पटनाः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 57 लोगों की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार सरकार को नोटिस (NHRC asked for report to Bihar Government ) दिया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस घटना को बिहार सरकार द्वारा लागू शराबबंदी कानून की असफलता बताया है.
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National Human Rights Commission (NHRC) has taken suo motu cognizance of media reports that several people have died after allegedly consuming spurious liquor in Saran district of Bihar. pic.twitter.com/fq0LZLcF18
— ANI (@ANI) December 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">National Human Rights Commission (NHRC) has taken suo motu cognizance of media reports that several people have died after allegedly consuming spurious liquor in Saran district of Bihar. pic.twitter.com/fq0LZLcF18
— ANI (@ANI) December 16, 2022National Human Rights Commission (NHRC) has taken suo motu cognizance of media reports that several people have died after allegedly consuming spurious liquor in Saran district of Bihar. pic.twitter.com/fq0LZLcF18
— ANI (@ANI) December 16, 2022
अबतक की गई कार्रवाई की मांगी रिपोर्टः आयोग ने जहरीली शराब से मौत मामले में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों के निरीक्षण में पाया कि अगर शराब से मौत की बात सही है तो यह मानवाधिकार को लेकर चिंतित करने वाला मामला है. ऐसे में यह घटना बिहार सरकार द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी की बड़ी असफलता को दर्शाता है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजी को नोटिस भेजा है.
चार सप्ताह के अंदर सरकार से मांगी रिपोर्टः एनएचआरसी ने छपरा में शराब से मौत मामले में सरकार से अभी तक की गई हर एक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने अब तक कितने लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, पुलिस या किसी और की ओर से इस मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी, अगर पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है तो उसकी रिपोर्ट और यह भी बताने को कहा गया है कि सरकार ने इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार किन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है. आयोग ने संबंधित अधिकारियों से नोटिस जारी करने के चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है.
गांव के दुकान से ही मृतकों ने खरीदी थी शराबः आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 15 दिसंबर को छपरा के मरहौरा अनुमंडल अंतर्गत मशरख, ईसुआपुर और अमनौर से करीब 50 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने हुई है. वहीं मृतकों के परिजनों ने जानकारी दी है कि सभी लोगों ने इन गांवों के साधारण दुकानों से देसी शराब खरीदी थी और 50 से ज्यादा लोगों ने इस शराब का सेवन किया था.
200 लोगों की हुई है गिरफ्तारीः इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 200 धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है.
मशरक एसएचओ निलंबित: गुरुवार को सारण डीएम राजेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि 26 लोगों की मौत संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से हुई है. वहीं मिल रही जानकारी के मुताबिक अभी तक 200 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. डीएम ने कल तक 51 लोगों के गिरफ्तार होने की जानकारी दी थी. इधर, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि मशरक के एसएचओ रितेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है. जबकि एक चौकीदार को भी सस्पेंड किया गया है. मरहौरा डीएसपी के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.