पटना: एनडीए के नेता बजट सत्र के दौरान लगातार दावे कर रहे थे कि महागठबंधन में भूचाल आने वाला है. दावों के अनुसार बजट सत्र के बाद महागठबंधन के अंदर घमासान के संकेत भी मिलने लगे हैं. जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है.
इस सियासी हलचल को लेकर जदयू विधायक वशिष्ठ सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में कोई आना चाहे, तो उसका स्वागत है. अगर जीतन राम मांझी भी नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करेंगे तो उनका स्वागत है. इस पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जीतन राम मांझी महागठबंधन में असहज हैं. जब वह एनडीए के हिस्सा थे, उन्हें सम्मान दिया जाता था. लेकिन राजद उन्हें अपमानित करने का काम कर रही है.
ये भी पढ़ें: नीतीश से मुलाकात पर बोले मांझी- हुई है राजनीतिक बातें, नहीं करूंगा खुलासा
को-आर्डिनेशन कमेटी को लेकर फंसा पेंच
बता दें कि को-आर्डिनेशन कमेटी को लेकर जीतन राम मांझी ने राजद को अल्टीमेटम दे दिया है. जीतन राम मांझी आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. इधर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता मांझी को एनडीए में आने के लिए ऑफर दे रहे हैं.