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NIOS शिक्षकों को बड़ी राहत, NCTE के आदेश के बाद प्राथमिक शिक्षक नियोजन का रास्ता जल्द होगा साफ

पटना हाई कोर्ट ने इसी साल 21 जनवरी को एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों की डिग्री को मान्यता देते हुए बिहार सरकार को आदेश जारी किया था कि इन्हें प्राइमरी टीचर्स के नियोजन में आवेदन के लिए 4 हफ्ते का मौका देना होगा.

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Published : May 19, 2020, 11:27 PM IST

पटना: बिहार के निजी स्कूल के लाखों शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है. एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों की डिग्री को लेकर जो संशय था, वह अगले दो-तीन दिनों में खत्म होने की संभावना है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया है. इसके बाद इन शिक्षकों का बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन देने का रास्ता साफ हो जाएगा.

दूरदर्शन पर एक लाइव कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एनआईओएस शिक्षकों के सवालों को लेकर कहा कि हम इन लाखों शिक्षकों की परेशानी को लेकर गंभीर हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि एनसीटीई से संशोधित आदेश पत्र देश के हर राज्य को भेजा जाएगा, जिसके बाद एनआईओएस डीएलएड को लेकर जारी संशय खत्म हो जाएगा. दरअसल बिहार का शिक्षा विभाग नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के जवाब का इंतजार कर रहा है.

शिक्षा विभाग कर सकता है डबल बेंच में अपील
केंद्रीय मंत्री के आश्वासन के बाद अब यह तय हो गया है कि बिहार में प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में इन शिक्षकों को आवेदन देने का मौका मिल सकेगा. हालांकि पटना हाई कोर्ट इस मामले में पहले ही आदेश जारी कर चुका है, लेकिन एनसीटीई से जवाब नहीं मिलने के कारण शिक्षा विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा था. जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग इस मामले में डबल बेंच में जाने की तैयारी कर रहा है. इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार यह कह रहे थे कि जब तक एनसीटीई की तरफ से जवाब नहीं मिल जाता तब तक वे इस मामले में आगे कुछ नहीं कर सकते.

डिग्री पर था विवाद
इस मामले में एनआईओएस डीएलएड संघ के नेता पप्पू कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया है और बिहार सरकार से गुहार लगाई है कि छठे चरण के शिक्षक नियोजन में एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों को शामिल करते हुए नियोजन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. बता दें कि एनआईओएस से वर्ष 2017-2019 सत्र में संसद के द्वारा पारित आदेश के बाद लाखों नियोजित शिक्षकों को डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का कोर्स कराया गया था. यह कोर्स 18 महीने का था और यही 18 महीने की अवधि को लेकर इस डिग्री पर सवाल खड़े हो रहे थे.

पटना हाई कोर्ट ने दिया था आदेश
हालांकि बार-बार केंद्र सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा था कि इस डिग्री में कहीं कोई परेशानी नहीं है. पटना हाई कोर्ट ने इसी साल 21 जनवरी को एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों की डिग्री को मान्यता देते हुए बिहार सरकार को आदेश जारी किया था कि इन्हें प्राइमरी टीचर्स के नियोजन में आवेदन के लिए 4 हफ्ते का मौका देना होगा. अब पत्र मिलने के बाद इस मामले का पटाक्षेप होने की उम्मीद है.

पटना: बिहार के निजी स्कूल के लाखों शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है. एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों की डिग्री को लेकर जो संशय था, वह अगले दो-तीन दिनों में खत्म होने की संभावना है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया है. इसके बाद इन शिक्षकों का बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन देने का रास्ता साफ हो जाएगा.

दूरदर्शन पर एक लाइव कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एनआईओएस शिक्षकों के सवालों को लेकर कहा कि हम इन लाखों शिक्षकों की परेशानी को लेकर गंभीर हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि एनसीटीई से संशोधित आदेश पत्र देश के हर राज्य को भेजा जाएगा, जिसके बाद एनआईओएस डीएलएड को लेकर जारी संशय खत्म हो जाएगा. दरअसल बिहार का शिक्षा विभाग नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के जवाब का इंतजार कर रहा है.

शिक्षा विभाग कर सकता है डबल बेंच में अपील
केंद्रीय मंत्री के आश्वासन के बाद अब यह तय हो गया है कि बिहार में प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया में इन शिक्षकों को आवेदन देने का मौका मिल सकेगा. हालांकि पटना हाई कोर्ट इस मामले में पहले ही आदेश जारी कर चुका है, लेकिन एनसीटीई से जवाब नहीं मिलने के कारण शिक्षा विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा था. जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग इस मामले में डबल बेंच में जाने की तैयारी कर रहा है. इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार यह कह रहे थे कि जब तक एनसीटीई की तरफ से जवाब नहीं मिल जाता तब तक वे इस मामले में आगे कुछ नहीं कर सकते.

डिग्री पर था विवाद
इस मामले में एनआईओएस डीएलएड संघ के नेता पप्पू कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया है और बिहार सरकार से गुहार लगाई है कि छठे चरण के शिक्षक नियोजन में एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों को शामिल करते हुए नियोजन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. बता दें कि एनआईओएस से वर्ष 2017-2019 सत्र में संसद के द्वारा पारित आदेश के बाद लाखों नियोजित शिक्षकों को डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का कोर्स कराया गया था. यह कोर्स 18 महीने का था और यही 18 महीने की अवधि को लेकर इस डिग्री पर सवाल खड़े हो रहे थे.

पटना हाई कोर्ट ने दिया था आदेश
हालांकि बार-बार केंद्र सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा था कि इस डिग्री में कहीं कोई परेशानी नहीं है. पटना हाई कोर्ट ने इसी साल 21 जनवरी को एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों की डिग्री को मान्यता देते हुए बिहार सरकार को आदेश जारी किया था कि इन्हें प्राइमरी टीचर्स के नियोजन में आवेदन के लिए 4 हफ्ते का मौका देना होगा. अब पत्र मिलने के बाद इस मामले का पटाक्षेप होने की उम्मीद है.

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