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नमामि गंगे प्रोजेक्ट: अधूरे कार्य से गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें, बरसात में बढ़ीं लोगों की समस्याएं

बिहार में बारिश शुरू हो चुकी है और पटनावासियों के लिए एक बड़ी मुसीबत इंतजार कर रही है. भारी बारिश के बीच पटना की तस्वीरें डराने के लिए काफी हैं. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. कौन है इसके लिए जिम्मेवार और शहर में आखिर क्यों बन गए ऐसे हालात. पढ़ें रिपोर्ट

namami gange pariyojna in patna
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Published : Jun 30, 2021, 8:06 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 10:35 PM IST

पटना: बरसात (Rain In Patna) शुरू होने के साथ ही पटनावासियों की मुसीबत अब और बढ़ गई है. नदियों का बढ़ता जलस्तर पहले से डरा रहा है ऊपर से सड़कों की हालत (Patna Waterlogged) देख घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है. लोगों की परेशानी बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BUIDCO) की गलती की वजह से बढ़ गई है.

नमामि गंगे (Namami Gange Pariyojana) के तहत जिन परियोजनाओं पर काम पटना में हो रहा है उसकी जिम्मेदारी बुडको की है. शहर को सीवर की समस्या से निजात दिलाने का वादा किया गया था लेकिन अब इसी परियोजना ने पटना की चिंता बढ़ा दी है. शहर के 70 वार्डों में नमामि गंगे परियोजना के तहत सड़क की सूरत सीवरेज पाइप लाइन की वजह से बिगड़ गई है. जिसकी वजह से आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

यह भी पढ़ें- केंद्रीय परियोजनाओं के लिए खोद दी गईं पटना की सड़कें, नगर निगम ने साधा मौन

पटना की सड़कें जर्जर
राजधानी पटना शहर के 70 वार्डों में नमामि गंगे परियोजना के तहत सूरत सीवरेज पाइप लाइन का काम हो रहा है. जमीन में कई फीट तक सड़क की खुदाई तो कर दी गई, लेकिन मेंटेनेंस करना विभाग भूल गया. अभी भी 70 फीसदी सड़कों पर मेंटेनेंस का काम पूरा नहीं हुआ.

देखें रिपोर्ट

बरसात में और बढ़ी परेशानी
बरसात के मौसम में मेन रोड से सटे लिंक रोड पर कीचड़ की वजह से आने जाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. वहीं सड़क मेंटेनेंस को लेकर विभाग के अधिकारी और मंत्री सिर्फ तर्क देने में ही जुटे हुए हैं.

namami gange pariyojna in patna
कीचड़ और जलजमाव से लोग परेशान

'सड़क पर गड्ढों से काफी परेशानी होती है. खासकर बरसात के समय में पानी इकट्ठा हो जा रहा है. पानी जमा होने की वजह से गड्ढों का पता नहीं चलता है. जिसकी वजह से दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.'- पवन कुमार सिंह, वार्ड नंबर 22 निवासी

namami gange pariyojna in patna
ईटीवी भारत GFX

हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ी
पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) और जनप्रतिनिधियों की कई योजना मिलाकर भी पटना शहर की सड़कों की सूरत नहीं बदल पाई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात निश्चय योजना के तहत कच्ची नाली-गली निश्चय योजना से भी शहर की सड़कों की हालत सुधर नहीं सकी. इसके लिए करोड़ों रुपए की स्वीकृति भी मिली. मगर अभी भी 35 वार्ड ऐसे हैं जहां पुरानी सड़कों की मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण में हाथ नहीं लगा है.

namami gange pariyojna in patna
ईटीवी भारत GFX

'कोरोना संक्रमण काल के दौरान इस इलाके में मरीजों की संख्या अधिक थी. जिन्हें अस्पताल ले जाना होता था,तो एंबुलेंस लाने में भी काफी परेशानी होती थी. जिन लोगों ने सड़क को खोदा था उनसे जब हमने बात की तो उनका कहना था कि बहुत जल्द सड़क बन जाएगी लेकिन आज तक नहीं बन पाई.'- पलक सहाय, स्थानीय निवासी

namami gange pariyojna in patna
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत चल रहा काम

काम की रफ्तार धीमी
पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, दीघा जैसे इलाकों में नमामि गंगे के तहत काम हो रहा है लेकिन इसके पूरे होने की रफ्तार धीमी है. ऊपर से लगातार हो रही बारिश ने समस्या को और भी बढ़ा दिया है. पाटलिपुत्र कॉलोनी की गिनती राजधानी के पॉश इलाकों में होती है. लेकिन फिलहाल इस कॉलोनी में सड़कों और नालियों को खोदकर छोड़ दिया गया है.

namami gange pariyojna in patna
ईटीवी भारत GFX

बड़े स्तर पर तमाम सांसदों की शिकायत आ रही थी, तमाम विधायकों ने भी शिकायत की. सभी ने बुडको को लेकर ही शिकायत की थी. इन लोगों ने कहा था कि बुडको द्वारा जिस तरह से सड़क को तोड़ कर छोड़ दिया गया है उसे दुरूस्त नहीं किया जा रहा. बुडको की ओर से कहा जाता है कि हमने आरसीडी को पैसा दे दिया है. ऐसे में आरसीडी को जवाब देना चाहिए कि जब पैसे मिल गए तो सड़क क्यों नहीं बनाया.- इंद्रदीप चंद्रवंशी, स्टैंडिंग सदस्य, पीएमसी

इन इलाकों में है कीचड़ की समस्या

  • मीठापुर बस स्टैंड
  • कंकड़बाग अशोक नगर का इलाका
  • सैदपुर का इलाका
  • कदमकुआं का इलाका
  • कांग्रेस मैदान का इलाका
  • बारीपथ का इलाका
  • राजीव नगर का इलाका
  • बेउर का इलाका
  • राम कृष्णा नगर सहित दीघा के इलाके

लोगों को हो रही भारी परेशानी
कई वार्डों में सड़क का हाल जर्जर है. इन वार्डों में लोगों को हर रोज हजारों गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान शहरवासियों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी.

बिहार सरकार द्वारा 5वें वित्त आयोग के माध्यम से जो पैसा मिलता है, उस पैसे से ही हम लोग कार्य करते हैं. लेकिन अभी पैसा नहीं आने की वजह से कार्य अधूरा पड़ा हुआ है.- हिमांशु शर्मा ,आयुक्त, पीएमसी

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सीवरेज पाइप लाइन का चल रहा काम

आठ परियोजना पर हो रहा काम
'नमामि गंगे परियोजना' के तहत पटना में सीवर लाइन की समस्या दुरूस्त करने के लिए 8 परियोजना पर काम चल रहा है. काम कराने की जिम्मेदारी बुडको यानि बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की है. परियोजना के तहत 623 किलोमीटर पाइप लाइन का निर्माण हो चुका है लेकिन पाइप लाइन बिछाने के दौरान नालियों और सड़कें तोड़ी गईं.

शहर के लगभग 262 किलोमीटर सड़क को छोड़कर बाकी सभी सड़कों का मरम्मत कर दिया गया है. कुछ इलाकों जैसे दीघा इलाके का काम अधूरा है उसे भी जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा.- रमन कुमार, एमडी बुडको, पटना

अधूरा है काम
हालांकि कई मुहल्लों में जिन सड़कों और नालियों को तोड़ा गया था उसे दुरुस्त किया गया है लेकिन कुछ इलाकों की समस्या कायम है. बेऊर से लेकर पाटलिपुत्र कॉलोनी. कंकड़बाग,करमचलीचक और पहाड़ी इलाके में बन रहे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट यानि एसटीपी (STP) के लिए सड़कें खोदने के बाद बाकी काम छोड़ दिया गया है.

लगभग 50 साल बाद पटना शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य चल रहा है. जब भी पुराने सीवरेज को हटाकर नए सीवरेज के लिए कार्य किया जाता है तो कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस कार्य को लेकर हम लोग लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं जिन इलाकों में सड़क की खुदाई की गई है वहां मरम्मत का भी काम हो रहा है.- नितिन नवीन ,पथ निर्माण मंत्री, बिहार

दुर्घटना की बनी रहती है आशंका
बुडको का दावा चाहे जो भी करे लेकिन हकीकत ये है कि सीवर टीट्रमेंट प्लांट यानि एसटीपी को दुरूस्त करने के चक्कर में सड़कें खोदीं गई हैं, उसे समय पर पूरा नहीं किया जा सका है. भले एसटीपी (STP) दुरूस्त हो लेकिन जिस तरह से पटना में बारिश हो रही है डर है कि खोदी गई सड़कों और गड्ढों में गिरकर किसी की जान न चली जाए.

पटना: बरसात (Rain In Patna) शुरू होने के साथ ही पटनावासियों की मुसीबत अब और बढ़ गई है. नदियों का बढ़ता जलस्तर पहले से डरा रहा है ऊपर से सड़कों की हालत (Patna Waterlogged) देख घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है. लोगों की परेशानी बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BUIDCO) की गलती की वजह से बढ़ गई है.

नमामि गंगे (Namami Gange Pariyojana) के तहत जिन परियोजनाओं पर काम पटना में हो रहा है उसकी जिम्मेदारी बुडको की है. शहर को सीवर की समस्या से निजात दिलाने का वादा किया गया था लेकिन अब इसी परियोजना ने पटना की चिंता बढ़ा दी है. शहर के 70 वार्डों में नमामि गंगे परियोजना के तहत सड़क की सूरत सीवरेज पाइप लाइन की वजह से बिगड़ गई है. जिसकी वजह से आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

यह भी पढ़ें- केंद्रीय परियोजनाओं के लिए खोद दी गईं पटना की सड़कें, नगर निगम ने साधा मौन

पटना की सड़कें जर्जर
राजधानी पटना शहर के 70 वार्डों में नमामि गंगे परियोजना के तहत सूरत सीवरेज पाइप लाइन का काम हो रहा है. जमीन में कई फीट तक सड़क की खुदाई तो कर दी गई, लेकिन मेंटेनेंस करना विभाग भूल गया. अभी भी 70 फीसदी सड़कों पर मेंटेनेंस का काम पूरा नहीं हुआ.

देखें रिपोर्ट

बरसात में और बढ़ी परेशानी
बरसात के मौसम में मेन रोड से सटे लिंक रोड पर कीचड़ की वजह से आने जाने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. वहीं सड़क मेंटेनेंस को लेकर विभाग के अधिकारी और मंत्री सिर्फ तर्क देने में ही जुटे हुए हैं.

namami gange pariyojna in patna
कीचड़ और जलजमाव से लोग परेशान

'सड़क पर गड्ढों से काफी परेशानी होती है. खासकर बरसात के समय में पानी इकट्ठा हो जा रहा है. पानी जमा होने की वजह से गड्ढों का पता नहीं चलता है. जिसकी वजह से दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.'- पवन कुमार सिंह, वार्ड नंबर 22 निवासी

namami gange pariyojna in patna
ईटीवी भारत GFX

हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ी
पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) और जनप्रतिनिधियों की कई योजना मिलाकर भी पटना शहर की सड़कों की सूरत नहीं बदल पाई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात निश्चय योजना के तहत कच्ची नाली-गली निश्चय योजना से भी शहर की सड़कों की हालत सुधर नहीं सकी. इसके लिए करोड़ों रुपए की स्वीकृति भी मिली. मगर अभी भी 35 वार्ड ऐसे हैं जहां पुरानी सड़कों की मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण में हाथ नहीं लगा है.

namami gange pariyojna in patna
ईटीवी भारत GFX

'कोरोना संक्रमण काल के दौरान इस इलाके में मरीजों की संख्या अधिक थी. जिन्हें अस्पताल ले जाना होता था,तो एंबुलेंस लाने में भी काफी परेशानी होती थी. जिन लोगों ने सड़क को खोदा था उनसे जब हमने बात की तो उनका कहना था कि बहुत जल्द सड़क बन जाएगी लेकिन आज तक नहीं बन पाई.'- पलक सहाय, स्थानीय निवासी

namami gange pariyojna in patna
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत चल रहा काम

काम की रफ्तार धीमी
पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, दीघा जैसे इलाकों में नमामि गंगे के तहत काम हो रहा है लेकिन इसके पूरे होने की रफ्तार धीमी है. ऊपर से लगातार हो रही बारिश ने समस्या को और भी बढ़ा दिया है. पाटलिपुत्र कॉलोनी की गिनती राजधानी के पॉश इलाकों में होती है. लेकिन फिलहाल इस कॉलोनी में सड़कों और नालियों को खोदकर छोड़ दिया गया है.

namami gange pariyojna in patna
ईटीवी भारत GFX

बड़े स्तर पर तमाम सांसदों की शिकायत आ रही थी, तमाम विधायकों ने भी शिकायत की. सभी ने बुडको को लेकर ही शिकायत की थी. इन लोगों ने कहा था कि बुडको द्वारा जिस तरह से सड़क को तोड़ कर छोड़ दिया गया है उसे दुरूस्त नहीं किया जा रहा. बुडको की ओर से कहा जाता है कि हमने आरसीडी को पैसा दे दिया है. ऐसे में आरसीडी को जवाब देना चाहिए कि जब पैसे मिल गए तो सड़क क्यों नहीं बनाया.- इंद्रदीप चंद्रवंशी, स्टैंडिंग सदस्य, पीएमसी

इन इलाकों में है कीचड़ की समस्या

  • मीठापुर बस स्टैंड
  • कंकड़बाग अशोक नगर का इलाका
  • सैदपुर का इलाका
  • कदमकुआं का इलाका
  • कांग्रेस मैदान का इलाका
  • बारीपथ का इलाका
  • राजीव नगर का इलाका
  • बेउर का इलाका
  • राम कृष्णा नगर सहित दीघा के इलाके

लोगों को हो रही भारी परेशानी
कई वार्डों में सड़क का हाल जर्जर है. इन वार्डों में लोगों को हर रोज हजारों गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान शहरवासियों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी.

बिहार सरकार द्वारा 5वें वित्त आयोग के माध्यम से जो पैसा मिलता है, उस पैसे से ही हम लोग कार्य करते हैं. लेकिन अभी पैसा नहीं आने की वजह से कार्य अधूरा पड़ा हुआ है.- हिमांशु शर्मा ,आयुक्त, पीएमसी

namami gange pariyojna in patna
सीवरेज पाइप लाइन का चल रहा काम

आठ परियोजना पर हो रहा काम
'नमामि गंगे परियोजना' के तहत पटना में सीवर लाइन की समस्या दुरूस्त करने के लिए 8 परियोजना पर काम चल रहा है. काम कराने की जिम्मेदारी बुडको यानि बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की है. परियोजना के तहत 623 किलोमीटर पाइप लाइन का निर्माण हो चुका है लेकिन पाइप लाइन बिछाने के दौरान नालियों और सड़कें तोड़ी गईं.

शहर के लगभग 262 किलोमीटर सड़क को छोड़कर बाकी सभी सड़कों का मरम्मत कर दिया गया है. कुछ इलाकों जैसे दीघा इलाके का काम अधूरा है उसे भी जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा.- रमन कुमार, एमडी बुडको, पटना

अधूरा है काम
हालांकि कई मुहल्लों में जिन सड़कों और नालियों को तोड़ा गया था उसे दुरुस्त किया गया है लेकिन कुछ इलाकों की समस्या कायम है. बेऊर से लेकर पाटलिपुत्र कॉलोनी. कंकड़बाग,करमचलीचक और पहाड़ी इलाके में बन रहे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट यानि एसटीपी (STP) के लिए सड़कें खोदने के बाद बाकी काम छोड़ दिया गया है.

लगभग 50 साल बाद पटना शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य चल रहा है. जब भी पुराने सीवरेज को हटाकर नए सीवरेज के लिए कार्य किया जाता है तो कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस कार्य को लेकर हम लोग लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं जिन इलाकों में सड़क की खुदाई की गई है वहां मरम्मत का भी काम हो रहा है.- नितिन नवीन ,पथ निर्माण मंत्री, बिहार

दुर्घटना की बनी रहती है आशंका
बुडको का दावा चाहे जो भी करे लेकिन हकीकत ये है कि सीवर टीट्रमेंट प्लांट यानि एसटीपी को दुरूस्त करने के चक्कर में सड़कें खोदीं गई हैं, उसे समय पर पूरा नहीं किया जा सका है. भले एसटीपी (STP) दुरूस्त हो लेकिन जिस तरह से पटना में बारिश हो रही है डर है कि खोदी गई सड़कों और गड्ढों में गिरकर किसी की जान न चली जाए.

Last Updated : Jun 30, 2021, 10:35 PM IST
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