ETV Bharat / state

बिहार आर्ट थियेटर में अंतिम दिन नाटक 'मुद्राराक्षस' का किया गया मंचन - पटना में नाटय महोत्सव संपन्न

राजधानी पटना के बिहार आर्ट थियेटर में अंतिम दिन नाटय महोत्सव संपन्न हो गया. अंतिम दिन डॉक्टर चतुर्भुज द्वारा लिखित नाटक मुद्राराक्षस का मंचन किया गया. नाटक के जरिए प्राचीन भारत के सामाजिक राजनैतिक इतिहास से लोगों को रूबरू कराया गया.

Natya Mahotsav
Natya Mahotsav
author img

By

Published : Mar 5, 2021, 2:06 AM IST

Updated : Mar 5, 2021, 5:26 AM IST

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित बिहार आर्ट थियेटर में अंतिम दिन नाटय महोत्सव संपन्न हो गया. वहीं, डॉक्टर चतुर्भुज द्वारा लिखित नाटक मुद्राराक्षस का मंचन विजय आनंद के निर्देशन में किया गया.

देखें रिपोर्ट

पढ़ें: पटना के कालिदास रंगालय में 30वां थियेटर फेस्टिवल का आयोजन, कॉकटेल का मंचन
नाटक मुद्राराक्षस का मंचन
नाटक मुद्राराक्षस में नंद साम्राज्य के पतन और चंद्रगुप्त मौर्य के सत्ता में आने के संधि काल की स्थितियों और समाज मनोविज्ञान को दर्शाया गया है. नंद साम्राज्य और उसके शुभचिंतकों के मारे जाने के बाद चंद्रगुप्त मौर्य ने सत्ता हासिल कर ली. मगध की राजधानी पाटलिपुत्र में अस्थिरता की स्थिति बनी रहती है. अस्थाई अमात्य के रूप में चाणक्य ने कार्यभार तो संभाली, लेकिन वह स्वयं को इसके लिए अनुपयुक्त समझ रहे हैं.

प्राचीन भारत के सामाजिक और राजनैतिक इतिहास डाला प्रकाश
नंद का अमात्य राक्षस चंद्रगुप्त के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के साथ पर्वतराज जिसके पिता की हत्या चाणक्य चंद्रगुप्त ने विष कन्या द्वारा करा दी थी. अनेक शक्तियों के साथ मिलकर पाटलिपुत्र पर आक्रमण की योजना बना रहे. चाणक्य नंदन के अमात्य राक्षस की कूटनीति ताकत से सुपरिचित है. उसके कान खड़े हो जाते हैं और बिना देर किए तमाम स्थितियों की समीक्षा करते हैं. उसे जानकारी मिलती है कि राक्षस अपना परिवार सेठ चंदन दास के हवाले करके पाटलिपुत्र छोड़कर चला गया. नाटक के जरिए प्राचीन भारत के सामाजिक और राजनैतिक इतिहास से लोगों को रूबरू कराया गया.

पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित बिहार आर्ट थियेटर में अंतिम दिन नाटय महोत्सव संपन्न हो गया. वहीं, डॉक्टर चतुर्भुज द्वारा लिखित नाटक मुद्राराक्षस का मंचन विजय आनंद के निर्देशन में किया गया.

देखें रिपोर्ट

पढ़ें: पटना के कालिदास रंगालय में 30वां थियेटर फेस्टिवल का आयोजन, कॉकटेल का मंचन
नाटक मुद्राराक्षस का मंचन
नाटक मुद्राराक्षस में नंद साम्राज्य के पतन और चंद्रगुप्त मौर्य के सत्ता में आने के संधि काल की स्थितियों और समाज मनोविज्ञान को दर्शाया गया है. नंद साम्राज्य और उसके शुभचिंतकों के मारे जाने के बाद चंद्रगुप्त मौर्य ने सत्ता हासिल कर ली. मगध की राजधानी पाटलिपुत्र में अस्थिरता की स्थिति बनी रहती है. अस्थाई अमात्य के रूप में चाणक्य ने कार्यभार तो संभाली, लेकिन वह स्वयं को इसके लिए अनुपयुक्त समझ रहे हैं.

प्राचीन भारत के सामाजिक और राजनैतिक इतिहास डाला प्रकाश
नंद का अमात्य राक्षस चंद्रगुप्त के विरुद्ध षड्यंत्र रचने के साथ पर्वतराज जिसके पिता की हत्या चाणक्य चंद्रगुप्त ने विष कन्या द्वारा करा दी थी. अनेक शक्तियों के साथ मिलकर पाटलिपुत्र पर आक्रमण की योजना बना रहे. चाणक्य नंदन के अमात्य राक्षस की कूटनीति ताकत से सुपरिचित है. उसके कान खड़े हो जाते हैं और बिना देर किए तमाम स्थितियों की समीक्षा करते हैं. उसे जानकारी मिलती है कि राक्षस अपना परिवार सेठ चंदन दास के हवाले करके पाटलिपुत्र छोड़कर चला गया. नाटक के जरिए प्राचीन भारत के सामाजिक और राजनैतिक इतिहास से लोगों को रूबरू कराया गया.

Last Updated : Mar 5, 2021, 5:26 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.