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पटना हाईकोर्ट में लगा राष्ट्रीय लोक अदालत, कुल 127 मुकदमों का किया गया निष्पादन

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Published : Dec 11, 2021, 7:28 PM IST

पटना हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat In Patna High Court) का आयोजन किया गया. कुल 127 विभिन्न प्रकार के मुकदमों का निष्पादन कोर्ट में किया गया. पढ़ें पूरी खबर..

National Lok Adalat In Patna High Court
National Lok Adalat In Patna High Court

पटना: पटना हाईकोर्ट में शनिवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मुकदमों की सुनवाई (Court Executed 127 Cases ) हुई और निपटारा किया गया. समझौता किये जाने वाले आपराधिक मामले से जुड़े एक केस की सुनवाई हुई. एनआईएक्ट की धारा 138 से जुड़े 15 मामलों पर सुनवाई हुई, जिसमें एक को निष्पादित किया गया.

यह भी पढ़ें- भभुआ व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 12 बेंचों का किया गया गठन

वाहन(एम वी एक्ट) से जुड़े 60 मामलों की भी कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें 10 को निष्पादित किया गया और 22,75,000 रुपये का सेटलमेंट किया गया. पे (Pay), सेवानिवृत्ति भत्ता समेत अन्य भत्तों के मामलों से जुड़े सर्विस मैटर में 32 मुकदमों की सुनवाई की गई, जिसमें 13 का निष्पादन किया गया.

यह भी पढ़ें- मधेपुरा: जिला कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, बैंक ऋण से संबंधित मामलों का हुआ निष्पादन

हाईकोर्ट व जिला अदालतों में लंबित राजस्व के 6 मुकदमों की सुनवाई हुई, जिसमें 5 मुकदमों का निष्पादन किया गया और 4,64,196.64 रुपये का सेटलमेंट किया गया. लोक अदालत के आयोजन के प्री सिटींग में ही 18 मामलों का निष्पादन किया गया था. इस प्रकार से कुल 127 मुकदमों का निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिये किया गया.

उल्लेखनीय है कि, लोक अदालत के जरिये आपसी सहमति से उक्त मामलों समेत बैंक रिकवरी, लेबर डिस्प्यूट, इलेक्ट्रिसिटी बिल ( नॉन - कम्पाउंडेबले को छोड़कर) वैवाहिक विवाद, जमीन अधिग्रहण से जुड़े मुकदमों व रेंट आदि के मुकदमों की सुनवाई की जाती है.

यह भी पढ़ें- लखीसरायः व्यवहार न्यायालय में साल की पहली लगाई गई राष्ट्रीय लोक अदालत, 8 बेंचों का किया गया गठन

बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत मामलों का त्वरित निपटारा कर न्यायपालिका के लंबित मामलों का भार कम कर न्यायपालिका की सहायता करती है. इसमें लंबित वाद, सुलहनीय आपराधिक वाद, बैंक ऋण वसूली वाद, मोटर दुर्घटना दावा, न्यायाधिकरण वाद, वैवाहिक वाद, श्रम वाद, भूमि अधिग्रहण मामले, राजस्व मामले, विद्युत, पानी बिल, सेवा, बैंक, इंश्योरेंस आदि मामले निपटाए जाते हैं.

लोक अदालत ऐसा मंच या फोरम है, जहां न्यायालय में लंबित या मुकदमे के रूप में दाखिल नहीं किए गए मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है. यह सामान्य न्यायालयों से अलग होता है, क्योंकि यहां विवादित पक्षों के बीच परस्पर समझौते के माध्यम से विवादों का समाधान किया जाता है. 11 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मुकदमे निपटाने का प्रयास किया गया. अधिकारियों को अपने विभागों से संबंधित दरखास्तों को जल्द से जल्द डिस्पोज एवं निपटान करने के निर्देश दिए गए.

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पटना: पटना हाईकोर्ट में शनिवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मुकदमों की सुनवाई (Court Executed 127 Cases ) हुई और निपटारा किया गया. समझौता किये जाने वाले आपराधिक मामले से जुड़े एक केस की सुनवाई हुई. एनआईएक्ट की धारा 138 से जुड़े 15 मामलों पर सुनवाई हुई, जिसमें एक को निष्पादित किया गया.

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वाहन(एम वी एक्ट) से जुड़े 60 मामलों की भी कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें 10 को निष्पादित किया गया और 22,75,000 रुपये का सेटलमेंट किया गया. पे (Pay), सेवानिवृत्ति भत्ता समेत अन्य भत्तों के मामलों से जुड़े सर्विस मैटर में 32 मुकदमों की सुनवाई की गई, जिसमें 13 का निष्पादन किया गया.

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हाईकोर्ट व जिला अदालतों में लंबित राजस्व के 6 मुकदमों की सुनवाई हुई, जिसमें 5 मुकदमों का निष्पादन किया गया और 4,64,196.64 रुपये का सेटलमेंट किया गया. लोक अदालत के आयोजन के प्री सिटींग में ही 18 मामलों का निष्पादन किया गया था. इस प्रकार से कुल 127 मुकदमों का निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिये किया गया.

उल्लेखनीय है कि, लोक अदालत के जरिये आपसी सहमति से उक्त मामलों समेत बैंक रिकवरी, लेबर डिस्प्यूट, इलेक्ट्रिसिटी बिल ( नॉन - कम्पाउंडेबले को छोड़कर) वैवाहिक विवाद, जमीन अधिग्रहण से जुड़े मुकदमों व रेंट आदि के मुकदमों की सुनवाई की जाती है.

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लोक अदालत ऐसा मंच या फोरम है, जहां न्यायालय में लंबित या मुकदमे के रूप में दाखिल नहीं किए गए मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है. यह सामान्य न्यायालयों से अलग होता है, क्योंकि यहां विवादित पक्षों के बीच परस्पर समझौते के माध्यम से विवादों का समाधान किया जाता है. 11 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मुकदमे निपटाने का प्रयास किया गया. अधिकारियों को अपने विभागों से संबंधित दरखास्तों को जल्द से जल्द डिस्पोज एवं निपटान करने के निर्देश दिए गए.

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