पटना: सोन के पीले सोने पर अब नक्सलियों की नजर है. नक्सली संगठन से जुड़े लोग सोन नदी (Son River) से बालू (Illegal Sand Minig) के अवैध निकासी करवा रहे हैं. बिहार में लगातार हो रहे अवैध बालू खनन की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम द्वारा प्राप्त इनपुट ने पुलिस महकमे की परेशानी बढ़ा दी है. हालांकि पुलिस मुख्यालय का दावा है कि जल्द ही नक्सलियों के इस कार्रवाई पर नकेल कस दी जाएगी.
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सोना गंगा के तट से अवैध रूप से अवैध बालू खनन का नजारा आम हो चला है. बालू माफिया इन दिनों उजाले में खुलेआम बालू की अवैध ढुलाई करते हैं. सोन नदी का बालू इतना उपयोगी है कि बिहार तो छोड़ दीजिए, बिहार के सटे झारखंड और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में यह बालू पहुंचता है.
दरअसल सोन नदी के महंगे और डिमांड में रहने वाले बालू के खनन पर नक्सलियों की नजर पड़ गई है. यह नदी रोहतास, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल और पटना जिले से होकर गुजरती है. जिसका अधिकांश इलाका नक्सल प्रभावित है. इन इलाकों में अपनी पैठ होने के कारण अभी तक नक्सल अफीम की खेती करते रहे हैं. लेवी वसूल कर भी वे अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करते रहे हैं. लेकिन अब बालू के अवैध खनन में भी नक्सलियों ने अपना वर्चस्व बनाना शुरू कर दिया है.
आपको बताते चलें कि बिहार के लखीसराय जिले की चानन थाना क्षेत्र के बसंतपुर गांव में नक्सलियों के द्वारा विगत कुछ दिन पहले हमला कर दिया गया था. नक्सलियों ने विगत शुक्रवार की रात को अवैध बालू खनन पर धावा बोलकर 5 ट्रक सहित 8 वाहनों को भी फूंक दिया था.
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बिहार में बालू के अवैध खनन और उससे होने वाले धन की उगाही की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे पुलिस महकमे की उलझन और बढ़ती जा रही है. पुलिस विभाग के आर्थिक अपराध इकाई की जांच में अब एक और नया खुलासे ने सब को परेशान कर दिया है. मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अफसरों और कर्मचारियों के साथ मिलकर बालू माफिया अवैध बालू खनन कर रहे हैं.
राज्य के कई जिले में नक्सली गिरोह भी संगठित रूप से अवैध बालू के खनन से भी जुड़ा है. आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट पर पुलिस विभाग ने औरंगाबाद, अरवल, रोहतास सहित कई जिलों के जिला पुलिस को इसको लेकर अलर्ट भी किया है. ताकि बालू खनन के वर्चस्व को लेकर नक्सलियों की ओर से प्रभावित हिंसात्मक कार्रवाई को लेकर पुलिस पहले से अलर्ट रहें. बालू के अवैध खनन में संलिप्त दो एसपी समेत 41 विभिन्न विभाग के पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है. अब उनकी संपत्ति की भी जांच की जा रही है.
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'नक्सलियों के इस काले कारोबार पर नकेल कसने को लेकर जिलास्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. नक्सलियों के इस अवैध खनन को रोकने एक बड़ी चुनौती है. मगर हम इस तरह की चुनौतियों के लिए सदैव तैयार रहते हैं. हमारी एसटीएफ की इकाई इस काम में माहिर है. उसी के बल पर हमने प्रदेश के सुदूर इलाकों में भी वामपंथियों को खत्म करने में कामयाब रहे हैं. उम्मीद है कि नक्सलियों द्वारा बालू के अवैध खनन को रोकने में भी हम लोग अतिशीघ्र कामयाब होंगे.' -जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
हालांकि देखा जाए तो बालू के अवैध कारोबार में पैसा ही पैसा है. यही वजह है कि इस अवैध कारोबार में माफियाओं के बाद अब नक्सली भी अपनी पैठ बनाने में जुट गए हैं. लेकिन यह सबसे बड़ी चिंता की बात है कि अगर इस बालू के कारोबार में अगर अपनी पकड़ बनाने में नक्सली कामयाब हो गए, तो नक्सलियों के पास पैसे की कोई कमी नहीं रहेगी और ना ही हथियारों की. जिसके बूते नक्सली संगठन के लोग एक बार फिर से बिहार में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश करेंगे. जो कि बिहार के लिए कहीं से भी ठीक नहीं होगा.
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