक्ष के नेता वहां जरूर जाएंगे.
बीजेपी ने ली चुटकी
प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा है कि विपक्ष के नेता खुद को अल्पसंख्यकों को हमदर्द बताने की कोशिश में लगे हैं. इसमें विपक्ष का कोई नेता किसी से पीछे नहीं है. वे वोट बैंक बनाने में लगे हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि विपक्ष एकजुट नहीं है. विपक्ष में दरार है. महागठबंधन में कोई किसी को नेता मानने को तैयार नहीं है.
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'भ्रम फैलाने से विपक्ष को लाभ नहीं मिलेगा'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि सीएए का मामला कोर्ट में है. एनपीआर और एनआरसी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टैंड बता दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री ने भी बातचीत की पहल की है. ऐसे में इन मामलों पर अब आंदोलन का कोई मतलब नहीं रह जाता है. विपक्ष की ओर से जनता में जो भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, उसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.