पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर प्रशांत किशोर के बयान के बाद सियासी घमासान छिड़ गया है. जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के बीच ट्वीटर वॉर जारी है. इस बीच बीजेपी के एमएलसी नवल किशोर यादव ने पीके को पहचानने तक से इंकार कर दिया.
दरअसल, विधान पार्षद नवल किशोर यादव से पीके के बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि, 'प्रशांत किशोर किस चिड़िया का नाम है.' उन्होंने कहा कि 'पीके कौन है, कहां से आया है'. उन्होंने पीके को व्यवसायी बताया.
'घर-घर दुकान चलाते हैं पीके'
हालांकि, पत्रकारों की ओर से बार-बार सवाल करने पर नवल किशोर यादव ने कहा कि प्रशांत किशोर घर-घर जाकर दुकान चलाते हैं. सीट शेयरिंग को लेकर जो भी फैसला होगा, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा. इसमें छुटपुट नेताओं की बयानबाजी और राय मायने नहीं रखती है.
सीट बंटवारे के बयान को लेकर शुरू हुआ घमासान
बता दें कि ये सियासी घमासान जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. प्रशांत किशोर ने इसके पीछे राज्य में एनडीए में जेडीयू की वरिष्ठता का हवाला देते हुए यह बात कही है.
सुमो ने पीके पर साधा निशाना
सुशील मोदी ने ट्वीट में ये लिखा कि, 'कुछ लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डेटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी (विपक्षी) गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं.'
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2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 30, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे....... pic.twitter.com/aCIUmFkFgL
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 30, 2019
लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे....... pic.twitter.com/aCIUmFkFgL2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।
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लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे....... pic.twitter.com/aCIUmFkFgL
पीके ने भी दिया जवाब
इसके बाद प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट के जरिए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर हमला किया. उन्होंने सुशील मोदी को परिस्थिति का डिप्टी सीएम कहा. पीके ने ट्वीट में लिखा है कि 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश उपमुख्यमंत्री बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है.
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बिहार में @NitishKumar का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 31, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।
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— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 31, 2019
2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।बिहार में @NitishKumar का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं।
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2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।