ETV Bharat / state

Patna News : अनुसूचित जाति आयोग ने बिहार सरकार को फटकारा, विजय सांपला ने लगाए गंभीर आरोप - Patna News

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने बिहार सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. राज्य में अनुसूचित जाति की स्थिति पर उन्होंने सवाल खड़े किए हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Vijay Sampla
Vijay Sampla
author img

By

Published : May 19, 2023, 10:58 PM IST

Updated : May 20, 2023, 6:27 AM IST

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला

पटना : राष्ट्रीय महिला आयोग के बाद अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला ने अनुसूचित जाति के लिए चल रही केंद्रीय योजनाओं और बिहार में अनुसूचित जाति के लोगों की स्थिति का वास्तविक हकीकत का पता लगाने के लिए 2 दिनों तब पटना में बैठकें की. बैठक के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को पूरी बात बतायी.

ये भी पढ़ें - 'इन्हें फॉरेंसिक का F तक नहीं पता'.. NCW चीफ का बड़ा आरोप.. बिहार पुलिस को फूहड़ और अनपढ़ कहा

''जनप्रतिनिधियों से अनुसूचित जातियों के समस्याओं और योजनाओं पर विस्तार से बातें हुई. बिहार में अनुसूचित जातियों की शिक्षा बहुत बड़ी समस्या है. हाई स्कूल में अनुसूचित जाति के छात्रों का ड्रॉपआउट प्रतिशत 80% है जो बहुत खराब है. बिहार में सिर्फ अनुसूचित जाति के 2 फीसदी लोग ही गरीबी रेखा से ऊपर हैं.''- विजय सांपला, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

'कई दिनों तक पोर्टल रहा बंद' : विजय सांपला ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना में भी बहुत खामी है. एक आंकड़े के मुताबिक सारे 400000 अनुसूचित जाति के बच्चों में मात्र 70000 को ही स्कॉलरशिप मिल रहा है. उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए जो पोर्टल है वह साल में कभी भी बंद नहीं होता और 1 अप्रैल से 31 मार्च तक निरंतर खुला रहता है. आखिरी दिन भी यदि छात्र आवेदन करता है तो उसे छात्रवृत्ति दी जाती है ऐसा भारत सरकार का प्रावधान है जबकि बिहार में पोर्टल कई दिनों तक बंद रहा.

'नौकरियों में बड़ा बैकलॉग' : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में अनुसूचित जातियों के नौकरियों में भी बड़ा बैकलॉग है. बिहार सरकार से बैकलॉग का आंकड़ा मांगा गया है जो अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. सभी विभाग में बैकलॉग है. उन्होंने कहा कि हाल ही में गजट में बिहार सरकार ने 2 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया है और यह ताती और तत्वा जाती हैं. यह बिहार सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर का है.

'बिहार सरकार ने नियमों को ताक पर रखा' : विजय सांपला ने कहा कि यदि किसी जाति को अनुसूचित जाति में डालना है अथवा बाहर करना है उसके लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाता है जो रजिस्टर जनरल ऑफ इंडिया के पास जाता है. दो बार रजिस्टर्ड जनरल ऑफ इंडिया यदि प्रस्ताव को ठुकरा देते हैं तो दुबारा वह प्रस्ताव नहीं आता. अगर वह स्वीकृत करते हैं तो संसद से पास कराना होता है फिर गजट में आता है. लेकिन बिहार सरकार ने नियमों को ताक पर रखते हुए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर 2 जातियों को गलत तरीके से अनुसूचित जाति में डाल दिया है.

'बिहार ने अपना अंश नहीं दिया' : विजय सांपला ने कहा कि अनुसूचित जाति के लिए बिहार में विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मांगी गई है, लेकिन बिहार सरकार की किसी विभाग ने अब तक जानकारी नहीं दी है. अनुसूचित जाति के लिए 2019-2020 के बाद बिहार सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया है. बिहार राज्य ने अपना अंश नहीं दिया है. इतना ही नहीं बिहार ने केंद्र के पैसे का कितना खर्च किया है इसकी भी जानकारी नहीं दी है.

''अनुसूचित जाति के लिए चलाई जा रही योजनाओं में बहुत सारी खामियां नजर आई हैं. शहरी क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं में भी भारी खामियां है और बिहार की छात्रावासों में भी बहुत खामियां है. अनुसूचित जाति के लिए छात्रावास के क्षेत्र में बिहार सरकार को बड़ा काम करने की जरूरत है क्योंकि बिहार में अनुसूचित जाति के लिए सिर्फ 6 हॉस्टल ही है.''- विजय सांपला, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

विजय सांपला ने कहा कि अनुसूचित जातियों के मर्डर रेट में भी बिहार का देश में दूसरा स्थान है जो कि एक गंभीर स्थिति है. आनंद मोहन की रिहाई मामले में उन्होंने कहा कि आयोग ने नोटिस जारी किया है और सरकार को नोटिस भेजा गया है. बिहार सरकार से रिहा करने की स्थिति और कारणों की जानकारी मांगी गई है.

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला

पटना : राष्ट्रीय महिला आयोग के बाद अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला ने अनुसूचित जाति के लिए चल रही केंद्रीय योजनाओं और बिहार में अनुसूचित जाति के लोगों की स्थिति का वास्तविक हकीकत का पता लगाने के लिए 2 दिनों तब पटना में बैठकें की. बैठक के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को पूरी बात बतायी.

ये भी पढ़ें - 'इन्हें फॉरेंसिक का F तक नहीं पता'.. NCW चीफ का बड़ा आरोप.. बिहार पुलिस को फूहड़ और अनपढ़ कहा

''जनप्रतिनिधियों से अनुसूचित जातियों के समस्याओं और योजनाओं पर विस्तार से बातें हुई. बिहार में अनुसूचित जातियों की शिक्षा बहुत बड़ी समस्या है. हाई स्कूल में अनुसूचित जाति के छात्रों का ड्रॉपआउट प्रतिशत 80% है जो बहुत खराब है. बिहार में सिर्फ अनुसूचित जाति के 2 फीसदी लोग ही गरीबी रेखा से ऊपर हैं.''- विजय सांपला, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

'कई दिनों तक पोर्टल रहा बंद' : विजय सांपला ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना में भी बहुत खामी है. एक आंकड़े के मुताबिक सारे 400000 अनुसूचित जाति के बच्चों में मात्र 70000 को ही स्कॉलरशिप मिल रहा है. उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए जो पोर्टल है वह साल में कभी भी बंद नहीं होता और 1 अप्रैल से 31 मार्च तक निरंतर खुला रहता है. आखिरी दिन भी यदि छात्र आवेदन करता है तो उसे छात्रवृत्ति दी जाती है ऐसा भारत सरकार का प्रावधान है जबकि बिहार में पोर्टल कई दिनों तक बंद रहा.

'नौकरियों में बड़ा बैकलॉग' : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में अनुसूचित जातियों के नौकरियों में भी बड़ा बैकलॉग है. बिहार सरकार से बैकलॉग का आंकड़ा मांगा गया है जो अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. सभी विभाग में बैकलॉग है. उन्होंने कहा कि हाल ही में गजट में बिहार सरकार ने 2 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया है और यह ताती और तत्वा जाती हैं. यह बिहार सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर का है.

'बिहार सरकार ने नियमों को ताक पर रखा' : विजय सांपला ने कहा कि यदि किसी जाति को अनुसूचित जाति में डालना है अथवा बाहर करना है उसके लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाता है जो रजिस्टर जनरल ऑफ इंडिया के पास जाता है. दो बार रजिस्टर्ड जनरल ऑफ इंडिया यदि प्रस्ताव को ठुकरा देते हैं तो दुबारा वह प्रस्ताव नहीं आता. अगर वह स्वीकृत करते हैं तो संसद से पास कराना होता है फिर गजट में आता है. लेकिन बिहार सरकार ने नियमों को ताक पर रखते हुए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर 2 जातियों को गलत तरीके से अनुसूचित जाति में डाल दिया है.

'बिहार ने अपना अंश नहीं दिया' : विजय सांपला ने कहा कि अनुसूचित जाति के लिए बिहार में विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मांगी गई है, लेकिन बिहार सरकार की किसी विभाग ने अब तक जानकारी नहीं दी है. अनुसूचित जाति के लिए 2019-2020 के बाद बिहार सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया है. बिहार राज्य ने अपना अंश नहीं दिया है. इतना ही नहीं बिहार ने केंद्र के पैसे का कितना खर्च किया है इसकी भी जानकारी नहीं दी है.

''अनुसूचित जाति के लिए चलाई जा रही योजनाओं में बहुत सारी खामियां नजर आई हैं. शहरी क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं में भी भारी खामियां है और बिहार की छात्रावासों में भी बहुत खामियां है. अनुसूचित जाति के लिए छात्रावास के क्षेत्र में बिहार सरकार को बड़ा काम करने की जरूरत है क्योंकि बिहार में अनुसूचित जाति के लिए सिर्फ 6 हॉस्टल ही है.''- विजय सांपला, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग

विजय सांपला ने कहा कि अनुसूचित जातियों के मर्डर रेट में भी बिहार का देश में दूसरा स्थान है जो कि एक गंभीर स्थिति है. आनंद मोहन की रिहाई मामले में उन्होंने कहा कि आयोग ने नोटिस जारी किया है और सरकार को नोटिस भेजा गया है. बिहार सरकार से रिहा करने की स्थिति और कारणों की जानकारी मांगी गई है.

Last Updated : May 20, 2023, 6:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.