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'इन्हें फॉरेंसिक का F तक नहीं पता'.. NCW चीफ का बड़ा आरोप.. बिहार पुलिस को फूहड़ और अनपढ़ कहा

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा मंगवार को पटना में आई हुई हैं और यहां पेडिंग केसों की सुनवाई कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में कई ऐसे मामले हैं जिसकी रिपोर्ट उन्हें नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि दोपहर तक वो 25 केस की सुनवाई कर पायी हैं.

राष्ट्रीय महिला आयोग ने बिहार पुलिस पर उठाए सवाल
राष्ट्रीय महिला आयोग ने बिहार पुलिस पर उठाए सवाल
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Published : May 16, 2023, 6:22 PM IST

Updated : May 16, 2023, 7:43 PM IST

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा

पटना: राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission For Women) ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि, बिहार में पुलिस की कार्यशैली ऐसी है कि यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं है. क्योंकि जो संगीन मामले हैं, वह पेंडिंग पड़े हुए हैं और केस की स्थिति के बारे में आईओ को बिल्कुल पता नहीं है. मंगलवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ये बात कही.

ये भी पढ़ें- बिहार में शराबबंदी उतनी सफल नहीं, यहां सरकारी तंत्र में ही छेद- NCW

बिहार पुलिस का भड़कीं महिला आयोग के अध्यक्ष: रेखा शर्मा ने कहा कि बिहार में महिलाओं से जुड़े हुए हजारों पेंडिंग केसेज हैं. लेकिन उनमें से सीरियस मामले जो हैं वैसे 45 मामले हैं. जिन पर कार्रवाई के बारे में पुलिस ने उन तक जानकारी नहीं पहुंचाई है. 26 स्वत: संज्ञान केस भी हैं, जिनका कोई जवाब महिला आयोग को नहीं मिला है. इसमें महिलाओं पर एसिड अटैक के मामले भी है. 45 मामलों की सुनवाई को लेकर आज वो पटना पहुंची हुई हैं लेकिन सभी केस इतने जटिल थे कि सुनवाई में समय लगी.

केस के IO को कुछ नहीं पता : लंच टाइम तक दोपहर 2:30 तक मात्र 25 केस की ही सुनवाई हो पाई. लंच के बाद वह जाएंगी और फिर रात 8 बजे उनकी ट्रेन है. उसके पहले सभी केस को वह सुनेंगी. उन्होंने बताया कि अधिकांश केस ऐसे हैं. जिसमें पुलिस ने कुछ नहीं किया है. केस के आईओ को केस के बारे में कुछ नहीं पता है और बिना तैयारी के पहुंच गए हैं. वह पूरे भारत में जाती हैं लेकिन आज तक इतनी बुरी हालत में आईओ को कहीं नहीं देखीं.

बहुत सारे केस में पुलिस ने नहीं की जांच: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि बहुत सारे केस में यह पाया गया कि किसी के दबाव में या जानबूझकर केस में कुछ किया ही नहीं गया. कोई जांच नहीं की गई. बहुत सारी केस जैसे की डाउरी डेथ, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, किसी को उठाकर ले जाना, आत्महत्या या हत्या के केस भी हैं, ऐसे सीरियस केस में भी 4 से 5 साल बीत जाने के बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया है. उनके साथ एडीजी क्राइम एंड वीकर सेक्शन भी मौजूद रहीं.

दोपहर तक हुई 45 केस की सुनवाई: सरदार पटेल भवन में इन 45 मामलों की सुनवाई चल रही है. जिसमें उन्होंने भी पाया कि जांच में भारी लापरवाही है. उन्होंने कहा कि एडीजी क्राइम एंड वीकर सेक्शन मिलने से पहले उनसे कह रही थी कि यहां पुलिस काफी जेंडर सेन्सीटाइज्ड है. लेकिन सामने जांच के दौरान बैठकर उन्हें भी पता चल गया कि पुलिस कितनी जेंडर सेन्सीटाइज्ड है. रेखा शर्मा ने बताया कि महिलाओं से जुड़े संगीन मामले में कोई केसेज में पुलिस सीरियस नहीं ले रही.

"दो लड़कियां ऐसी हैं. जिनका पता ही नहीं चल पाया आज तक कि वह कहां चली गई. पुलिस 1 साल बाद उस कमरे की चादर कंफीस्केट कर रही है. यह आश्चर्यजनक है कि उस चादर पर 1 साल से लोग सो रहे हैं. कई बार धुलाई हो चुकी है लेकिन पुलिस जाती है और 1 साल बाद चादर जब्त करती है. पुलिस कहती है कि चादर पर खून के निशान मिले थे. 1 साल बाद अब फॉरेंसिक जांच में पुलिस को क्या मिल पाएगा, इसका उन्हें भी अंदाजा नहीं."- रेखा शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग

दो टीम आई हैं बिहार: रेखा शर्मा ने कहा कि उनकी दो टीमें बिहार आई है. जिसमें एक टीम यहां रहेगी और कल तक कुछ मामलों की सुनवाई करेगी. वहीं एक टीम 8 जिलों का दौरा करेगी. इतने सारे सीरियस केसेस महिलाओं से जुड़े पेंडिंग हो, ऐसा आज तक उन्होंने किसी प्रदेश में नहीं देखा. वह पुलिस की फूहड़पनता कहेंगी, पुलिस की अनपढ़ता कहेंगी, क्योंकि पुलिस पूरी तरह से अनट्रेंड रवैया जांच में अपनाई है और केस के आईओ को केस के बारे में कुछ पता नहीं है. वह कैसे आइओ बन गए हैं, इसका उन्हें पता नहीं लेकिन उनकी कोशिश होगी कि आज समय बच गया तो सुनवाई के बाद डीजीपी से मिलेंगी और सारे केसेज का अपडेट बताएंगे कि आपकी पुलिस क्या कर रही है. बिहार पुलिस महिला आयोग को किसी जांच का रिपोर्ट नहीं भेज पा रही है क्योंकि कोई जांच ही नहीं हो रही है.

बिहार की स्थिति बहुत खराब: रेखा शर्मा ने कहा कि बिहार में बहुत बुरी स्थिति है और यहां जो दावे किए जा रहे हैं कि महिलाएं बिहार में सुरक्षित हैं. आज यह देखकर उन्हें बिल्कुल नहीं लगता कि यहां महिलाएं सुरक्षित हैं. अगर आप पुराने केसेस पर काम नहीं करेंगे तो बाकी लड़कियां सुरक्षित कैसे रहेंगी. यह प्रश्न उन्हें डीजीपी से पूछना है और अगर वह नहीं जा पाई तो पत्र लिखकर पूछेंगे और जरूरत पड़ा तो दिल्ली महिला आयोग में उन्हें बुलाएंगी. उन्हें समन करके केस की स्थिति के बारे में पूछेंगी. उन्होंने बताया कि आज सिर्फ 45 संगीन मामले हैं. उसी की सुनवाई होगी और फिर अगले दिन 26 स्वत: संज्ञान के जो मामले हैं, उसकी सुनवाई होगी.

जांच के लिए पुलिस मांगती है रुपये: बिहार में हर साल एसिड अटैक के 12 मामले आते हैं और यह प्रति महीने औसत एक मामले हैं. सबसे बड़ा सवाल है बैन होने के बावजूद एसिड कैसे बाजार में मिल जा रहा है. फॉरेंसिक जांच को लेकर बिहार पुलिस की रवैया देखकर लगता है कि बिहार पुलिस फॉरेंसिक का एफ तक नहीं जानती है. मुजफ्फरपुर में एक मामला ऐसा भी सामने आया है, जहां गोपनीयता के कारण विक्टिम का डिटेल नहीं देंगी. लेकिन मामला ऐसा है कि मां ने आरोप लगाया है कि उनकी बच्ची जब गायब हुई तो सीसीटीवी का पता लगाने के लिए परेशान रहीं और पुलिस ने 3 महीना बाद सीसीटीवी निकाला.

मुजफ्फरपुर में टीम के साथ करेंगी जांच: रेखा शर्मा ने कहा कि मां ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रति सीसीटीवी खंगालने के लिए 500 रुपये देने को कहा, जिसके बाद वह 6000 रुपये लेकर निकली थी और सीसीटीवी 3 महीने बाद जब खंडाला गया तो पता चला तीन संदिग्ध बुलेरो मिले. जिससे ट्रैफिकिंग की आशंका थी. जिनकी बच्ची की ट्रैफिकिंग हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर एरिया में ट्रैफिकिंग बहुत होते हैं ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया है कि कुछ दिनों बाद मुजफ्फरपुर में आएंगी और वहां घूम कर ट्रैफिकिंग के जो मामले हैं. उन पर क्या कार्रवाई हुई है और क्या स्थिति है. इसका भी जांच करेंगी और एक टीम के साथ आएंगी.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा

पटना: राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission For Women) ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि, बिहार में पुलिस की कार्यशैली ऐसी है कि यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं है. क्योंकि जो संगीन मामले हैं, वह पेंडिंग पड़े हुए हैं और केस की स्थिति के बारे में आईओ को बिल्कुल पता नहीं है. मंगलवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ये बात कही.

ये भी पढ़ें- बिहार में शराबबंदी उतनी सफल नहीं, यहां सरकारी तंत्र में ही छेद- NCW

बिहार पुलिस का भड़कीं महिला आयोग के अध्यक्ष: रेखा शर्मा ने कहा कि बिहार में महिलाओं से जुड़े हुए हजारों पेंडिंग केसेज हैं. लेकिन उनमें से सीरियस मामले जो हैं वैसे 45 मामले हैं. जिन पर कार्रवाई के बारे में पुलिस ने उन तक जानकारी नहीं पहुंचाई है. 26 स्वत: संज्ञान केस भी हैं, जिनका कोई जवाब महिला आयोग को नहीं मिला है. इसमें महिलाओं पर एसिड अटैक के मामले भी है. 45 मामलों की सुनवाई को लेकर आज वो पटना पहुंची हुई हैं लेकिन सभी केस इतने जटिल थे कि सुनवाई में समय लगी.

केस के IO को कुछ नहीं पता : लंच टाइम तक दोपहर 2:30 तक मात्र 25 केस की ही सुनवाई हो पाई. लंच के बाद वह जाएंगी और फिर रात 8 बजे उनकी ट्रेन है. उसके पहले सभी केस को वह सुनेंगी. उन्होंने बताया कि अधिकांश केस ऐसे हैं. जिसमें पुलिस ने कुछ नहीं किया है. केस के आईओ को केस के बारे में कुछ नहीं पता है और बिना तैयारी के पहुंच गए हैं. वह पूरे भारत में जाती हैं लेकिन आज तक इतनी बुरी हालत में आईओ को कहीं नहीं देखीं.

बहुत सारे केस में पुलिस ने नहीं की जांच: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि बहुत सारे केस में यह पाया गया कि किसी के दबाव में या जानबूझकर केस में कुछ किया ही नहीं गया. कोई जांच नहीं की गई. बहुत सारी केस जैसे की डाउरी डेथ, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, किसी को उठाकर ले जाना, आत्महत्या या हत्या के केस भी हैं, ऐसे सीरियस केस में भी 4 से 5 साल बीत जाने के बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया है. उनके साथ एडीजी क्राइम एंड वीकर सेक्शन भी मौजूद रहीं.

दोपहर तक हुई 45 केस की सुनवाई: सरदार पटेल भवन में इन 45 मामलों की सुनवाई चल रही है. जिसमें उन्होंने भी पाया कि जांच में भारी लापरवाही है. उन्होंने कहा कि एडीजी क्राइम एंड वीकर सेक्शन मिलने से पहले उनसे कह रही थी कि यहां पुलिस काफी जेंडर सेन्सीटाइज्ड है. लेकिन सामने जांच के दौरान बैठकर उन्हें भी पता चल गया कि पुलिस कितनी जेंडर सेन्सीटाइज्ड है. रेखा शर्मा ने बताया कि महिलाओं से जुड़े संगीन मामले में कोई केसेज में पुलिस सीरियस नहीं ले रही.

"दो लड़कियां ऐसी हैं. जिनका पता ही नहीं चल पाया आज तक कि वह कहां चली गई. पुलिस 1 साल बाद उस कमरे की चादर कंफीस्केट कर रही है. यह आश्चर्यजनक है कि उस चादर पर 1 साल से लोग सो रहे हैं. कई बार धुलाई हो चुकी है लेकिन पुलिस जाती है और 1 साल बाद चादर जब्त करती है. पुलिस कहती है कि चादर पर खून के निशान मिले थे. 1 साल बाद अब फॉरेंसिक जांच में पुलिस को क्या मिल पाएगा, इसका उन्हें भी अंदाजा नहीं."- रेखा शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग

दो टीम आई हैं बिहार: रेखा शर्मा ने कहा कि उनकी दो टीमें बिहार आई है. जिसमें एक टीम यहां रहेगी और कल तक कुछ मामलों की सुनवाई करेगी. वहीं एक टीम 8 जिलों का दौरा करेगी. इतने सारे सीरियस केसेस महिलाओं से जुड़े पेंडिंग हो, ऐसा आज तक उन्होंने किसी प्रदेश में नहीं देखा. वह पुलिस की फूहड़पनता कहेंगी, पुलिस की अनपढ़ता कहेंगी, क्योंकि पुलिस पूरी तरह से अनट्रेंड रवैया जांच में अपनाई है और केस के आईओ को केस के बारे में कुछ पता नहीं है. वह कैसे आइओ बन गए हैं, इसका उन्हें पता नहीं लेकिन उनकी कोशिश होगी कि आज समय बच गया तो सुनवाई के बाद डीजीपी से मिलेंगी और सारे केसेज का अपडेट बताएंगे कि आपकी पुलिस क्या कर रही है. बिहार पुलिस महिला आयोग को किसी जांच का रिपोर्ट नहीं भेज पा रही है क्योंकि कोई जांच ही नहीं हो रही है.

बिहार की स्थिति बहुत खराब: रेखा शर्मा ने कहा कि बिहार में बहुत बुरी स्थिति है और यहां जो दावे किए जा रहे हैं कि महिलाएं बिहार में सुरक्षित हैं. आज यह देखकर उन्हें बिल्कुल नहीं लगता कि यहां महिलाएं सुरक्षित हैं. अगर आप पुराने केसेस पर काम नहीं करेंगे तो बाकी लड़कियां सुरक्षित कैसे रहेंगी. यह प्रश्न उन्हें डीजीपी से पूछना है और अगर वह नहीं जा पाई तो पत्र लिखकर पूछेंगे और जरूरत पड़ा तो दिल्ली महिला आयोग में उन्हें बुलाएंगी. उन्हें समन करके केस की स्थिति के बारे में पूछेंगी. उन्होंने बताया कि आज सिर्फ 45 संगीन मामले हैं. उसी की सुनवाई होगी और फिर अगले दिन 26 स्वत: संज्ञान के जो मामले हैं, उसकी सुनवाई होगी.

जांच के लिए पुलिस मांगती है रुपये: बिहार में हर साल एसिड अटैक के 12 मामले आते हैं और यह प्रति महीने औसत एक मामले हैं. सबसे बड़ा सवाल है बैन होने के बावजूद एसिड कैसे बाजार में मिल जा रहा है. फॉरेंसिक जांच को लेकर बिहार पुलिस की रवैया देखकर लगता है कि बिहार पुलिस फॉरेंसिक का एफ तक नहीं जानती है. मुजफ्फरपुर में एक मामला ऐसा भी सामने आया है, जहां गोपनीयता के कारण विक्टिम का डिटेल नहीं देंगी. लेकिन मामला ऐसा है कि मां ने आरोप लगाया है कि उनकी बच्ची जब गायब हुई तो सीसीटीवी का पता लगाने के लिए परेशान रहीं और पुलिस ने 3 महीना बाद सीसीटीवी निकाला.

मुजफ्फरपुर में टीम के साथ करेंगी जांच: रेखा शर्मा ने कहा कि मां ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रति सीसीटीवी खंगालने के लिए 500 रुपये देने को कहा, जिसके बाद वह 6000 रुपये लेकर निकली थी और सीसीटीवी 3 महीने बाद जब खंडाला गया तो पता चला तीन संदिग्ध बुलेरो मिले. जिससे ट्रैफिकिंग की आशंका थी. जिनकी बच्ची की ट्रैफिकिंग हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर एरिया में ट्रैफिकिंग बहुत होते हैं ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया है कि कुछ दिनों बाद मुजफ्फरपुर में आएंगी और वहां घूम कर ट्रैफिकिंग के जो मामले हैं. उन पर क्या कार्रवाई हुई है और क्या स्थिति है. इसका भी जांच करेंगी और एक टीम के साथ आएंगी.

Last Updated : May 16, 2023, 7:43 PM IST
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